30 सितंबर 2009 2009-10 की पहली तिमाही (अर्थात् अप्रैल-जून 2009) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां वित्तीय वर्ष 2009-10 की पहली तिमाही (ति.1) अर्थात अप्रैल-जून 2009 से संबंधित भारत के भुगतान संतुलन के प्रारंभिक आंकड़े अब उपलब्ध हैं। इन आंकड़ों का संपूर्ण ब्यौरा विवरण I और II में भुगतान संतुलन प्रस्तुतीकरण के मानक फार्मेट में दिया गया है। भुगतान संतुलन की मुख्य-मुख्य बातें निर्यात में गिरावट जो अक्तूबर 2008 से प्रारंभ हुई थी वह 2009-10 की पहली तिमाही के दौरान बनी रही। भुगतान संतुलन आधार पर आयात भुगतान भी मुख्य रूप से निम्न तेल आयात बिल के कारण गिरावट की प्रवृत्ति दर्शाते रहे। -
2009-10 की पहली तिमाही (ति.1) में निजी अंतरण प्राप्तियों में उछाल रहा और वे 9.4 प्रतिशत बढ़कर 13.3 बिलियन अमरीकी डालर हो गयीं। तथापि, 2009-10 की पहली तिमाही (ति.1) के दौरान सॉफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात में गिरावट आई। -
20.2 बिलियन अमरीकी डालर के निवल अदृश्य अधिशेष के बावज़ूद मुख्य रूप से निर्यातों में तेज गिरावट के कारण भारी व्यापार घाटे (26.0 बिलियन अमरीकी डालर) से 2009-10 की पहली तिमाही में चालू खाते में 5.8 बिलियन अमरीकी डालर का घाटा हुआ (2008-09 की पहली तिमाही के दौरान 9.0 बिलियन अमरीकी डालर)। -
भारत को होनेवाले पूंजी प्रवाहों, विशेष रूप से विदेशी निवेशों में फिर से जान आ जाने के साथ ही पूंजी खाते में पलटाव आया और यह 2008-09 की पिछली दो तिमाही में रहे नकारात्मक शेष की स्थिति की जगह 2009-10 की पहली तिमाही के दौरान 6.7 बिलियन अमरीकी डालर का धनात्मक अधिशेष हो गया। -
संविभाग निवेश में तेज पलटाव दिखाई दिया और वह 2008-09 की चौथी तिमाही में रहे 2.7 बिलियन अमरीकी डालर के निवल बहिर्वाह से बदलकर 2009-10 की पहली तिमाही में 8.3 बिलियन अमरीकी डालर के निवल अंतर्वाह की स्थिति में पहुंच गया। -
अनिवासी भारतीय जमाराशियों में भी उंचे अंतर्वाह दिखाई दिए जो अनिवासी भारतीय जमाराशियों के संबंध में ब्याज दरों की उच्चतम सीमा में किए गए संशोधनों के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है। -
2009-10 की पहली तिमाही में भुगतान संतुलन (मूल्यन को छोड़कर) आधार पर आरक्षित राशियों में मामूली वृद्धि हुई। तथापि, 2009-10 की पहली तिमाही में मूल्यन सहित विदेशी मुद्रा आरक्षितों में 133.2 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई। इसका अर्थ यह है कि इस अवधि के दौरान आरक्षितों में भी यह वृद्धि मुख्य रूप से मूल्यन में हुए लाभ के कारण थी क्योंकि प्रमुख करेंसियों की तुलना में अमरीकी डालर के मूल्य में गिरावट आई। 1. 2009-10 के अप्रैल-जून (ति.1) के लिए भुगतान संतुलन 2009-10 की प्रथम तिमाही (ति.1) के लिए बीओपी की प्रमुख मदें सारणी 1 में नीचे दी जा रही हैं। सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें | (मिलियन अमरीकी डॉलर) | मद | अप्रैल-मार्च | अप्रैल -जून | 2007-08 आं.सं. | 2008-09 (प्रा.) | 2008-09 आं.सं. | 2009-10 (प्रा.) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | निर्यात | 166,163 | 175,184 | 49,120 | 38,789 | आयात | 257,789 | 294,587 | 80,545 | 64,775 | व्यापार संतुलन (1-2) | -91,626 | -119,403 | -31,425 | -25,986 | अदृश्य, निवल | 74,592 | 89,587 | 22,406 | 20,179 | चालू खाता शेष (3+4) | -17,034 | -29,817 | -9,019 | -5,808 | पूँजी खाता संतुलन* | 109,198 | 9,737 | 11,254 | 5,923 | 7. आरक्षितों में परिवर्तन # | -92,164 | 20,080 | -2,235 | -115 | ढ(-)वृद्धि दर्शाता है; (+) कमी दर्शाता है ज् | | | | | * : भूल-चूक सहित # बीओपी आधार पर (अर्थात मूल्यांकन को छोड़कर) प्रां. : प्रारंभिक आं.सं. : आंशिक संशोधन | पण्य व्यापार निर्यात -
अक्तूबर 2008 से निर्यात में जो गिरावट आरम्भ हुई वह 2009-10 की प्रथम तिमाही में जारी रही। बीओपी आधार पर, भारत के पण्य निर्यात ने 2008-09 की प्रथम तिमाही में 43.0 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2009-10 की प्रथम तिमाही में 21.0 प्रतिशत की कमी दर्ज की। -
वाणिज्यिक आसूचना और अंक संकलन महानिदेशालय(डीजीसीआइ एण्ड एस) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2008-09 की प्रथम तिमाही में 37.4 प्रतिशत की उच्च वृद्धि की तुलना में 2009-10 की प्रथम तिमाही में पण्य व्यापार गिरकर 26.4 प्रतिशत हो गया जिससे वैश्विक आर्थिक संकट के चलते दुनियाभर में मांग में आई कमी परिलक्षित होती है। आयात -
बीओपी आधार पर आयात भुगतानों ने भी अपनी कमी की प्रवृत्ति जारी रखी। 2008-09 की प्रथम तिमाही में 42.9 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि की तुलना में 2009-10 की प्रथम तिमाही में आयात 19.6 प्रतिशत तक गिर गए । -
