वृद्धिशील आरक्षित नकदी निधि अनुपात (आई-सीआरआर): समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
वृद्धिशील आरक्षित नकदी निधि अनुपात (आई-सीआरआर): समीक्षा
8 सितंबर 2023 वृद्धिशील आरक्षित नकदी निधि अनुपात (आई-सीआरआर): समीक्षा दिनांक 10 अगस्त 2023 के गवर्नर के मौद्रिक नीति वक्तव्य के अनुसरण में, अनुसूचित बैंकों को 19 मई 2023 और 28 जुलाई 2023 के बीच उनकी निवल मांग और मियादी देयताओं (एनडीटीएल) में वृद्धि पर 10 प्रतिशत वृद्धिशील आरक्षित नकदी निधि अनुपात (आई-सीआरआर) बनाए रखना आवश्यक था। इस उपाय का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में ₹2000 के नोटों की वापसी सहित विभिन्न कारकों से उत्पन्न अधिशेष चलनिधि को अवशोषित करना था। यह कहा गया था कि आई-सीआरआर चलनिधि की अधिकता के प्रबंधन के लिए एक अस्थायी उपाय है और त्यौहारी सीज़न से पहले बैंकिंग प्रणाली से अवशोषित राशि को वापस करने की दृष्टि से आई-सीआरआर की समीक्षा 8 सितंबर 2023 या उससे पहले की जाएगी। समीक्षा के बाद, चरणबद्ध तरीके से आई-सीआरआर को बंद करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों के आकलन के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि आई-सीआरआर के अंतर्गत अवशोषित राशि को चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा ताकि प्रणाली की चलनिधि को अचानक आघात का सामना न करना पड़े और मुद्रा बाजार सुव्यवस्थित तरीके से कार्य कर सके। राशियाँ निम्नानुसार जारी की जाएंगी:
आई-सीआरआर के समापन से संबंधित विवरण अलग से अधिसूचित किया जा रहा है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/886 |