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जून 2010 के अंत में भारत का बाह्य ऋण

30 सितंबर 2010

जून 2010 के अंत में भारत का बाह्य ऋण

मानक प्रथा के अनुसार, मार्च तथा जून को समाप्त तिमाहियों के लिए भारत के बाह्य ऋण संबंधी आंकड़े भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा तथा सितंबर तथा दिसंबर को समाप्त तिमाहियों के आंकड़े वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। बाह्य ऋण संबंधी आंकड़े एक तिमाही की देरी से जारी किए जाते हैं। जून 2010 के अंत में बकाया बाह्य ऋण संबंधी आंकड़े पिछली तिमाहियों के संशोधित आंकड़ों सहित विवरण 1 तथा 2 में दिए गए हैं। जून 2010 के अंत में भारत के बाह्य ऋण संबंधी प्रमुख गतिविधियां निम्नलिखित पैरा में दी गई हैं।

प्रमुख गतिविधियां

(i) जून 2010 के अंत में भारत का बाह्य ऋण 273.1 बिलियन अमरीकी डालर था, जो अल्पावधि व्यापार कर्ज, वाणिज्यिक उधार तथा बहुपक्षीय सरकारी उधार में हुई उल्लेखनीय वृद्धि के कारण मार्च 2010 के अंत के स्तर की तुलना में 10.8 बिलियन अमरीकी डालर अथवा 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

(ii) अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं तथा भारतीय रुपए की तुलना में अमरीकी डालर में हुई मूल्यवृद्धि की वजह से पड़ने वाले मूल्यन प्रभाव को छोड़कर, बाह्य ऋण में तिमाही के दौरान 12.1 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई।

(iii) वाणिज्यिक उधार का हिस्सा जून 2010 के अंत में 27.3 प्रतिशत पर सर्वाधिक था, जिसके बाद अल्पावधि ऋण (21.2 प्रतिशत), अनिवासी भारतीय जमाराशियों (17.6 प्रतिशत) तथा बहुपक्षीय ऋण (16.4 प्रतिशत) का स्थान था।

(iv) अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर, जून 2010 के अंत में अल्पावधि ऋण कुल बाह्य ऋण का 42.5 प्रतिशत था, जबकि मूल परिपक्वता के अनुसार अल्पावधि ऋण का हिस्सा 21.2 प्रतिशत था।

(v) विदेशी मुद्रा भंडार में अल्पावधि ऋण का अनुपात मार्च 2010 के अंत के 18.8 प्रतिशत से बढ़कर जून 2010 के अंत में 21.0 प्रतिशत हो गया।

(vi) कुल बाह्य ऋण में अमरीकी डालर का हिस्सा जून 2010 के अंत में 59.8 प्रतिशत था, जिसके बाद भारतीय रुपए (13.2 प्रतिशत) का स्थान था।

(vii) जून 2010 के अंत में बाह्य ऋण के प्रति विदेशी मुद्रा भंडार का कवर मार्च 2010 के अंत के 106.4 प्रतिशत से घटकर 101.0 प्रतिशत रह गया।

1. जून 2010 के अंत में भारत का बाह्य ऋण

(i) जून 2010 के अंत में भारत का बाह्य ऋण  273.1 बिलियन अमरीकी डालर था, जो अल्पावधि व्यापार कर्ज, वाणिज्यिक उधार तथा बहुपक्षीय सरकारी उधार में हुई उल्लेखनीय वृद्धि के कारण मार्च 2010 के अंत के स्तर की तुलना में 10.8 बिलियन अमरीकी डालर अथवा 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

(ii) 215.2 बिलियन अमरीकी डालर का दीर्घावधि ऋण तथा 57.8 बिलियन अमरीकी डालर का अल्पावधि ऋण जून 2010 के अंत में कुल बाह्य ऋण का क्रमशः 78.8 प्रतिशत तथा 21.2 प्रतिशत था।

(iii) कुल बाह्य ऋण में वाणिज्यिक उधार का हिस्सा जून 2010 के अंत में 27.3 प्रतिशत पर सर्वाधिक था, जिसके बाद अल्पावधि ऋण (21.2 प्रतिशत), अनिवासी भारतीय जमाराशियों (17.6 प्रतिशत) तथा बहुपक्षीय ऋण (16.4 प्रतिशत) का स्थान था (सारणी 1)।

सारणी 1 : घटक के अनुसार बाह्य ऋण

(मिलियन अमरीकी डालर)

मद

मार्च के अंत में

जून के अंत में

2008

2009

2010 आं.सं.