वाणिज्यिक आसूचना और अंक संकलन महानिदेशालय (डीजीसीआइ एण्ड एस) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार आयातों में आई गिरावट का श्रेय प्रमुख रूप से 2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान कच्चे तेल की कम कीमतों के कारण तेल आयात के भुगतान में आई तेज गिरावट को दिया जा सकता है (2008-09 की प्रथम तिमाही के दौरान 119 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल की तुलना में 2009-10 की प्रथम तिमाही में 63.9 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल)। पीओएल आयातों ने 2008-09 की प्रथम तिमाही के दौरान 74.2 प्रतिशत की तेज वृद्धि की तुलना में 2009-10 की प्रथम तिमाही में 56.9 प्रतिशत की तेज गिरावट दर्ज की। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पीओएल आयातों ने प्रमुख रूप से कच्चे तेल की घटी हुई कीमतों के कारण 10 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि के बावजूद भी 2009-10 की प्रथम तिमाही के दारान 45.1 प्रतिशत की कमी दर्शायी (चार्ट 1)। चार्ट 1 : भारत का पीओएल आयात और कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें iii. डीजीसीआइ एण्ड एस आंकड़ों के अनुसार पिछली तदनुरूपी तिमाही की तुलना में 2009-10 की प्रथम तिमाही में 26.7 बिलियन अमरीकी डॉलर के आयातों की कुल गिरावट में से तेल आयात गिरकर 16.8 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया (2008-09 की प्रथम तिमाही के दौरान आयातों में आई कुल वृद्धि में 59.8 प्रतिशत अंश की तुलना में 2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान कुल आयातों में 63.1 प्रतिशत अंश की गिरावट), जबकि तेल से इतर आयात घटकर 9.8 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गए (2008-09 की प्रथम तिमाही के दौरान आयातों में 40.2 प्रतिशत अंश की कुल वृद्धि की तुलना में 2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान कुल आयातों में 36.9 प्रतिशत अंश की गिरावट)। व्यापार संतुलन -
बीओपी आधार पर, निर्यात की गति में गिरावट 2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान आयातों से अधिक थी जिसके फलस्वरूप एक बहुत बड़ा व्यापार घाटा हुआ ( चार्ट 2)। तथापि, 2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान बीओपी आधार पर व्यापार घाटा (26.0 बिलियन अमरीकी डॉलर) 2008-09 की प्रथम तिमाही की तुलना में कम था (31.4 बिलियन अमरीकी डॉलर)।  | सारणी 2 : सकल अदृश्य प्राप्तियां और भुगतान | (मिलियन अमरीकी डालर) | मद | अदृश्य प्रप्तियां | अदृश्य भुगतान | 2008-09 प्रा. | 2008-09 (1ति.) आं.सं. | 2009-10 (1ति.) आं.सं. | 2008-09 प्रा. | 2008-09 (1ति.) आं.सं. | 2009-10 (1ति.) आं.सं. | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | क. सेवाएं (1 से 5) | 101,224 | 23,059 | 22,389 | 51,406 | 11,441 | 13,351 | 1. यात्रा | 10,894 | 2,504 | 2,286 | 9,432 | 2,164 | 2,004 | 2. परिवहन | 11,066 | 2,611 | 2,490 | 12,777 | 3,328 | 2,777 | 3. बीमा | 1,409 | 350 | 387 | 1,131 | 228 | 314 | 4. जीएनआइई | 389 | 130 | 100 | 791 | 110 | 103 | 5. विविध | 77,466 | 17,464 | 17,127 | 27,275 | 5,611 | 8,153 | जिनमें से : | | | | | | | सॉफ्टवेयर | 47,000 | 12,156 | 10,764 | 2,814 | 857 | 391 | सॉफ्टवेयर से भिन्न | 30,466 | 5,308 | 6,362 | 24,461 | 4,754 | 7,762 | ख. अंतरण | 47,025 | 12,307 | 13,344 | 2,746 | 654 | 466 | निजी | 46,380 | 12,159 | 13,298 | 2,333 | 547 | 360 | सरकारी | 645 | 148 | 46 | 413 | 107 | 107 | ग. आय | 14,307 | 3,573 | 2,951 | 18,818 | 4,438 | 4,688 | निवेश आय | 13,482 | 3,418 | 2,723 | 17,499 | 4,108 | 4,350 | कर्मचारियों को प्रतिपूर्ति | 825 | 155 | 227 | 1,319 | 330 | 338 | अदृश्य मद (क+ख+ग) | 162,556 | 38,939 | 38,684 | 72,970 | 16,533 | 18,505 | जीएनआइई : सरकारी जो अन्यत्र शामिल नहीं है। प्रां. : प्रारंभिक आं.सं. : आंशिक संशोधन | अदृश्य मदें -
2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान अदृश्य मद प्राप्तियाँ आंशिक रूप से घटीं, जबकि, अदृश्य मद भुगतानों ने एक सकारात्मक वृद्धि दर्ज की ( सारणी 2)। निवल अर्थों में, 20.2 बिलियन अमरीकी डॉलर पर अदृश्य मद शेष पिछले वर्ष की तदनुरूपी अवधि की तुलना में (22.4 बिलियन अमरीकी डॉलर) से कम था, यद्यपि यह 2008-09 की चौथी तिमाही में उससे (19.3 बिलियन अमरीकी डॉलर) अधिक था ( सारणी 3)। अदृश्य प्राप्तियाँ -
