जून 2007 के अंत में भारत का बाह्य ऋण - आरबीआई - Reserve Bank of India
जून 2007 के अंत में भारत का बाह्य ऋण
28 सितंबर 2007
जून 2007 के अंत में भारत का बाह्य ऋण
जून 2007 के अंत के लिए बाह्य ऋण के आंकड़ों का संकलन किया गया है। वर्तमान प्रथा के अनुसार, भारत के बाह्य ऋण के आंकड़ों का संकलन किया गया है तथा उन्हें राजकोषीय वर्ष की चार संदर्भ अवधियों के लिए प्रकाशित किया गया है - मार्च के अंत की स्थिति रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में, जून के अंत की स्थिति रिज़र्व बैंक के मासिक बुलेटिन में, सितंबर के अंत की स्थिति आर्थिक सर्वेक्षण, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार में तथा दिसंबर के अंत की स्थिति ‘इंडियाज एक्सटर्नल डेट : ए स्टेटस रिपोर्ट ’, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार में दी गई है। जून 2007 के अंत में बाह्य ऋण के ब्यौरे मानक फार्मेट में रुपए तथा डालर में क्रमशः विवरण 1 और विवरण 2 में प्रस्तुत किए गए हैं। बाह्य ऋण के आंकड़े जून 2005 से संशोधित किए गए हैं तथा उनमें अभी संकलित अनिवासी भारतीय जमा के तहत अनिवासी (साधारण) (एनआरओ) खाता जमा संबंधी आंकड़े शामिल किए गए हैं। बाह्य ऋण में अनिवासी साधारण जमाराशियों को शामिल करने के फलस्वरूप जून 2005 को समाप्त तिमाही से बाह्य ऋण के स्टॉक को संशोधित कर बढ़ाया गया है।
I.बाह्य ऋण का स्टाक
जून 2007 के अंत में बाह्य ऋण 165.4 बिलियन अमरीकी डालर था जो मार्च 2007 के अंत के स्तर पर 8.7 बिलियन अमरीकी डालर अथवा 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है (सारणी 1 तथा चार्ट 1)— घटक विश्लेषण के अनुसार, कुल बाह्य ऋण में लगभग 63 प्रतिशत अंशदान बाह्य वाणिज्यिक उधार (इसीबी) का था तथा उसके बाद अनिवासी भारतीय जमा (15.6 प्रतिशत) तथा 180 दिन तक के आपूर्तिकर्ता ऋण को निकालकर एक साल की परिपक्वता वाले व्यापार ऋण (12 प्रतिशत) का स्थान है।
चार्ट 1 : भारत का बाह्य ऋण
सारणी 1: बकाया बाह्य ऋण
निम्नलिखित के अंत में |
कुल बाह्य ऋण |
घटबढ़ (मिलियन अमरीकी डॉलर) |
|
|
पिछले वर्ष की |
पिछली तिमाही की तुलना में |
|
(1) |
(2) |
(3) |
(4) |
जून 05 |
123,438 |
10,661 (9.5) |
-722 (-0.6) |
सितं. 05 |
126,045 |
13,074 (11.6) |
2,607 (2.1) |
दिसं. 05 |
121,361 |
1,028 (0.9) |
-4,684 (-3.7) |
मार्च 06 |
127,623 |
3,463 (2.8) |
6,262 (5.2) |
जून 06 |
133,455 |
10,017 (8.1) |
5,832 (4.6) |
सितं. 06 |
137,942 |
11,897 (9.4) |
4,487 (3.4) |
दिसं. 06 |
144,578 |
23,217 (19.1) |
6,636 (4.8) |
मार्च 07 |
156,649 |
29,026 (22.7) |
12,071 (8.3) |
जून 07 |
165,394 |
31,939 (23.9) |
8,745 (5.6) |
नोट: कोष्ठक के आंकड़े प्रतिशत वृद्धि दर्शाते हैं।
II. बाह्य ऋण के घटक
बाह्य ऋण के विभिन्न घटकों में, बाह्य वाणिज्यिक उधार (इसीबी) 48.3 बिलियन डालर है तथा इसमें 2007-08 की पहली तिमाही में 5.5 बिलियन अमरीकी डालर (12.9 प्रतिशत) की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है (सारणी 2 और चार्ट 2) — देशी औद्योगिक कार्यकलापों के विस्तार सहित प्रौद्योगिकी को उन्नत और आधुनिक बनाने के लिए चल रहे प्रयासों के फलस्वरूप भारतीय कंपनियों द्वारा निवेश संबंधी मांग में वृद्धि हुई है जो बाह्य वाणिज्यिक उधारों ( विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड सहित) की वृद्धि में प्रतिबिंबित होता है।