2009

2010 आं.सं.

1

2

3

4

5

6

1. बहुपक्षीय

39,490

39,538

42,755

41,236

44,679

 

(17.6)

(17.6)

(16.3)

(18.0)

(16.4)

2. द्विपक्षीय

19,708

20,613

22,592

21,377

22,933

 

(8.8)

(9.2)

(8.6)

(9.3)

(8.4)

3. अंमुको

1120

1018

6041

1057

5885

 

(0.5)

(0.5)

(2.3)

(0.5)

(2.2)

4. व्यापार ऋण

10,328

14,490

16,878

14,844

17,583

 

(4.6)

(6.5)

(6.4)

(6.5)

(6.4)

5. ईसीबी

62,334

62,413

71,967

62,961

74,465

 

(27.8)

(27.8)

(27.4)

(27.4)

(27.3)

6. एनआरआइ जमाराशियां

43,672

41,554

47,890

44,579

48,108

 

(19.5)

(18.5)

(18.3)

(19.4)

(17.6)

7. रुपया ऋण

2,017

1,527

1,657

1,607

1,584

 

(0.9)

(0.7)

(0.6)

(0.7)

(0.6)

8.दीर्घावधि ऋण (1 से 7)

178,669

181,153

209,780

187,661

215,237

 

(79.6)

(80.7)

(80.0)

(81.7)

(78.8)

9. अल्पावधि ऋण

45,738

43,362

52,471

42,010

57,841

 

(20.4)

(19.3)

(20.0)

(18.3)

(21.2)

कुल (8+9)

224,407

224,515

262,251

229,671

273,078

. : अनंतिम आं.सं.: आंशिक रूप से संशोधित अंमुको : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष; ईसीबी : बाह्य वाणिज्यिक उधार एनआरआइ : अनिवासी भारतीय जमाराशियां टिप्पणी : कोष्ठकों के आंकड़े कुल बाह्य ऋण का प्रतिशत दर्शाते हैं । स्रोत : वित्तमंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

2. मूल्यन में बदलाव

पिछली तिमाही (मार्च 2010 के अंत) की तुलना में, अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं तथा भारतीय रुपए की तुलना में अमरीकी डालर की मूल्यवृद्धि को दर्शानेवाले मूल्यन प्रभाव के फलस्वरूप भारत के बाह्य ऋण में 1.3 बिलियन अमरीकी डालर की गिरावट आई। इसका अभिप्राय यह है कि मूल्यन प्रभाव को छोड़ दें तो जून 2010 के अंत में बाह्य ऋण की मात्रा में मार्च 2010 के अंत के स्तर की तुलना में 12.1 बियिलन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई होती (सारणी 2)।

सारणी 2 : बाह्य ऋण पर मूल्यन प्रभाव

(मिलियन अमरीकी डालर)

जून 2010 के अंत में बाह्य ऋण

मार्च 2010 के अंत की तुलना में कुल घटबढ़

मूल्यन
हानि(-) लाभ(+)

मूल्यन प्रभाव को छोड़कर घटबढ़

1

2

3

4= (2-3)

2,73,078

10,826

-1,291

12,117

3. बाह्य ऋण के घटक

बाह्य ऋण के लगभग सभी घटकों में तिमाही के दौरान वृद्धि दर्ज की गई। जहां अल्पावधि ऋण में 5.4 बिलियन अमरीकी डालर की कुछ तीव्र वृद्धि हुई, वहीं बाह्य सहायता के तहत वाणिज्यिक उधार तथा उधार (बहुपक्षीय तथा द्विपक्षीय ऋण) में मार्च 2010 के अंत की तुलना में जून 2010 के अंत में क्रमशः 2.5 बियिलन अमरीकी डालर तथा 2.3 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई (सारणी 3)।

सारणी 3 : घटक के अनुसार बाह्य ऋण - बकाया तथा घटबढ़

(मिलियन अमरीकी डालर)