अदृश्य मद प्राप्तियों ने 2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान 0.7 प्रतिशत की आंशिक गिरावट दर्ज की (2008-09 की प्रथम तिमाही के दौरान 30.3 प्रतिशत की उच्च वृद्धि की तुलना में) जो बीमा और वित्तीय सेवाओं को छोड़कर सेवाओं की लगभग सभी श्रेणियों में आई गिरावट और निवेश आय प्राप्तियों में 20.3 प्रतिशत की गिरावट के कारण थी। -
2008-09 की प्रथम तिमाही में 37.6 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान सॉफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात में 11.5 प्रतिशत की गिरावट आई (चार्ट 3)। नैस्कॉम के अनुसार, अनुमान है कि सॉफ्टवेयर सेवा निर्यात 4 से 7 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान 48 से 50 बिलियन अमरीकी डॉलर हो जाएंगे। -
2008-09 की प्रथम तिमाही के दौरान 19.9 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में यात्रा प्राप्तियों में 8.7 प्रतिशत की गिरावट और ये 2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान 2.3 बिलियन अमरीकी डॉलर रहीं जो नवम्बर 2008 से देश में यात्रियों के आगमन में गिरावट को परिलक्षित करती हैं। पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2009-10 की प्रथम तिमाही में विदेशी पर्यटकों के आगमन का प्रतिशत 1.8 प्रतिशत कम हो गया। सारणी 3 : निवल अदृश्य मदें | (मिलियन अमरीकी डालर) | मद | अप्रैल-मार्च | अप्रैल-जून | 2007-08 (आं.सं.) | 2008-09 (प्रा.) | 2008-09 (आं.सं.) | 2009-10 (प्रा.) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | क. सेवाएं (1 से 5) | 37,565 | 49,818 | 11,618 | 9,038 | 1. यात्रा | 2,095 | 1,462 | 340 | 282 | 2. परिवहन | -1,500 | -1,711 | -717 | -287 | 3. बीमा | 595 | 278 | 122 | 73 | 4. सरकारी जो अन्यत्र शामिल नहीं है। | -46 | -402 | 20 | -3 | 5. विविध | 36,421 | 50,191 | 11,853 | 8,973 | जिनमें से : | | | | | सॉफ्टवेयर | 37,242 | 44,186 | 11,299 | 10,373 | सॉफ्टवेयर से भिन्न | -821 | 6,005 | 554 | -1,400 | ख. अंतरण | 41,944 | 44,279 | 11,653 | 12,878 | निजी | 41,705 | 44,047 | 11,612 | 12,939 | सरकारी | 239 | 232 | 41 | -61 | ग. आय | -4,917 | -4,511 | -865 | -1,737 | निवेश आय | -4,281 | -4,017 | -690 | -1,627 | कर्मचारियों को प्रतिपूर्ति | -636 | -494 | -175 | -110 | अदृश्य मद (क+ख+ग) | 74,592 | 89,586 | 22,406 | 20,179 | जीएनआइई : सरकारी जो अन्यत्र शामिल नहीं है। प्रां. : प्रारंभिक आं.सं. : आंशिक संशोधन | चार्ट 3: अदृश्य मदों के प्रमुख घटक  | iv. निजी अंतरण मुख्य रूप से निम्नस्वरूप के रहे (i) भारत से बाहर काम करनेवाले लोगों द्वारा परिवार निर्वाह के लिए भेजे जानेवाले अंतर्वाही विप्रेषण,(ii) अनिवासी भारतीय रुपया जमाराशियों से स्थानीय आहरण, (iii) यात्री बैगेज के माध्यम से लाया गया सोना और चांदी तथा (iv) धर्मार्थ/धार्मिक संस्थाओं को दिए गए व्यक्तिगत उपहार/दान। v. निजी अंतरण प्राप्तियां जिनमें मुख्य रूप से विदेश में कार्यरत भारतीयों द्वारा भेजे जाने वाले विप्रेषण हैं, और अनिवासी भारतीयों की जमाओं से आहरण शामिल हैं, में उछाल जारी रही और वे 2008-09 की प्रथम तिमाही के दौरान 12.2 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान 9.4 प्रतिशत बढ़कर 13.3 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गए। निजी अंतरण प्रप्तियों ने 2009-10 की प्रथम तिमाही में 17.2 प्रतिशत की चालू खाता प्राप्तियों का निर्माण किया (2008-09 की प्रथम तिमाही में 13.8 प्रतिशत)। vi. अनिवासी भारतीय जमाराशियां जब घरेलू रूप से आहरित की जाती हैं, निजी अंतरणों का एक अंग बन जाती हैं क्योंकि स्थानीय उपयोग के प्रयोजन के लिए एक बार आहरित किए जाने पर ये एकपक्षीय अंतरण हो जाती हैं और इनके बदले कुछ नहीं मिलता है। अनिवासी भारतीय जमाराशियों से किए जानेवाले ऐसे स्थानीय आहरण/मोचन भुगतान संतुलन के पूंजी खाते में देयता के रूप में मौजूद नहीं रह जाते हैं और ये निजी अंतरणों का रूप ग्रहण कर लेते हैं जिसे भुगतान संतुलन के चालू खाते में शामिल कर लिया जाता है। vii. अनिवासी भारतीय जमाराशियों के अंतर्गत अंतर्वाह और बहिर्वाह दोनों ही प्रवाह हाल ही के बीते समय में बड़े बने रहे हैं। अनिवासी भारतीय जमाराशियों से बहिर्वाह का एक प्रमुख हिस्सा स्थानीय आहरणों के रूप में है। तथापि, ये आहरण वास्तव में बाहर नहीं भेजे जाते हैं बल्कि इन्हें घरेलू उपयोग में लाया जाता है। 2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान अनिवासी भारतीय जमाराशियों से होनेवाले कुल बहिर्वाहों में स्थानीय आहरणों का हिस्सा 2008-09 की प्रथम तिमाही के 62.5 प्रतिशत से मामूली गिरकर 59.5 प्रतिशत हो गया (सारणी 4)। सारणी 4 : अनिवासी भारतीय जमाओं और स्थानीय आहरणों से अन्तर्वाह और बहिर्वाह | (मिलियन अमरीकी डालर) | वर्ष | अन्तर्वाह | बहिर्वाह | स्थानीय आहरण | 1 | 2 | 3 | 4 | 2006-07 | 19,914 | 15,593 | 13,208 | 2007-08 (आं.