जून 2007 के अंत में 42.6 बिलियन अमरीकी डालर पर अनिवासी भारतीय जमाराशियों में 1.4 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई। अनिवासी भारतीय जमाराशियों के बहिर्गमन के बावजूद उक्त वृद्धि मूल्यन संबंधी प्राप्ति के कारण हुई। बकाया अनिवासी साधारण जमाराशियां मार्च 2007 के अंत में 1,616 मिलियन अमरीकी डालर तथा जून 2007 के अंत में 1,846 मिलियन अमरीकी डालर हो गईं।
अन्य घटकों में, अल्पकालिक व्यापार ऋण (180 दिन की परिपक्वता वाले आपूर्तिकर्ता ऋण को छोड़कर एक वर्ष की परिपक्वता तक ) में 1.0 बिलियन अमरीकी डालर (8.8 प्रतिशत) की वृद्धि हुई जबकि एक वर्ष से अधिक परिपक्वता वाले व्यापार ऋण में मार्च 2007 के अंत की तुलना में जून 2007 को समाप्त तिमाही के दौरान 818 मिलियन अमरीकी डालर (11.7 प्रतिशत) की वृद्धि हुई। 2007-08 की पहली तिमाही में बहुपक्षीय ऋण में 317 मिलियन अमरीकी डालर (0.9 प्रतिशत) की वृद्धि हुईं तथा द्विपक्षीय ऋण में 417 मिलियन अमरीकी डालर (2.6 प्रतिशत) की गिरावट आई।
सारणी 2 : घटकों द्वारा बाह्य ऋण में घटबढ़
मद |
के अंत में |
जून 2007 के अंत |
|||
|
जून 07 |
मार्च 07 (मिलि.अ.डॉलर) |
मार्च 06 |
(मिलि.अ.डॉलर) |
(प्रतिशत)
|
(1)) |
(2) |
(3) |
(4) |
(5) |
(6) |
1. बहुपक्षीय |
35,958 (21.7) |
35,641 (22.8) |
32,559 (25.5) |
317 |
0.9 |
2. द्विपक्षीय |
15,687 (9.5) |
16,104 (10.3) |
15,734 (12.3) |
-417
|
-2.6
|
3. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष |
0 (0.0) |
0 (0.0) |
0 (0.0) |
0
|
0.0
|
4. व्यापार ऋण |
|||||
क. एक वर्ष से अधि |
7,782 (4.7) |
6,964 (4.4) |
5,419 (4.2) |
818
|
11.7
|
ख. एक वर्ष तक * |
13,019 (7.9) |
11,971 (7.6) |
8,696 (6.8) |
1,048
|
8.8
|
5. वाणिज्यिक उधार |
48,314 (29.2) |
42,780 (27.3) |
26,902 (21.1) |
5,534
|
12.9
|
6. अनिवासी भारतीय जमाराशियाँ (दीर्घावधि ) |
42,603 (25.8) |
41, 240 (26.3) |
36,282 (28.4) |
1,363
|
3.3
|
7. रुपया ऋण |
2,031 (1.2) |
1,949 (1.2) |
2,031 (1.6) |
82
|
4.2
|
8.कुल ऋण |
165,394 (100.0) |
156,649 (100.0) |
127,623 (100.0) |
8,745
|
5.6
|
ज्ञापन मदें |
|||||
अ. दीर्घावधि ऋण |
152,375 (92.1) |
144,678 (92.4) |
118,927 (93.2) |
7,697
|
5.3
|
आ. अल्पावधि ऋण |
13,019 (7.9) |
11,971 (7.6) |
8,696 (6.8) |
1,048
|
8.8
|
कोष्ठकों के आंकड़े कुल ऋण में हिस्सा दर्शाते हैं —
- 180 दिनों तक की परिपक्वता वाले आपूर्तिकर्ता ऋण को छोड़कर —
चार्ट 2 : बाह्य ऋण के घटक
III. मुद्रा संघटक
भारत के बाह्य ऋण की मुद्रा संघटना व्यापक रूप से अपरिवर्तित रही क्योंकि अमरीकी डालर प्रबल मुद्रा बना रहा जो कुल बाह्य ऋण स्टॉक का 50.4 प्रतिशत था, इसके पश्चात भारतीय रुपया (18.0 प्रतिशत), एसडीआर (12.3 प्रतिशत) और जापानी येन (12.0 प्रतिशत) था (सारणी 3 और चार्ट 3)—
सारणी 3 : बाह्य ऋण की मुद्रा संघटना
(कुल बाह्य ऋण में प्रतिशत हिस्सा)