मद

के अंत में बकाया

पूर्ण घटबढ़

प्रतिशत घटबढ़

जून 2009

मार्च 2010

जून 2010अ

जून-09 की तुलना में जून-10

मार्च-10 की तुलना में जून-10

जून-09 की तुलना में जून-10

मार्च-10 की तुलना में जून-10

1

2

3

4

5

6

7

8

1.बहुपक्षीय

41,236

42,755

44,679

3,443

1,924

8.3

4.5

2.द्विपक्षीय

21,377

22,592

22,933

1,556

341

7.3

1.5

3.अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

1057

6041

5885

4,828

-156

456.8

-2.6

4.व्यापार ऋण

14,844

16,878

17,583

2,739

705

18.5

4.2

5.वाणिज्यिक उधार 

62,961

71,967

74,465

11,504

2,498

18.3

3.5

6.एनआरआइ जमाराशियां

44,579

47,890

48,108

3,529

218

7.9

0.5

7.रुपया ऋण

1,607

1,657

1,584

-23

-73

-1.4

-4.4

8अल्पावधि ऋण

42,010

52,471

57,841

15,831

5,370

37.7

10.2

जिसमें से :              

(i) अल्पावधि व्यापार

38,482

47,615

53,194

14,712

5,579

38.2

11.7

कुल ऋण (1 से 8)

229,672

262,252

273,078

43,406

10,826

18.9

4.1

ज्ञापन मदें

 

           

अ.दीर्घावधि ऋण (1 से 7)

187,661

209,780

215,237

27,576

5,457

14.7

2.6

आ.अल्पावधि ऋण

42,010

52,471

57,841

15,831

5,370

37.7

10.2

अ. : अनंतिम आं.सं.: आंशिक रूप से संशोधित            
स्त्रोत : वित्तमंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

4. भारत के बाह्य ऋण की मुद्रा संरचना

जून 2010 के अंत में कुल बाह्य ऋण में 59.8 प्रतिशत हिस्से के साथ अमरीकी डालर में मूल्यवर्गित  ऋण का हिस्सा सर्वाधिक बना रहा। जून 2010 के अंत में कुल बाह्य ऋण में भारतीय रुपए का हिस्सा 13.2 प्रतिशत था, जिसके बाद जापानी येन (11.5 प्रतिशत), एसडीआर (10.0 प्रतिशत) तथा यूरो (3.3 प्रतिशत) का स्थान था (सारणी 4)।

सारणी 4 : बाह्य ऋण की मुद्रा संरचना

(कुल बाह्य ऋण में प्रतिशत हिस्सा)

मुद्रा

मार्च के अंत में

जून के अंत में

2008

2009

2010

2009

2010 अ

1

2

3

4

5

6

अमरीकी डालर

55.3

54.1

53.3

54.4

59.8

एसडीआर

10.6

9.8

10.7

9.6

10.0

भारतीय रुपया

16.2

15.4

18.7

14.3

13.2

जापानी येन

12.0

14.3

11.4

14.6

11.5

यूरो

3.5

4.1

3.6

4.4

3.3

पौंड स्टर्लिंग

2.2

2.0

1.8

2.3

1.8

अन्य

0.2

0.3

0.5

0.4

0.4

कुल

100

100

100

100

100

अ : अनंतिम आं.सं. : आंशिक रूप से संशोधित
स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

बाह्य ऋण का लिखतवार वर्गीकरण

(i) सभी उधारकर्ता वर्ग के बीच भारत के बाह्य ऋण क ट लिखतवार वर्गीकरण से यह प्रकट होता है कि कुल बकाया ऋण में उधार का हिस्सा जून 2010 के अंत में लगभग 49 प्रतिशत, लगभग मार्च 2010 के अंत की तरह, था (सारणी 5)।

(ii) भारत के कुल बाह्य ऋण में व्यापार ऋण (दीर्घावधि और अल्पावधि) का हिस्सा 20.2 प्रतिशत तथा मुद्रा और जमाराशियों का हिस्सा 17.9 प्रतिशत था जो तिमाही के दौरान हुई थोड़ी वृद्धि को दर्शाता है।

सारणी 5 : बकाया बाह्य ऋण का लिखतवार वर्गीकरण

(मिलियन अमरीकी डालर)

क्र.सं.

उधारकर्ता

मार्च 2010 के अंत में

जून 2010 के अंत में

1

2

3

4

अ.

सरकार (1+2)

67,066

68,911

1

अल्पावधि

1519

1548

 

(i) मुद्रा बाज़ार लिखतें

1519

1548

2

दीर्घावधि (i)+(ii)+(iii)

59,506

61,478

 

(i) बांड और नोट

3,026

3235

 

(ii) उधार

55,101

56,857

 

(iii) व्यापार कर्ज

1,379

1,386

3

अन्य ऋण देयताएं

6,041

5,885

 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

6,041

5,885

आ.