स.) | 29,401 | 29,222 | 18,919 | 2008-09 (प्रा.) | 37,089 | 32,799 | 20,617 | 2008-09 (ति.1)(आं.स.) | 9,063 | 8,249 | 5,157 | 2009-10 (ति.1)(प्रा.) | 11,172 | 9,354 | 5,568 | प्रां. : प्रारंभिक आं.सं. : आंशिक संशोधन | viii. निजी अंतरणों के अंतर्गत परिवार भरणपोषण के लिए भेजे जानेवाले अंतर्वाह विप्रेषण का हिस्सा कुल निजी अंतरण प्राप्तियों का लगभग 54 प्रतिशत रहा जबकि स्थानीय आहरण का हिस्सा 2009-10 की प्रथम तिमाही में 42 प्रतिशत रहा (सारणी 5)। सारणी 5 : भारत को हुए निजी अंतरणों का ब्यौरा | (मिलियन अमरीकी डालर) | वर्ष | कुल निजी अंतरण | जिनमें से : | परिवार के पोषण के लिए अंतर्वाही विप्रेषण | अनिवासी भारतीय जमाराशियों से स्थानीय आहरण /चुकौतियां | राशि | कुल में प्रतिशत हिस्सा | राशि | कुल में प्रतिशत हिस्सा | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 2006-07 | 30,835 | 14,740 | 47.8 | 13,208 | 42.8 | 2007-08 (आं.सं.) | 43,506 | 21,920 | 50.4 | 18,919 | 43.5 | 2008-09 (प्रा.) | 46,380 | 23,148 | 49.9 | 20,617 | 44.5 | 2008-09 (ति.1) (झ्ीं) | 12,159 | 6,383 | 52.5 | 5,157 | 42.4 | 2009-10 (ति.1) (झ्) | 13,298 | 7,184 | 54.0 | 5,568 | 41.9 | प्रा. : प्राथमिक आं.सं. आंशिक रूप से संशोधित | ix. 2009-10 की प्रथम तिमाही में सॉफ्टवेयर निर्यातों को छोड़कर विविध प्राप्तियाँ 6.4 बिलियन अमरीकी डॉलर रहीं (2008-09 की प्रथम तिमाही में 5.3 बिलियन अमरीकी डॉलर)। इन आंकड़ों का ब्यौरा सारणी 6 में प्रस्तुत है। सारणी 6 : विविध सेवाओं के अन्तर्गत सॉफ्टवेयर से भिन्न प्राप्तियों और भुगतानों का ब्यौरा | (मिलियन अमरीकी डालर) | मद | प्राप्तियां | भुगतान | 2008-09 प्रा. | 2008-09 आं.सं. (ति.1) | 2009-10 (ति.1) प्रा. | 2008-09 प्रा. | 2008-09 ति.1 आ.सं.) | 2009-10 (ति.1) (प्रा.) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 1.संचार सेवाएं | 2,170 | 510 | 418 | 996 | 226 | 312 | 2.निर्माण | 866 | 119 | 208 | 889 | 134 | 382 | 3.वित्तीय सेवाएं | 3,939 | 609 | 1,116 | 2,961 | 628 | 928 | 4.समाचार एजेंसी | 799 | 182 | 127 | 385 | 64 | 91 | 5.रॉयल्टी, कॉपी राइट और लाइसेंस शुल्क | 132 | 30 | 69 | 1,755 | 495 | 414 | 6. कारोबारी सेवाएं | 16,251 | 3,550 | 2,586 | 15,269 | 3,133 | 3,645 | 7.निजी, सांस्कृतिक, मनोरंजक | 729 | 107 | 158 | 306 | 64 | 58 | 8. अन्य | 5,580 | 201 | 1,678 | 1,900 | 10 | 1,932 | कुल (1 से 8) | 30,466 | 5,308 | 6,362 | 24,461 | 4,755 | 7,762 | प्रा.: प्राथमिक; आं.सं.:आंशिक रूप से संशोधित; टिप्पणी: कारोबारी सेवाओं (मद 6) का ब्यौरा सारणी 7 में दिया गया है। | x. कारोबारी सेवाओं के विभिन्न घटकों के अन्तर्गत विस्तृत प्रप्तियां और भुगतान अर्थात व्यापार संबंधी सेवाएं, कारोबार और प्रबंधन परामर्श सेवाएं, वास्तु, इंजीनियरिडग और अन्य तकनीकी सेवाएं तथा विदेश में कार्यालय चलाने से संबंधित सेवाएं सारणी 7 में प्रस्तुत हैं। सारणी 7: कारोबारी सेवाओं का ब्यौरा | (मिलियन अमरीकी डालर) | मद | प्राप्तियां | भुगतान | | 2008-09 (प्रा.) | 2008-09 (ति.1) (आं.सं.) | 2009-10 (ति.1) (प्रा.) | 2008-09 (प्रा.) | 2008-09 (ति.1) (आं.सं.) | 2009-10 (ति.1) (प्रा.) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 1.व्यापार से संबंधित | 2,008 | 496 | 360 | 1,642 | 450 | 549 | 2.कारोबार और प्रबंधन परामर्श | 4,847 | 1,147 | 954 | 3,512 | 498 | 794 | 3.वास्तुशाॉााय, अभियांत्रिकी और अन्य तकनीकी सेवाएं | 1,759 | 430 | 367 | 3,106 | 553 | 698 | 4. विदेश में कार्यालय का खर्च | 2,980 | 476 | 358 | 3,283 | 565 | 898 | 5.अन्य | 4,657 | 1,001 | 547 | 3,726 | 1,067 | 706 | कुल (1 से 5) | 16,251 | 3,550 | 2,586 | 15,269 | 3,133 | 3,645 | प्रा. : प्राथमिक; आं.सं.:आंशिक रूप से संशोधित | xi. 2008-09 की प्रथम तिमाही में 3.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में निवेश आय प्राप्तियाँ 2009-10 प्रथम तिमाही में 2.7 बिलियन अमरीकी डॉलर थीं (सारणी 8)। निवेश, आय के अन्तर्गत प्राप्तियों में गिरावट विदेशों में निम्न ब्याज दर के कारण थी। सारणी 8 : निवेश आय की प्राप्तियों एवं भुगतानों के ब्यौरे | (मिलियन अमरीकी डॉलर) | | 2007-08 (आं.सं.) | 2008-09 (प्रा.) | 2008-09 (ति.1) (आं.सं.) | 2009-10 (ति.1) (प्रा.) