2016-17 की दूसरी तिमाही में निजी कॉर्पोरेट कार्यनिष्पादन को चिह्नित करने वाले बिक्री और निवल लाभ में उच्च वृद्धि – रिज़र्व बैंक ने आंकड़ा जारी किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
2016-17 की दूसरी तिमाही में निजी कॉर्पोरेट कार्यनिष्पादन को चिह्नित करने वाले बिक्री और निवल लाभ में उच्च वृद्धि – रिज़र्व बैंक ने आंकड़ा जारी किया
4 जनवरी 2017 2016-17 की दूसरी तिमाही में निजी कॉर्पोरेट कार्यनिष्पादन को चिह्नित करने वाले बिक्री और निवल सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ़) कंपनियों की कुल बिक्री में वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) 2016-17 की पहली तिमाही में ठहराव के बाद 2016-17 की दूसरी तिमाही में 1.9 प्रतिशत तक बढ़ी। हालांकि, कच्चे माल का व्यय मौजूदा तिमाही में वैश्विक पण्य की कीमतों में सामान्य ठहराव के अनुरूप बढ़ गया। इसके परिणामस्वरूप सकल स्तर पर परिचालनगत लाभ संवृद्धि में गिरावट आई। ब्याज व्यय 2016-17 की दूसरी तिमाही में अपरिवर्तित रहें, जिसने सकल स्तर पर निवल लाभ में 16.0 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि में मदद की। यह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अपनी वेबसाइट पर आज संकलित और जारी किए गए आंकड़ों से स्पष्ट था। यह आंकड़े 2016-17 की दूसरी तिमाही के लिए 2,702 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों के वित्तीय परिणामों पर आधारित है। रिज़र्व बैंक सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों के त्रैमासिक और वार्षिक वित्तीय परिणामों के आधार पर आंकड़ों का संकलन और उसे जारी करता है। 2015-16 की दूसरी तिमाही और 2016-17 की पहली तिमाही से संबंधित आंकड़े भी तुलना करने के लिए तालिकाओं में प्रस्तुत किए गए हैं। डेटा को https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics#!2_42. पर एक्सेस किया जा सकता है। अन्य मुख्य बातें बिक्री पिछली तिमाही में बिक्री में संकुचन के बाद विनिर्माण क्षेत्र के लिए बिक्री संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) में उल्लेखनीय रूप से सुधार हुआ है। हालांकि, सेवाओं (गैर-आईटी) क्षेत्र की बिक्री संकुचित रही और आईटी क्षेत्र ने बिक्री संवृद्धि में गिरावट देखी (तालिका 2 क) । पिछली छह तिमाहियों में संकुचन के बाद ‘लौह और इस्पात ’कंपनियों की बिक्री में वृद्धि: 2016-17 की दूसरी तिमाही में बेहतर हुई। ’पेट्रोलियम उत्पादों की कंपनियों की बिक्री वर्तमान तिमाही में संकुचित रही लेकिन दर पिछली तिमाही (तालिका 5 ए) में दर्ज की गई दर से काफी कम रही। व्यय समग्र स्तर पर और विनिर्माण क्षेत्र में, पिछली सात तिमाहियों में संकुचन के मुकाबले कच्ची सामग्री संबंधी व्यय में 2016-17 की दूसरी तिमाही में तेजी से वृद्धि हुई। (तालिका 1क, 2क)। विनिर्माण और सेवाओं (गैर-आईटी) क्षेत्र में कर्मचारियों की लागत की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर में संवृद्धि हुई और आईटी क्षेत्र के लिए थोड़ा सौम्य रहा (तालिका 2 क)। परिचालनगत लाभ समग्र स्तर पर, परिचालन लाभ पिछली तिमाही में 9.6 प्रतिशत की तुलना में 2016-17 की दूसरी तिमाही में घटकर 5.5 प्रतिशत हो गया (तालिका 1 ए) । 2016-17 की दूसरी तिमाही में परिचालन लाभ में वृद्धि आईटी क्षेत्र में महत्वपूर्ण गिरावट के साथ सभी क्षेत्रों में मंद रही (तालिका 2 क)। ब्याज 2016-17 की दूसरी तिमाही में सकल स्तर पर ब्याज व्यय पिछले तिमाही (तालिका 1 ए) में देखे गए स्तर के समान बने रहे, जबकि विनिर्माण क्षेत्र के लिए ब्याज व्यय में गिरावट आयी (तालिका 2 क)। निवल लाभ सकल स्तर पर निवल लाभ में सुधार हुआ और पिछली तिमाही में 11.2 प्रतिशत की तुलना में 2016-17 की दूसरी तिमाही में 16.0 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई (तालिका 1 क)। क्षेत्रों में, विनिर्माण ने उच्च निवल लाभ वृद्धि दर्ज करना जारी रखा, जबकि सेवाओं (गैर-आईटी) क्षेत्र ने निवल लाभ में संकुचन को जारी रखा, लेकिन इसका दर बहुत कम रहा (तालिका 2 क) । मूल्य निर्धारण क्षमता निवल लाभ मार्जिन द्वारा मापी गयी मूल्य निर्धारण क्षमता कुल स्तर की पिछली तिमाही की तुलना में 2016-17 की दूसरी तिमाही में काफी बढ़ गई (तालिका 1 बी) । इसने सभी क्षेत्रों में सुधार किया, लेकिन आईटी क्षेत्र के लिए, जिसका निवल लाभ मार्जिन 2015-16 की दूसरी तिमाही की तुलना में कम था (तालिका 2 बी) ।
नोट: परिणामों की घोषणा की तारीख के आधार पर, विभिन्न तिमाहियों में कंपनियों का कवरेज कई बार भिन्न होता है। हालांकि इससे सकल स्थिति को महत्वपूर्ण रूप से बदलने की उम्मीद नहीं है। 2016-17 की पहली तिमाही के बाद से, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) द्वारा अनिवार्य रूप से सूचीबद्ध प्रमुख कंपनियां, भारतीय जीएएपी से भारतीय लेखा मानकों में स्थानांतरित हो गई हैं। हालांकि संक्रमण का प्रभाव कुछ कंपनियों के लिए ध्यान देने योग्य है, विकास दर के लिए सकल स्तर पर मंद होने का अनुमान है। वही अनुपातों के लिए धारित नहीं हो सकता है, विशेष रूप से अलग-अलग स्तरों पर और इसके अनुसार व्याख्या करने की आवश्यकता हो सकती है। ‘व्याख्यात्मक नोट्स' जिसमें डेटा के संकलन के लिए संक्षिप्त पद्धति शामिल है और शब्दावली (पुनरीक्षित परिभाषाएँ और गणना जो पिछले रिलीज़ से अलग हैं) अंत में दी गई हैं। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/1763 |