मौद्रिक प्राधिकरण

695

639

1.

अल्पावधि

695

639

 

(i) मुद्रा और जमाराशियां

695

639

इ.

गैर सरकारी (1+2)

194,492

203528

1

अल्पावधि (i)+(ii)

50,257

55,654

 

(i) मुद्रा बाज़ार लिखतें

2,642

2,460

 

(ii) व्यापार कर्ज़

47,615

53,194

2

दीर्घावधि (i)+(ii)+(iii)+(iv)

144,235

147874

 

(i) बांड और नोट

22,356

22,314

 

(ii) उधर

73,338

76,830

 

(iii) मुद्रा और जमाराशियां

47,890

48,108

 

(iv) व्यापार कर्ज़

651

622

 

कुल बाह्य ऋण (अ+आ+इ)

262,253

273078

स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

6. मूल तथा अवशिष्ट परिपक्वता के अनुसार अल्पावधि ऋण

(i) मूल परिपक्वता के आधार पर, जून 2010 के अंत में अल्पावधि ऋण का हिस्सा कुल बाह्य ऋण के स्टॉक में 21.2 प्रतिशत था (सारणी 6)।

(ii) जहां बाह्य ऋण का संकलन आम तौर पर मूल परिपक्वता के रूप में किया जाता है, वहीं अवशिष्ट परिपक्वता के रूप में बाह्य ऋण, विशेष रूप से अल्पावधि ऋण, का विश्लेषण विदेशी मुद्रा संबंधी चलनिधि के प्रबंधन की दृष्टि से तथा निकट भविष्य में ऋण चुकौती संबंधी भुगतानों के कारण विदेशी मुद्रा के कुल बहिर्वाह को सुनिश्चित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

सारणी 6: मूल परिपक्वता के अनुसार अल्पावधि ऋण

(मिलि.अम.डालर)

 

मार्च के अंत में

जून के अंत में

2008

2009

2010

2009

2010

1

2

3

4

5

6

अल्पावधि ऋण

45,738

43,362

52,471

42,010

57,841

 

क) अनिवासी भारतीय जमाराशियां (एक साल की परिपक्वता तक) @

-

-

-

-

-

 

ख) एफसी (बीएण्डओ) जमाराशियां (एक साल की परिपक्वता तक)

-

-

-

-

-

 

ग) व्यापार से संबद्ध कर्ज  #

41,901

39,964

47,615

38,482

53,194

 

(i) 6 माह से अधिक और एक वर्ष तक का

22,884

23,346

28,002

23,870

32,075

 

(ii) 6 माह तक का

19,017

16,618

19,613

14,612

21,119

 

घ) सरकारी खजाना बिलों और अन्य लिखतों में निवेश

651

2,065

3,357

2149

3,238

 

ङ) विदेशी केंद्रीय बैंकों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं आदि द्वारा खजाना बिलों में किया गया निवेश

155

105

103

104

84

 

च) बाह्य ऋण की देयताएं:

3,031

1,228

1,396

1,275

1,325

 

(i) केंद्रीय बैंक

1,115

764

695

769

639

 

(ii) वाणिज्य  बैंक

1,916

464

701

506

686

आयात (वर्ष के दौरान) *

257,789

294,587

299,491

64,799

87,920

आयातों को व्यापार कर्ज (%)

16.7

15.6

15.9 

-

-

@:एफसीएनआर (ए) के तहत एक साल से कम परिपक्वता वाली अल्पावधि जमाराशियों को 15 मई 1993 से हटा लिया गया था, एफसीएनआर (बी) तथा एनआर(ई)आरए के तहत ऐसी जमाराशियों को क्रमशः अक्तूबर 1999 तथा अप्रैल 2003 से हटा लिया गया था।
#: भुगतान संतुलन के आधार पर स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक

(iii)   अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर, जून 2010 के अंत में अल्पावधि ऋण कुल बाह्य ऋण का 42.5 प्रतिशत था। विदेशी मुद्रा भंडार में अवशिष्ट परिपक्वता के अनुसार अल्पावधि ऋण का अनुपात जून 2010 के अंत में 42.1 प्रतिशत था (सारणी 7)।

7. सरकारी और गैर सरकारी बाह्य ऋण

(i) सरकारी (राष्ट्रीय) बाह्य ऋण मार्च 2010 के अंत के 67.1 बियिलन अमरीकी डालर की तुलना में जून 2010 के अंत में 68.9 बियिलन अमरीकी डालर था। कुल बाह्य ऋण में सरकारी और गैर सरकारी बाह्य ऋण का हिस्सा जून 2010 के अंत में क्रमशः 25.2 प्रतिशत तथा 74.8 प्रतिशत था (सारणी 8)।

सारणी 8 : सरकारी और गैर सरकारी बाह्य ऋण

(मिलि.अम.डालर)

क्र. सं.