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | क. प्राप्तियाँ | 13,808 | 13,482 | 3,418 | 2,723 | जिनमें से : | | 1. विदेशों में भारतीय निवेश पर पुन: निवेशित अर्जन | 1,084 | 1,084 | 271 | 271 | 2. विदेशी मुद्रा आरक्षितों पर ब्याज / छूट अर्जन | 10,124 | 10,480 | 2,672 | 1,915 | ख. भुगतान | 18,089 | 17,499 | 4,108 | 4,350 | जिनमें से : | | | | | 1. अनिवासी भारतीय जमाओं पर ब्याज भुगतान | 1,813 | 1,547 | 349 | 393 | 2. ईसीबी पर ब्याज भुगतान | 2,655 | 2,702 | 690 | 653 | 3. बाह्य सहायता पर ब्याज भुगतान | 1,143 | 1,010 | 266 | 242 | 4. लाभांश तथा लाभ | 3,576 | 3,168 | 898 | 871 | 5. भारत में एफडीआइ कंपनियों की पुन: निवेशित अर्जन | 7,168 | 6,426 | 1,492 | 1,696 | ग. निवल निवेश आय (क-ख) | -4,281 | -4,017 | -690 | -1,627 | प्रा. : प्राथमिक; आं.सं.:आंशिक रूप से संशोधित | अदृश्य भुगतान (i) 2009-10 की प्रथम तिमाही में अदृश्य भुगतानों ने 11.9 प्रतिशत की एक सकारात्मक वृद्धि दर्शायी (2008-09 की प्रथम तिमाही में 13.5 प्रतिशत), जो कि प्रमुख रूप से सेवाओं और आय खातों के अन्तर्गत भुगतानों में आई वृद्धि के कारण थी। तथापि, 2009-10 की प्रथम तिमाही में सेवा खाते में यात्रा, परिवहन, जीएनआइई और सॉफ्टवेयर सेवाओं के अन्तर्गत नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। (ii) 2009-10 की प्रथम तिमाही के दौरान निवेश आय भुगतान (इसमें प्रमुख रूप से वाणिज्यिक उधारों; बाह्य सहायता और अनिवासी जमाओं पर ब्याज भुगतान और भारत में कार्यरत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआइ) उद्यमों की पुन: निवेशित आय शामिल है) मामूली बढ़कर 4.4 बिलियन अमरीकी डॉलर (2008-09 की प्रथम तिमाही में 4.1 बिलियन अमरीकी डॉलर) हो गये जो कि प्रमुख रूप से भारत में एफडीआइ कंपनियों की बढ़ी हुई पुन:निवेशित आयों के कारण था (सारणी 8)। अदृश्य शेष (iii) अदृश्य प्राप्तियों में गिरावट और अदृश्य भुगतानों में वृद्धि के मिले-जुले प्रभाव से पिछले वर्ष की तदनुरूप अवधि के 22.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 2009-10 की पहली तिमाही में 20.2 बिलियन अमरीकी डॉलर रहकर निवल अदृश्य मदें (अदृश्य प्राप्तियों से अदृश्य भुगतान घटाकर) मामूली रूप से कम रहीं (सारणी 3)। तथापि, इस स्तर पर इस अदृश्य अधिशेष ने 2009-10 की पहली तिमाही के दौरान व्यापार घाटे के लगभग 77.7 प्रतिशत का वित्तपोषण किया (2008-09 की पहली तिमाही के दौरान 71.3 प्रतिशत)। चालू खाता अधिशेष (i) निवल अदृश्य आधिक्य के बावजूद भारी व्यापार घाटा जो मुख्य रूप से निर्यातों में तेज गिरावट के कारण था, के कारण 2009-10 की पहली तिमाही में 5.8 बिलियन अमरीकी डॉलर का चालू खाता घाटा हुआ (2008-09 की पहली तिमाही के दौरान 9.0 बिलियन अमरीकी डॉलर) (चार्ट 4)। चार्ट 4 : चालू खाता शेष में घटबढ़ पूंजी खाता (i) भारत की दीर्घावधि वृद्धि संभावनाओं में विश्वास जताते हुए 2008-09 की पिछली दो तिमाहियों की तुलना में 2009-10 की पहली तिमाही के दौरान भारत को होने वाले सकल पूंजी अंतर्वाहों में फिर से जान आ गयी। तथापि, सकल अंतर्वाह 2008-09 की पहली तिमाही के 90.9 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 78.5 बिलियन अमरीकी डॉलर रहे जिसमें मुख्य रूप से एफआइआइ, एफडीआइ और एनआरआइ जमाराशियों के अंतर्गत होने वाले पूंजी अंतर्वाह मुख्य रूप से आगे रहे (सारणी 9)। 2009-10 की पहली तिमाही के दौरान सकल पूंजी बहिर्वाह 2008-09 की पहली तिमाही के 79.7 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में कम रहते हुए 71.8 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा। (ii) भारत में पूंजी अंतर्वाहों में फिर से जान आ जाने, खासकर विदेशी निवेशों में जान आ जाने से पूंजी खाते ने एकदम से पलटा खाया और यह 2008-09 की पिछली दो तिमाहियों में ऋणात्मक शेष की स्थिति से 2009-10 की पहली तिमाही में 6.7 बिलियन अमरीकी डॉलर के धनात्मक शेष की स्थिति में आ गया (2008-09 की पहली तिमाही में 11.1 बिलियन अमरीकी डॉलर) (सारणी 10)। सारणी 9 : सकल पूंजी अंतर्वाह और बहिर्वाह | (मिलियन अमरीकी डॉलर) | मद | सकल अंतर्वाह | सकल बहिर्वाह | 2008-09 (प्रा.) | 2008-09 (ति.1) (आं.सं.) | 2009-10 (ति.1) (प्रा.) | 2008-09 (प्रा.) | 2008-09 (ति.1) (आं.सं.) | 2009-10 (ति.1) (प्रा.) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 1.विदेशी प्रत्यक्ष निवेश | 36,258 | 12,137 | 9,612 | 18,762 | 3,170 | 2,779 | 2. संविभाग निवेश | 128,651 | 40,764 | 38,625 | 142,685 | 44,975 | 30,357 | जिसमें से | | | | | | | एफआइआइ | 127,349 | 39,746 | 38,559 | 142,366 | 44,923 | 30,332 | एडीआर/जीडीआर | 1,163 | 999 | 43 | - | - | - | 3.