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गैर-सरकारी गैर-वित्तीय सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों के वित्त, 2011-12

24 मई 2013

गैर-सरकारी गैर-वित्तीय सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों के वित्त, 2011-12

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों के वित्त, 2011-12 से संबंधित आंकड़े जारी किए।

ये आंकड़े 3041 गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखों के आधार पर संकलित किए गए हैं। यह तीन वर्षों की अवधि 2009-10 से 2011-12 की तुलनात्मक तस्वीर प्रस्तुत करता है। आंकड़ों पर व्याख्यात्मक टिप्पणियां अंत में दी गई हैं। बड़ी गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों (10 मिलियन रु. या इससे अधिक की चुकता पूंजी वाली प्रत्येक कंपनी) के ऐसे ही आंकड़े 22 फरवरी 2013 में जारी किए गए थे।

मुख्य निष्कर्ष

  • वर्ष 2011-12 के दौरान बिक्री और परिचालन व्यय में वृद्धि में नरमी आई। उत्पादन मात्रा की तुलना में परिचालन व्यय में उच्च वृद्धि से लाभ में गिरावट आई जिसे ब्याज-पूर्व अर्जन, कर, मूल्य ह्रास और परिशोधन (ईबीआईटीडीए) और कर उपरांत लाभ (पीएटी) द्वारा मापा गया है। वर्ष 2011-12 में चयनित कंपनियों के लाभ मार्जिन में भी कमी आई।

  • प्रत्येक 1 बिलियन की बिक्री वाली लघु कंपनियों ने वर्ष 2011-12 में बिक्री में गिरावट और नकारात्मक/कम मूल्य ह्रास और परिशोधन मार्जिन दर्ज किया।10 बिलियन और इससे अधिक की बिक्री वाली बड़ी बिक्री समूह वाली कंपनियों में तुलनात्मक रूप से बिक्री वृद्धि और मूल्य ह्रास और परिशोधन मार्जिन में कम सुधार हुआ।

  • सेवा क्षेत्र में विनिर्माण क्षेत्र की तुलना में बिक्री वृद्धि में अधिक नरमी आई। तथापि, मूल्य ह्रास और परिशोधन मार्जिन में गिरावट सेवा क्षेत्र में कम रही। विद्युत, गैस, भाप और वातानुकूलन आपूर्ति उद्योग वाली कंपनियों ने वर्ष 2011-12 में मूल्य ह्रास और परिशोधन के साथ-साथ मूल्य ह्रास और परिशोधन मार्जिन में अत्यधिक कमी दर्ज की। वर्ष 2010-11 की तुलना में वर्ष 2011-12 में बिक्री में उच्च वृद्धि के बावजूद निर्माण क्षेत्र में भी मूल्य ह्रास और परिशोधन में गिरावट आई।

  • मशीनरी और उपस्कर (गैर-विद्युतीय) वाली कंपनियों तथा विनिर्माण क्षेत्र में रसायन और रसायन उत्पाद उद्योगों तथा सेवा क्षेत्र में व्यापार और परिवहन एवं भंडारण उद्योगों ने वर्ष 2011-12 में मूल्य ह्रास और परिशोधन में अत्यधिक कमी दर्ज की। रसायन और रसायन उत्पाद तथा परिवहन उद्योगों ने भी मूल्य ह्रास और परिशोधन मार्जिन में अधिक गिरावट का सामना किया। दूसरी तरफ सिमेंट और सिमेंट उत्पाद, खाद्य उत्पाद, और पेय पदार्थ, परिधान और कंप्यूटर तथा संबंधित कार्यकलापों वाले उद्योगों ने वर्ष 2011-12 में मूल्य ह्रास और परिशोधन में उच्च वृद्धि दर्ज की।

  • समग्र स्तर पर कुल निवल आस्तियों और नेटवर्थ में वर्ष 2010-11 की तुलना में वर्ष 2011-12 में कम दरों पर वृद्धि हुई। ऐसी ही प्रवृत्ति बड़ी बिक्री समूहों और अधिकांश उद्योगों में देखी गई।

  • विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों में वर्ष 2010-11 की तुलना में वर्ष 2011-12 में उधारों में कम दर वर वृद्धि हुई। तथापि, 2010-11 और 2011-12 दोनों वर्षों में 'निर्माण' क्षेत्र में उधारों में उच्चतर वृद्धि और विद्युत, गैस, भाप और वातानुकूलन आपूर्ति उद्योग में में उच्च वृद्धि दर्ज की गई। 'मशीनरी और उपस्कर (गैर-विद्युतीय)', 'रसायन और रसायन उत्पाद' और व्यापार उद्योगों के उधारों में भी वर्ष 2010-11 की तुलना में वर्ष 2011-12 में उच्चतर वृद्धि हुई। 10 बिलियन और इससे अधिक की बिक्री वाली बड़ी बिक्री समूह वाली बड़ी कंपनियों की उधार वृद्धि में तेज गिरावट दर्ज की गई।

  • इक्विटी के अनुपात में ऋण (नेटवर्थ के प्रतिशत के रूप में ऋण) द्वारा मापे गए लीवरेज में वर्ष 2010-11 की तुलना में वर्ष 2011-12 में वृद्धि हुई। ऐसा बिक्री के मामले में बड़ी कंपनियों के लिए देखा गया। तथापि, प्रत्येक 1 बिलियन से कम बिक्री वाली लघु कंपनियों के लीवरेज में कमी आई। उद्योग स्तर पर खाद्य उत्पाद और पेयपदार्थ, विदयुतीय उपस्कर, मोटर वाहन और अन्य परिवहन उपस्कर और वास्तविक संपदा उद्योगों में लीवरेज कम हुआ। वर्ष 2011-12 में इक्विटी के अनुपात में ऋण उच्च रहा और 'परिवहन', 'वस्‍त्रोद्योग' और 'लोहा तथा इस्पात' उद्योगों में इसमें और वृद्धि हुई।

  • कुल स्रोतों और निधियों का उपयोग वर्ष 2010-11 की तुलना में वर्ष 2011-12 के दौरान कम रहा जो वर्ष के दौरान धीमी व्यापार गतिविधि दर्शाता है। 61.7 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ बाह्य स्रोतों (अर्थात् कंपनियों के स्वधिकृत निधियों के अतिरिक्त) का कंपनियों द्वारा निधियों की स्रोत उपलब्‍धता पर प्रभाव जारी रहा। शेयरों के नए निर्गम पर प्राप्त प्रीमियम में कमी देखी गई। वर्ष 2010-11 की तुलना में 'व्यापार बकाए और अन्य चालू देयताओं' से प्राप्त निधियों की हिस्सेदारी में वर्ष 2011-12 में वृद्धि हुई।

  • वर्ष 2011-12 के दौरान सकल निर्धारित आस्ति निर्माण कम रहा यद्यपि संयंत्र और मशीनरी में निवेश अधिक रहा। वर्ष के दौरान वित्तीय निवेशों में निधियों के उपयोग में भी वृद्धि हुई।

समग्र स्तर के साथ-साथ लंबी अवधि में बिक्री, आकार और उद्योग पर आधारित गैर-सरकारी गैर-वित्तीय सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों के कार्यनिष्पादन का विश्लेषण करने वाला और आलेख रिज़र्व बैंक बुलेटिन के जून 2013 अंक में प्रकाशित किया जाएगा।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/1964

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