भारत में विदेशी बैंकों द्वारा संपूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां स्थापित करने की रूपरेखा – कराधान मामले - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में विदेशी बैंकों द्वारा संपूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां स्थापित करने की रूपरेखा – कराधान मामले
26 नवंबर 2013 भारत में विदेशी बैंकों द्वारा संपूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां विदेशी बैंक वर्तमान विदेशी बैंक शाखाओं को संपूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों में परिवर्तित करने पर पूंजीगत लाभों और स्टाम्प ड्यूटी के मामलों के संबंध में रिज़र्व बैंक से जानकारी प्राप्त करना हैं। इस संदर्भ में यह उल्लेख किया जा सकता है कि भारत सरकार ने वित्त अधिनियम, 2012 द्वारा आयकर अधिनियम, 1961 में 'किसी विदेशी बैंक की भारतीय शाखा को किसी सहायक कंपनी में परिवर्तित करने के संबंध में विशेष प्रावधान' शीर्षक एक नया अध्याय XII-बीबी जोड़ा है जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ 1 अप्रैल 2013 से पूंजीगत अभिलाभ कर के ऐसे परिवर्तन से होने वाले पूंजीगत अभिलाभों को छूट दी गई है। विदेशी बैंक की वि्द्यमान शाखा को संपूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी में परिवर्तित करने के मामले में लागू होने वाली स्टाम्प ड्यूटी के संबंध में 18 जनवरी 2013 के भारत के राजपत्र की अधिसूचना में अधिसूचित बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2012 के तहत भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 में एक नई धारा ‘8ई’ जोड़ी गई है जिसमें योजना या भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के संबंध में किसी विदेशी बैंक की शाखा को संपूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी में परिवर्तित करने अथवा किसी बैंक की शेयरधारिता को धारण कंपनी में अंतरित करने पर स्टाम्प ड्यूटी से छूट दी गई है। विदेशी बैंक जो अपनी शाखाओं को संपूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों में परिवर्तित करने के इच्छुक हैं, वे उपर्युक्त संशोधनों को ध्यान में रखें। पृष्ठभूमि यह स्मरण होगा कि रिज़र्व बैंक ने 6 नवंबर 2013 को ‘भारत में विदेशी बैंकों द्वारा संपूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां स्थापित करने की रूपरेखा’ जारी किया था। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2013-2014/1064 |