बाह्य सहायता | 5,042 | 909 | 821 | 2,404 | 558 | 737 | 4.बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) | 15,382 | 2,760 | 2,092 | 7,224 | 1,293 | 2,448 | 5.अनिवासी भारतीय जमाराशियां | 37,089 | 9,063 | 11,172 | 32,799 | 8,249 | 9,354 | 6.अनिवासी भारतीय जमाराशियें को छोड़कर बैंकिंग पूंजी | 27,909 | 12,889 | 4,405 | 35,596 | 11,007 | 9,588 | 7.अल्पावधि व्यापार ऋण | 39,734 | 10,176 | 10,126 | 45,529 | 7,779 | 13,211 | 8.रुपया ऋण सेवा | 0 | 0 | 0 | 101 | 30 | 23 | 9.अन्य पूंजी | 12,391 | 2,176 | 1,636 | 8,210 | 2,678 | 3,256 | कुल (1 से 9) | 302,456 | 90,874 | 78,489 | 293,310 | 79,739 | 71,753 | प्रा.: प्राथमिक आं.सं. : आंशिक रूप से संशोधित | (iii) तथापि, निवल पूंजी अंतर्वाह पिछले वर्ष की तदनुरूप अवधि की तुलना में 2009-10 की पहली तिमाही में निम्न थे। इसका मुख्य कारण अल्पावधि व्यापार ऋण और बैंकिंग पूंजी के अंतर्गत भारी निवल बहिर्वाह थे। सारणी 10 : निवल पूंजी प्रवाह | (मिलियन अमरीकी डॉलर) | | अप्रैल-मार्च | अप्रैल-जून | | 2007-08 (आं.सं.) | 2008-09 (आं.सं.) | 2008-09 (आं.सं.) | 2009-10 (प्रा.) | 1 | 3 | 4 | 5 | 6 | 1.विदेशी प्रत्यक्ष निवेश | 15,401 | 17,496 | 8,967 | 6,833 | अंतर्वाही एफडीआइ | 34,236 | 34,982 | 11,876 | 9,459 | बहिर्वाही एफडीआइ | 18,835 | 17,486 | 2,909 | 2,626 | 2. संविभाग निवेश | 29,556 | -14,034 | -4,211 | 8,268 | जिसमें से | | | | | एफआइआइ | 20,327 | -15,017 | -5,177 | 8,227 | एडीआर/जीडीआर | 8,769 | 1,162 | 999 | 43 | 3.बाह्य सहायता | 2,114 | 2,638 | 351 | 84 | 4.बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) | 22,633 | 8,158 | 1,468 | -356 | 5.अनिवासी भारतीय जमाराशियां | 179 | 4,290 | 814 | 1,817 | 6.अनिवासी भारतीय जमाराशियें को छोड़कर बैंकिंग पूंजी | 11,578 | -7,687 | 1,882 | -5,183 | 7.अल्पावधि व्यापार ऋण | 17,183 | -5,795 | 2,397 | -3,085 | 8.रुपया ऋण सेवा | -121 | -101 | -30 | -23 | 9.अन्य पूंजी | 9,470 | 4,181 | -502 | -1,620 | कुल (1 से 9) | 107,993 | 9,146 | 11,135 | 6,736 | प्रा.: प्राथमिक आं.सं. : आंशिक रूप से संशोधित | (iv) 2009-10 की पहली तिमाही में निवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआइ) अंतर्वाह की राशि 6.8 बिलियन अमरीकी डॉलर रही (2008-09 की पहली तिमाही (ति.1) में 9.0 बिलियन अमरीकी डॉलर)। 2009-10 की पहली तिमाही में आने वाले निवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 2009-10 की ति.1 में 9.5 बिलियन अमरीकी डॉलर (2008-09 की ति.1 में 11.9 बिलियन अमरीकी डॉलर) रहे। बाहर जाने वाले निवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 2008-09 की ति.1 के 2.9 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 2009-10 की ति.1 में 2.6 बिलियन अमरीकी डॉलर रहे। (v) 2009-10 के ति.1 के दौरान भारत में आने वाले विदेशी प्रत्यक्ष निवेशों की दिशा मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र (19.2 प्रतिशत), रियल इस्टेट गतिविधियां (15.6 प्रतिशत), वित्तीय सेवाएं (15.4 प्रतिशत), निर्माण कार्य (12.2 प्रतिशत) और कारोबार सेवाओं (11.7 प्रतिशत) की ओर रही। मॉरिशस लगातार 2009-10 की पहली तिमाही के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेशों का प्रमुख स्रोत बना रहा जिसका हिस्सा 48.9 प्रतिशत था और उसके बाद 12.8 प्रतिशत पर अमरीका का स्थान था। (vi) संविभाग निवेश जिसमें मूल रूप से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) के निवेश और अमेरिकन डिपॉज़िटरी रसीदें (एडीआर)/ग्लोबल डिपाज़िटरी रसीदें (जीडीआर) रहती हैं, में तेज पलटाव दिखाई दिया और यह 2008-09 की चौथी तिमाही के 2.7 बिलियन अमरीकी डालर के निवल बहिर्वाह की स्थिति से 2009-10 की पहली तिमाही में 8.3 बिलियन अमरीकी डालर के निवल अंतर्वाह की स्थिति में आ गया। 2009-10 के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों के अंतर्वाहों में तेज वृद्धि का श्रेय अंतर्राष्ट्रीय शेयर बाजारों के अनुरूप देशी शेयर बाजारों की स्थिति में सुधार (रिकवरी), बेहतर कंपनी निष्पादन राजनीतिक स्थिरता तथा अपेक्षाकृत बेहतर वृद्धि संभावनाओं को दिया जा सकता हैं। (vii) विदेशी बाजारों में चलनिधि की तंगी 2009-10 की पहली तिमाही में भी जारी रही। 