गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 13 फरवरी 2025 को मुंबई में चुनिंदा एनबीएफसी के एमडी और सीईओ के साथ बैठक की - आरबीआई - Reserve Bank of India
गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 13 फरवरी 2025 को मुंबई में चुनिंदा एनबीएफसी के एमडी और सीईओ के साथ बैठक की
गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज सरकारी एनबीएफसी, आवास वित्त कंपनियों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों सहित सभी स्तरों की चुनिंदा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ बैठक की। ये एनबीएफसी, एनबीएफसी क्षेत्र की कुल आस्तियों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा हैं। स्व-विनियामक संगठनों (एसआरओ), सा-धन और सूक्ष्म वित्त संस्थान नेटवर्क (एमएफआईएन) के प्रतिनिधियों के साथ-साथ वित्त उद्योग विकास परिषद (एफआईडीसी) के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया। यह बैठक रिज़र्व बैंक की अपनी विनियमित संस्थाओं के बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधन के साथ बैठक की शृंखला का हिस्सा थी। चुनिंदा एनबीएफसी के साथ पिछली ऐसी बैठक 25 अगस्त 2023 को हुई थी। बैठक में उप गवर्नर श्री एम. राजेश्वर राव, श्री टी. रबी शंकर और श्री स्वामीनाथन जे. के साथ-साथ विनियमन, पर्यवेक्षण और वित्तीय समावेशन के प्रभारी कार्यपालक निदेशक भी शामिल हुए। गवर्नर ने अपने आरंभिक उद्बोधन में ऋण मध्यस्थीकरण, विशेष रूप से छोटे व्यवसायों और विशिष्ट क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्ध कराने में एनबीएफसी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। रिज़र्व बैंक और एनबीएफसी के बीच आवश्यक सहयोगात्मक प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए गवर्नर ने समावेशी विकास, ग्राहक संरक्षण और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत पद्धतियों के साथ संवृद्धि आकांक्षाओं को संतुलित करने पर जोर दिया। उन्होंने ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करने और त्वरित शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने के महत्व को भी रेखांकित किया। एनबीएफसी से वित्तीय समावेशन की दिशा में अपने योगदान को आगे बढ़ाने का आग्रह करते हुए गवर्नर ने उनसे रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू किए जा रहे यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफ़ेस (यूएलआई) का हिस्सा बनने का अनुरोध किया। संवादात्मक सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने क्षेत्र, विभिन्न उद्योग स्तरीय पहलों और रिज़र्व बैंक से उनकी अपेक्षाओं पर अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2144 |