RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

136300738

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों का वित्त, 2023-24

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2,418 कंपनियों के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखा, जिसे 2021-22 से 2023-24 तक तीन लेखा वर्षों के लिए भारतीय लेखा मानक (इंड-एएस) प्रारूप में रिपोर्ट किया गया है, के आधार पर वर्ष 2023-24 के दौरान भारत में गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) कंपनियों के वित्तीय कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े1 (https://cimsdbie.rbi.org.in/DBIE/#/dbie/reports/Statistics/Corporate%20Sector/Finances%20of%20FDI%20Companies) जारी किए। उनका आर्थिक क्षेत्र वर्गीकरण कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के एमजीटी-7 फॉर्म (https://www.mca.gov.in/MinistryV2/companyformsdownload.html) में रिपोर्ट की गई प्रमुख कारोबारी गतिविधि पर आधारित है, जो इन आंकड़ों का प्राथमिक स्रोत है।

इन कंपनियों की चुकता पूंजी (पीयूसी) ₹ 5,30,160 करोड़ थी, जो भारतीय प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों की विदेशी देयताओं और आस्तियों संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक की वार्षिक गणना के 2023-24 दौर में रिपोर्ट की गई एफडीआई कंपनियों के कुल पीयूसी का 51.1 प्रतिशत था।

मुख्य बातें

  • लगभग आधी नमूना कंपनियों को सिंगापुर, मॉरीशस और अमेरिका से प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त हुआ, जबकि जापान, नीदरलैंड, यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी अन्य प्रमुख देश थे जिन्होंने भारत में प्रत्यक्ष निवेश किया; नमूना कंपनियों का एक बड़ा हिस्सा विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों से संबंधित था, जिसमें से सेवा क्षेत्र के भीतर लगभग एक तिहाई कंपनियां, सूचना और संचार उद्योग से संबंधित थीं (विवरण 1)।

बिक्री

  • महामारी के बाद दबावग्रस्त मांग की स्थिति के सामान्य होने के साथ, चुनिंदा एफडीआई कंपनियों की निवल बिक्री में वृद्धि पिछले वर्ष में देखी गई 20.3 प्रतिशत की उच्च वृद्धि से 2023-24 के दौरान 9.3 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) तक कम हो गई; 2023-24 के दौरान विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों ने क्रमशः 6.4 प्रतिशत और 12.7 प्रतिशत की न्यूनतर बिक्री वृद्धि दर्ज की (विवरण 2 और 8)।  
  • 'थोक और खुदरा व्यापार' तथा 'बिजली, गैस, भाप और एयर कंडीशन आपूर्ति' उद्योगों को छोड़कर विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगों में बिक्री वृद्धि में नरमी व्यापक आधार पर रही (विवरण 8)।

व्यय

  • विनिर्माण व्यय और कर्मचारियों के पारिश्रमिक की वृद्धि में नरमी के कारण, परिचालन व्यय में 2023-24 के दौरान 7.8 प्रतिशत की न्यूनतर वृद्धि दर्ज की गई, जो बिक्री वृद्धि में मंदी के अनुरूप है (विवरण 2 और 8)।

लाभ

  • बिक्री में कम वृद्धि के बावजूद, लागत युक्तिकरण ने समग्र स्तर पर परिचालन लाभ को पिछले वर्ष के दौरान 15.3 प्रतिशत की वृद्धि से 2023-24 के दौरान 20.4 प्रतिशत तक बढ़ाने में मदद की; विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के परिचालन लाभ में क्रमशः 20.4 प्रतिशत और 19.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई (विवरण 2 और 8)।
  • प्राइवेट लिमिटेड एफडीआई कंपनियों ने पब्लिक लिमिटेड एफडीआई कंपनियों की तुलना में उच्च लाभ वृद्धि दर्ज की (विवरण 10)।
  • समग्र स्तर पर, परिचालन लाभ मार्जिन और निवल लाभ मार्जिन दोनों में पिछले वर्ष की तुलना में 2023-24 के दौरान क्रमशः 120 आधार अंक (बीपीएस) और 30 बीपीएस का सुधार हुआ, जिसके कारण यह क्रमशः 13.2 प्रतिशत और 6.4 प्रतिशत हो गया (विवरण 3)।