मुद्रा |
जून 2007 के अंत में |
मार्च 2007 के अंत में |
(1) |
(2) |
(3) |
अमरीकी डॉलर |
50.4 |
48.6 |
एसडीआर |
12.3 |
13.1 |
भारतीय रुपया |
18.0 |
18.2 |
जापानी येन |
12.0 |
12.7 |
यूरो |
4.1 |
4.4 |
पाउंड स्टर्लिंग |
2.8 |
2.6 |
अन्य |
0.4 |
0.4 |
कुल |
100.0 |
100.0 |
चार्ट 3 : जून 2007 के अंत में भारत के बाह्य ऋण की मुद्रा संघटना
IV. मूल्यन परिवर्तन
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया, जून 2007 के अंत में कुल बाह्य ऋण के स्टॉक में 8.7 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि दिखी। इसमें से 1.2 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि मूल्यन प्रभाव के कारण थी, जो अन्य बड़ी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले अमरीकी डालर के ह्रास को दर्शाती है। इसका तात्पर्य है कि मूल्यन प्रभाव को छोड़कर जून 2007 के अंत में बाह्य ऋण का स्टॉक 7.5 बिलियन अमरीकी डालर के लगभग बढ़ा।
V. ऋण-भार वहन क्षमता के संकेतक
भारत के बाह्य ऋण-भार वहन क्षमता के संकेतक नीचे दिए गए हैं (सारणी 4) :
- कुल बाह्य ऋण में रियायती ऋण का हिस्सा मार्च 2007 के अंत के 23.3 प्रतिशत और मार्च 2006 के अंत के 28.5 प्रतिशत से जून 2007 के अंत में 21.8 प्रतिशत वास्तविक रूप से गिरा। यह गतिविधि वाणिज्यिक रूप में निजी स्रोतों से बाह्य उधारों की बढ़ती महत्ता को दर्शाती है।
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बाह्य ऋण से 48.0 बिलियन अमरीकी डालर बढ़ा जिसने मार्च 2007 के अंत के 127.1 प्रतिशत से तुलना करने पर जून 2007 के अंत में बाह्य ऋण स्टॉक को 129.0 प्रतिशत का कवर प्रदान किया (चार्ट 4)—
- 2006-07 में 4.8 प्रतिशत और 2005-06 में 9.9 प्रतिशत से तुलना करने पर ऋण चुकौती अनुपात (कुल ऋण प्राप्तियों की तुलना में कुल ऋण चुकौती अनुपात) 2007-08 की पहली तिमाही के दौरान 4.6 प्रतिशत कम रखा गया।
- 180 दिवसीय परिपक्वता तक के सप्लायर्स क्रेडिट को छोड़कर, अल्पकालिक ऋण 13 बिलियन अमरीकी डालर था, जो कुल ऋण का 7.9 प्रतिशत था।
- विदेशी मुद्रा की तुलना में 180 दिवसीय परिपक्वता तक के सप्लायर्स क्रेडिट को छोड़कर, मार्च 2006 के अंत में अल्पकालिक ऋण 6 प्रतिशत के लगभग बना रहा।
सारणी 4 : ऋण भार वहन क्षमता के संकेतक
(प्रतिशत)
संकेतक |
जून 2007 के अंत में |
मार्च 2007 के अंत में |
मार्च 2006 के अत में |
(1) |
(2) |
(3) |
(4) |
कुल ऋण/जीडीपी |
- |
16.6 |
16.0 |
अल्पावधि/जीडीपी* |
- |
1.3 |
1.1 |
अल्पावधि/कुल ऋण* |
7.9 |
7.6 |
6.8 |
अल्पावधि ऋण/विदेशी मुद्रा भंडार* |
6.1 |
6.0 |
5.7 |
रियायती ऋण/कुल ऋण |
21.8 |
23.3 |
28.5 |
विदेशी मुद्रा भंडार/कुल ऋण |
129.0 |
127.1 |
118.9 |
ऋण चुकौती अनुपात ** |
4.6 |
4.8 |
9.9 |
नोट : ऋण चुकौती अनुपात को कुल वर्तमान प्राप्तियों की तुलना में कुल ऋण चुकौती के अनुपात के रूप में परिभाषित किया गया है।
*180 दिवसीय तक के आपूर्तिकर्ताओं के ऋण को छोड़कर
** अप्रैल-जून 2007, राजकोषीय वर्ष 2006-07 और 2005-06 से संबंधित
चार्ट 4 : बाह्य ऋण के लिए विदेशी मुद्रा भंडार (एफईआर) कवर
अजीत प्रसाद
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/439