2009-10 के पहले दो महीनों में बाह्य वाणिज्यिक उधारों के अनुमोदन अत्यंत कम रहे हालांकि जून 2009 में स्थिति सुधार गई। इसके अलावा, 2009-10 की पहली तिमाही में ईसीबी की चुकौतियां ऊंची रहीं और यह 2.1बिलियन अमरीकी डालर (2008-09 की ति.1 में 1.1 बिलियन अमरीकी डालर)रहीं। परिणामस्वरूप, ईसीबी के अंतर्गत 0.4 बिलियन अमरीकी डालर के निवल बहिर्वाह रहे (2008-09 की पहली तिमाही में 1.5 बिलियन अमरीकी डालर का अंतर्वाह)। (viii) 2009-10 की पहली तिमाही के दौरान अल्पावधि व्यापार ऋण का सकल संवितरण 10.1 बिलियन अमरीकी डालर रहा जो लगभग 2008-09 की पहली तिमाही के बराबर है। तथापि, 2009-10 की पहली तिमाही में अल्पावधि व्यापार ऋण की चुकौतियां बहुत अधिक अर्थात 13.2 बिलियन अमरीकी डालर रहीं (2008-09 की पहली तिमाही में 7.8 बिलियन अमरीकी डालर)। परिणामस्वरूप, 2009-10 की पहली तिमाही में अल्पावधि व्यापार ऋण के अंतर्गत 3.1 बिलियन अमरीकी डालर के निवल बहिर्वाह रहे (2008-09 की पहली तिमाही में 2.4 बिलियन अमरीकी डालर के निवल अंतर्वाह)। (ix) बैंकिंग पूंजी में मुख्य रूप से वाणिज्यिक बैंकों की विदेशी आस्तियां और देयताएं आती हैं और विदेशी देयताओं का प्रमुख भाग अनिवासी भारतीय जमाराशियों से निर्मित होता है। बैंकिंग पूंजी (निवल) जिसमें अनिवासी भारतीय जमाराशियां शामिल हैं 2009-10 की पहली तिमाही में 3.1 बिलियन अमरीकी डालर पर नकारात्मक थी जबकि 2008-09 की पहली तिमाही में 2.7 बिलियन अमरीकी डालर का धनात्मक निवल अंतर्वाह था। बैंकिंग पूंजी के घटकों के बीच अनिवासी भारतीय जमाराशियों में 2009-10 की पहली तिमाही में 1.8 बिलियन अमरीकी डालर के भारी अंतर्वाह देखे गए (2008-09 की पहली तिमाही में 0.8 बिलियन अमरीकी डालर के निवल अंतर्वाह) जो अनिवासी भारतीय जमाराशियों पर उच्चतम ब्याज दर में संशोधनों के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाते हैं। (x) अन्य पूंजी में शामिल हैं निर्यात में अग्रिम और विलंबित भुगतान, विदेश में रखी गयी निधियां विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अंतर्गत शेयरों के निर्गम लंबित रखते हुए प्राप्त अग्रिम और अन्यत्र शामिल न की गई अन्य पूंजी। अन्य पूंजी ने 2009-10 की पहली तिमाही में 1.6 बिलियन अमरीकी डालर के निवल बहिर्वाह दर्ज किये। अन्य पूंजी के विवरण सारणी 11 में दशाये गये हैं। सारणी 11 : ‘अन्य पूंजी’ (निवल) का विवरण | (मिलियन अमरीकी डॉलर) | मद | अप्रैल-मार्च | अप्रैल-जून | 2007-08 ल(आं.सं.) | 2008-09 (आं.सं.) | 2008-09 (आं.सं.) | 2009-10 (प्रा.) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 1. निर्यात में लीड और लैग | 983 | 5,424 | -247 | 1,459 | 2. विदेश में रखी गई निवल निधियां | -5,487 | -2,056 | -1,358 | -1,592 | 3. एफडीआइ के अंतर्गत शेयरों के निर्गम को लंबित रखते हुए प्राप्त अग्रिम | 8,700 | 1,003 | 850 | -1,547 | 4. अन्यत्र शामिल न की गई (एनआइई) अन्य पूंजी | 5,274 | -190 | 254 | 60 | कुल (1 से 4) | 9,470 | 4,181 | -502 | -1,620 | प्रा.: प्राथमिक आं.सं.: आंशिक रूप से संशोधित *: डेरिवेटिव और हेजिंग, आव्रजक अंतरण और अन्य पूंजी अंतरण से संबद्ध लेनदेन शामिल हैं। | आरक्षितों में घटबढ़ (i) 2009-10 की पहली तिमाही में भुगतान संतुलन आधार (अर्थात मूल्यन को छोड़कर) पर विदेशी मुद्रा आरक्षितों में वृद्धि 115 मिलियन अमरीकी डॉलर रही (2008-09 की पहली तिमाही में 2,235 मिलियन अमरीकी डॉलर की आरक्षित वृद्धि की तुलना) (सारणी 12 और चार्ट 5)। तथापि, मूल्यन सहित विदेशी मुद्रा भंडार 2009-10 की पहली तिमाही में 13.2 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़ा। जिसका अर्थ है कि इस अवधि के दौरान आरक्षितों में यह वृद्धि मुख्य रूप से मूल्यन लाभ के कारण थी क्योंकि अमरीकी डॉलर प्रमुख करेंसियों की तुलना में गिरा है ढविदेशी मुद्रा भंडार में घट-बढ़ के स्रोतों से संबंधित प्रेस विज्ञप्ति अलग से जारी की जा रही हैज्। (ii) जून 2009 के अंत की स्थिति के अनुसार बकाया विदेशी मुद्रा भंडार 265.1 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा। सारणी 12: 2008-09 में आरक्षितों में घटबढ़ के स्रोत | (मिलियन अमरीकी डॉलर) | मद | 2007-08 (आं.सं.) | 2008-09 (आं.सं.) | 2008-09 (आं.सं.) | 2009-10 (प्रा.) | 1 | 2 | 3 | 4 | | अ. चालू खाता शेष | (-)17,034 | (-)29,817 | (-)9,019 | (-) 5,808 | आ. पूंजी खाता * | 109,198 | 9,737 | 11,253 | 5,923 | जिसमें से | | | | | (i) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश | 15,401 | 17,496 | 8,968 | 6,833 | (ii) संविभाग निवेश | 29,556 | (-)14,034 | (-)4,211 | 8,268 | (iii) बाह्य वाणिज्यिक उधार | 22,633 | 8,158 | 1,468 | (-)356 | (iv) बैंकिंग पूंजी | 11,757 | (-)3,397 | 2,696 | (-) 3,365 | (v) अल्पावधि व्यापार ऋण | 17,183 | (-)5,795 | 2,397 | (-) 3,085 | इ. आरक्षितों में परिवर्तन : | | | | | (-) वृद्धि दर्शाता है; (+) गिरावट दर्शाता है # | (-)92,164 | 20,080 | (-) 2,235 | (-) 115 | *: भूल-चूक सहित. #: भुगतान संतुलन आधार पर (अर्थात् मूल्यन सहित)। प्रा.: प्राथमिक आं.