लीवरेज

  • नमूना एफडीआई कंपनियों का लीवरेज (इक्विटी की तुलना में ऋण अनुपात के संदर्भ में मापा जाता है) मामूली रहा और 2023-24 के दौरान 33.2 प्रतिशत रहा; प्रमुख क्षेत्रों में; 2023-24 के दौरान विनिर्माण क्षेत्र के लीवरेज में सुधार हुआ और यह 16.8 प्रतिशत हो गया, जबकि सेवा क्षेत्र के लिए यह बढ़कर 43.4 प्रतिशत हो गया, जिसका कारण 'परिवहन और भंडारण सेवाओं' तथा 'सूचना और संचार' उद्योगों में उच्च लीवरेज है (विवरण 3 और 11)।
  • समग्र स्तर पर, ब्याज व्याप्ति अनुपात (आईसीआर)2 में सुधार जारी रहा और यह 2023-24 के दौरान 4.4 रहा, जिसमें सकल लाभ में वृद्धि, ब्याज व्यय में वृद्धि से आगे निकल गई; विनिर्माण क्षेत्र का आईसीआर पिछले वर्ष की तुलना में 2023-24 के दौरान थोड़ा कम होकर 7.8 हो गया, जबकि 2023-24 के दौरान सेवा क्षेत्र के लिए इसमें 3.3 तक सुधार हुआ (विवरण 2, 3 और 11)।  

निधि के स्रोत एवं उपयोग

  • लाभ में उच्च वृद्धि के कारण, कुल निधियों के स्रोतों में आंतरिक निधियों की हिस्सेदारी पिछले वर्ष के 48.1 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 के दौरान 52.1 प्रतिशत हो गई; परिणामस्वरूप, 2023-24 के दौरान निधियों के बाह्य स्रोतों की हिस्सेदारी घटकर 47.9 प्रतिशत हो गई, जिसका मुख्य कारण व्यापार संदेय में काफी कम वृद्धि है (विवरण 6ए)।
  • 2023-24 के दौरान, कुल निधि स्रोतों में सकल स्थायी पूंजी निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली निधियों की हिस्सेदारी घटकर 38.8 प्रतिशत (2022-23 में 48.3 प्रतिशत) हो गई, जबकि ‘इक्विटी लिखतों में निवेश’, ‘नकदी और नकदी समकक्षों के अलावा बैंक शेष’ की हिस्सेदारी 2023-24 के दौरान बढ़ गई (विवरण 6बी)।
  • समग्र स्तर पर, अचल संपत्तियों की वृद्धि दर 2023-24 के दौरान पिछले वर्ष के 12.1 प्रतिशत से घटकर 8.3 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) हो गई; अचल संपत्तियों की वृद्धि में सौम्यता, विनिर्माण के साथ-साथ सेवा क्षेत्रों द्वारा परिलक्षित हुई (विवरण 2 और 8)।

वक्तव्यों के व्याख्यात्मक नोट अनुलग्नक में दिए गए हैं।  

(पुनीत पंचोली)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2355


1शृंखला में पिछले आंकड़े 27 मई 2024  को प्रकाशित किया गए थे, जो वर्ष 2020-21 से 2022-23 के लिए 2,272 एफडीआई कंपनियों के वित्त पर आधारित थे।

2 आईसीआर (अर्थात ब्याज एवं कर-पूर्व अर्जन और ब्याज व्यय का अनुपात) किसी कंपनी की ऋण चुकौती क्षमता का एक माप है। व्यवहार्य आईसीआर के लिए न्यूनतम मूल्य 1 है।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?