बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत जारी निदेशों की वैधता अवधि को बढ़ाया जाना – दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी, पश्चिम बंगाल - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत जारी निदेशों की वैधता अवधि को बढ़ाया जाना – दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी, पश्चिम बंगाल
21 अप्रैल 2023 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश संख्या CO.DOS.SED.No.S-2574/12-07-005/2O22-23 द्वारा दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को 22 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को जारी दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश संख्या कें CO.DOS.SED.No.S2574/12-07- 005/2022-23, जिसे दिनांक 20 जनवरी 2023 के निदेश DOR.MON.D-63/12.29.046/2022-23 द्वारा संशोधित किया गया था, की परिचालन अवधि को जनहित में बढ़ाया जाना आवश्यक है। तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को जारी दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश संख्या CODOS.SED.No.S2574/12-07-O0512022-23, अब बैंक पर 23 अप्रैल 2023 से 22 जुलाई 2023 तक अगले तीन माह की अवधि के लिए और लागू रहेंगे तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। संदर्भाधीन निदेश की अन्य नियम एवं शर्तें यथावत् रहेंगी। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त निदेशों को जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बैंक, अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/109 |