सं.: आंशिक रूप से संशोधित | चार्ट 5 : भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि (iii) संक्षेप में, भारत के भुगतान संतुलन के महत्वपूर्ण पहलू जो 2009-10 की पहली तिमाही के दौरान उभरे वे थे (i) भारी व्यापार घाटा जिसमें निर्यात में तेज गिरावट सबसे आगे थी, (ii) निवल अदृश्य आधिक्य जिसमें विदेश में रहने वाले भारतीयों द्वारा किए जाने वाले विप्रेषण और साफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात से होने वाले विप्रेषण आगे रहे, (iii) भारी व्यापार घाटे के कारण 5.8 बिलियन अमरीकी डालर का चालू खाता घाटा, (iv) निवल पूंजी अंतर्वाहों में सुधार जिसे मुख्य रूप से भारी एफआइआइ तथा एफडीआइ अंतर्वाहों से समर्थन मिला तथा (v) आरक्षितों में मामूली वृद्धि। 2. आयात आंकड़ों का मिलान (i) 2009-10 की पहली तिमाही के दौरान सीमा शुल्क आयात आंकड़ों और भुगतान संतुलन के पण्य आयात संबंधी रिकॉर्डों के आधार पर दो आंकड़ा सेटों के बीच का अंतर लगभग 13.8 बिलियन अमरीकी डॉलर आता है जो,धविगत अनुभव के अनुसार, बाद में कम हो जाएगा (सारणी 13)। सारणी 13: डीजीसीआइ एण्ड एस तथा भुगतान संतुलन आयात आंकड़े | (मिलियन अमरीकी डॉलर) | मद | अप्रैल-मार्च | अप्रैल-जून | | 2007-08 आं.सं | 2008-09 | 2008-09 आं.सं. | 2009-10 प्रा. | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 1. भुगतान संतुलन आधार पर आयात | 257,789 | 294,587 | 80,545 | 64,775 | 2. डीजीसीआइ एण्ड एस आयात | 251,439 | 287,759 | 77,609 | 50,936 | 3. अंतर (1-2) | 6,350 | 6,828 | 2,936 | 13,839 | 3. बाह्य क्षेत्र संकेतक (i) बाह्य क्षेत्र संकेतकों के विवरण सारणी 14 में दिये गये हैं। सारणी 14: महत्वपूर्ण बाह्य क्षेत्र संकेतक | मद | 2007-08 | 2008-09 | 2008-09 (ति1) (आं.सं) | 2009-10 (ति1) (प्रा.) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | पण्य व्यापार | | 1. निर्यात (भुगतान संतुलन आधार पर अमरीकी डॉलर) वृद्धि दर (प्रतिशत) | 28.9 | 5.4 | 43.0 | -21.0 | 2. आयात (भुगतान संतुलन आधार पर अमरीकी डॉलर) वृद्धि दर (प्रतिशत) | 35.2 | 14.3 | 42.9 | -19.6 | 3. कच्चे तेल के धमूल्य अम.डॉलर प्रति बैरल (भारतीय बास्केट) | 79.2 | 82.4 | 118.8 | 63.9 | 4. व्यापार संतुलन (बिलियन अमरीकी डॉलर) | -91.6 | -119.4 | -31.4 | -26.0 | अदृश्य प्राप्तियां | | 5. निवल अदृश्य(बिलियन अमरीकी डॉलर) | 74.6 | 89.6 | 22.4 | 20.2 | 6. निवल अदृश्य अधिशेष / व्यापार घाटा (प्रतिशत) | 81.4 | 75.0 | 71.3 | 77.7 | 7. अदृश्य प्राप्तियां/चालू प्राप्तियां (प्रतिशत) | 47.2 | 48.1 | 44.2 | 49.9 | 8. सेवा प्राप्तियां/चालू प्राप्तियां (प्रतिशत) | 28.6 | 30.0 | 26.2 | 28.9 | 9. निजी अंतरण प्राप्तियां / चालू प्राप्तियां (प्रतिशत) | 13.8 | 13.7 | 13.8 | 17.2 | चालू खाता | | 10. चालू प्राप्तियां (बिलियन अमरीकी डॉलर) | 314.8 | 337.7 | 88.1 | 77.5 | 11चालू भुगतान (बिलियन अमरीकी डॉलर) | 331.8 | 367.6 | 97.1 | 83.3 | 12. चालू खाता शेष (बिलियन अमरीकी डॉलर) | -17.0 | -29.8 | -9.0 | -5.8 | पूंजी लेखा | | 13. सकल पूंजी अंतर्वाह (बिलियन अमरीकी डॉलर) | 433.0 | 302.5 | 90.9 | 78.5 | 14. सकल पूंजी बहिर्वाह (बिलियन अमरीकी डॉलर) | 325.0 | 293.3 | 79.7 | 71.8 | 15. निवल पूंजी प्रवाह (बिलियन अमरीकी डॉलर) | 108.0 | 9.1 | 11.1 | 6.7 | 16. निवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश/ निवल पूंजी प्रवाह (प्रतिशत) | 14.3 | 191.3 | 80.5 | 101.4 | 17. निवल संविभाग निवेश/निवल पूंजी प्रवाह (प्रतिशत) | 27.4 | -153.4 | -37.8 | 122.7 | 18. निवल ईसीबी/निवल पूंजी प्रवाह (प्रतिशत) | 21.0 | 89.2 | 13.2 | -5.3 | आरक्षित | | 19. आरक्षितों के लिए आयात कवर (महीनों में) | 14.4 | 10.3 | 13.3 | 11.4 | 20. अवधि के अंत की स्थिति के अनुसार बकाया आरक्षित (बिलियन अमरीकी डॉलर) | 309.7 | 252.0 | 312.1 | 265.1 | 4. दिसंबर 2007 को समाप्त तिमाही के लिए बाह्य ऋण (i) मौजूदा प्रथा के अनुसार मार्च और जून को समाप्त तिमाही के संबंध में सूचना भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की जाती है, जबकि सितंबर और दिसंबर को समाप्त तिमाहियों के लिए बाह्य ऋण संबंधी आंकड़े वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। तदनुसार, जून 2009 को समाप्त तिमाही के लिए बाह्य ऋण से संबंधित आंकड़े भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आज जारी किए जा रहे हैं। अजीत प्रसाद प्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2009-2010/508 |