29 सितंबर 2006 जून 2006 के अंत में भारत का बाह्य ऋण
- तिमाही के दौरान रुपया ऋण को छोड़कर बाह्य ऋण के सभी घटक बढ़े हैं (सारणी 1 और चार्ट 2)।
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तिमाही के दौरान बाह्य ऋण के घटकों में से बाह्य वाणिज्यिक उधारों (ईसीबी) में सर्वाधिक वृद्धि (5.4 बिलियन अमरीकी डालर) दिखी जो सुदृढ़ घरेलू निवेश की गतिविधि को दर्शाता है। मार्च 2006 के अंत में ईसीबी के स्टॉक में कमी के लिए आंशिक रूप से वृद्धि को भी उत्तरदायी माना जा सकता है। जबकि 2005-06 के दौरान ईसीबी के अन्तर्गत सकल संवितरण अधिक थे, इंडिया मिलेनियम डिपॉजिट (आइएमडी) के मूलधन की चुकौती के कारण सकल संवितरण कम रहे। तिमाही के दौरान ईसीबी के अन्तर्गत, वाणिज्यिक बैंक ऋण और विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बाँड (एफसीसीबी) के कारण काफी वृद्धि हुई।
सारणी 1 : भारत के बाह्य ऋण
मद |
के अंत तक |
तिमाही के दौरान घटबढ़ |
मार्च 06 |
जून 06 |
|
|
राशि |
राशि |
राशि |
|
(मिलियन अमरिकी डॉलर) |
(मिलियन अमरिकी डॉलर) |
(मिलियन अमरिकी डॉलर) |
प्रतिशत |
(1) |
(2) |
(3) |
(4) |
(5) |
1. बहुपक्षीय |
32,558 (26.0) |
33,105 (25.1) |
547 |
1.7 |
2. द्विपक्षीय |
15,784 (12.6) |
15,833 (12.0) |
49 |
0.3 |
3. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष |
0 (0.0) |
0 (0.0) |
0 |
0.0 |
4. व्यापार ऋण |
|
|
|
|
क.. 1 वर्ष से अधिक |
5,326 (4.3) |
5,455 (4.1) |
129 |
2.4 |
ख. 1 वर्ष तक* |
8,788 (7.0) |
9,196 (7.0) |
408 |
4.6 |
5. वाणिज्यिक उधार |
25,560 (20.4) |
30,975 (23.4) |
5,415 |
21.2 |
6. एनआरआई जमाराशियां (दीर्घकालिक) |
35,134 (28.1) |
35,651 (27.0) |
517 |
1.5 |
7. रुपया ऋण |
2,031 (1.6) |
1,915 (1.4) |
-116 |
-5.7 |
8. कुल ऋण |
1,25,181 (100.0) |
1,32,130 (100.0) |
6,949 |
5.6 |
मेमो मदें |
क. दीर्घावधि ऋण |
1,16,393 (93.0) |
1,22,934 (93.0) |
6,541 |
5.6 |
ख. अल्पावधि ऋण |
8,788 (7.0) |
9,196 (7.0) |
408 |
4.6 |
कोष्ठक में दिए गए आंकड़े कुल ऋण की तुलना में हिस्से को दर्शाते हैं * इसमें 180 दिन तक के आपूर्तिकर्ताओं के ऋणों को शामिल नहीं किया गया है।
अप्रैल-जून 2006 के दौरान बाह्य द्विपक्षीय ऋण की पूर्व चुकौती की राशि 59.2 अमरीकी बिलियन डालर थी। ऋण भार वहन क्षमता के संकेतक
- बाह्य ऋण-भार वहन क्षमता के संकेतक सारणी 2 में दिए गए हैं जो भारत के बाह्य ऋण की दशा में जारी सुधार को दर्शाते हैं।
सारणी 2: ऋण भार वहन क्षमता के संकेतक (प्रतिशत में)
संकेतक |
मार्च 2006 के अंत में |
जून 2006 के अंत में |
(1) |
(2) |
(3) |
अल्पावधि / कुल ऋण |
7.0 |
7.0 |
अल्पावधि ऋण / प्रारक्षित |
5.8 |
5.6 |
रियायती ऋण / कुल ऋण |
31.5 |
30.2 |
रिज़र्व / कुल ऋण |
121.1 |
123.3 |
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कुल विदेशी ऋण में रियायती ऋण का हिस्सा मार्च 2006 के अंत में 31.5 प्रतिशत से गिरकर जून 2006 के अंत में में 30.2 प्रतिशत हो गया। याद होगा कि मार्च 1991 के अंत में यह अनुपात 45.9 प्रतिशत के आस-पास था। इस स्थिति से भारत के बाह्य ऋण के गैर-रियायती निजी ऋण में क्रमिक वृद्धि का पता चलता है।
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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बाह्य ऋण से 30.8 बिलियन अमरीकी डालर अधिक हो गया जो जून 2006 के अंत में बाह्य ऋण के 123.3 प्रतिशत की सुरक्षा प्रदान करता है (चार्ट 4)
जून 2005 से जून 2006 की अवधि की ऋण की स्थिति का पूरा ब्योरा विवरण 1 और 2 में दिया गया है बी.वी.राठोड प्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/450 |