घटक

मार्च के अंत में

जून के अंत में

2008

2009

2010

2010

1

2

3

4

5

6

राष्ट्रीय ऋण (I+II)

58,068

54,795

67,065

68,911

 

(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में)

4.7

5.0

4.4

-

I.

बाह्य सहायता के अंतर्गत सरकारी लेखा पर बाह्य ऋण

52,538

51,755

55,232

57,050

II.

अन्य सरकारी बाह्य ऋण@

5,530

3,040

11,833

11,860

गैर सरकारी ऋण#

166,339

169,720

195,188

204,167

 

(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में)

13.4

15.5

11.1

-

कुल बाह्य ऋण (अ+आ)

224,407

224,515

262,252

273,078

 

(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में)

18.1

20.5

15.5

-

@ : अन्य सरकारी बाह्य ऋण में रक्षा ऋण, विदेशी संस्थागत निवेशकों, विदेशी केंद्रीय बैंकों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं  द्वारा खजाना बिलों/सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश शामिल हैं।
#  : मौद्रिक प्राधिकरण के बाह्य ऋण सहित।
स्रोतः  वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक

8. बाह्य ऋण के चुनिंदा संकेतक

(i) भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने मार्च 2010 के अंत के 106.4 प्रतिशत की तुलना में जून 2010 के अंत में बाह्य ऋण के स्टॉक के 101.0 प्रतिशत को कवर किया।

(ii) कुल बाह्य ऋण में रियायती ऋण का हिस्सा घटता रहा तथा वह मार्च 2010 के अंत के 16.7 प्रतिशत की तुलना में जून 2010 के अंत में 15.9 प्रतिशत रह गया।

(iii) जून 2010 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में अल्पावधि ऋण का अनुपात 21.0 प्रतिशत था, जो मार्च 2010 के अंत के 18.8 प्रतिशत की तुलना में उच्चतर था।

(iv) कुल ऋण में अल्पावधि ऋण का हिस्सा थोड़ा बढ़कर जून 2010 के अंत में 21.2 प्रतिशत हो गया (सारणी 9)।

सारणी 9 : भारत के बाह्य ऋण के प्रमुख संकेतक

वर्ष

बाह्य ऋण

जीडीपी के प्रति बाह्य ऋण का अनुपात

ऋण चुकौती अनुपात

कुल ऋण के प्रति विदेशी मुद्रा भंडार का अनुपात

कुल ऋण के प्रति रियायती ऋण का अनुपात

विदेशी मुद्रा भंडार के प्रति अल्पावधि ऋण का अनुपात

कुल ऋण के प्रति अल्पावधि ऋण का अनुपात

(बि.अम.डा.)

(प्रतिशत)

(प्रतिशत)

(प्रतिशत)

(प्रतिशत)

(प्रतिशत)

(प्रतिशत)

1

2

3

4

5

6

7

8

1990-91

83.8

28.7

35.3

7.0

45.9

146.5

10.2

1995-96

93.7

27.0

26.2

23.1

44.7

23.2

5.4

2000-01

101.3

22.5

16.6

41.7

35.4

8.6

3.6

2001-02

98.8

21.1

13.7

54.7

35.9

5.1

2.8

2002-03

104.9

20.3

16.0*

72.5

36.8

6.1

4.5

2003-04

111.6

18.0

16.1**

101.2

35.8

3.9

4.0

2004-05

134.0

18.1

5.9^

106.4

30.7

12.5

13.3

2005-06

139.1

16.7

10.1#

109.0

28.4

12.9

14.1

2006-07

172.4

17.5

4.7

115.6

23.0

14.1

16.3

2007-08

224.4

18.1

4.7

138.0

19.7

14.8

20.4

2008-09

224.5

20.5

4.4

112.2

18.7

17.2

19.3

2009-10आं.सं.

262.3

18.9

5.5

106.4

16.7

18.8

20.0

जून के अंत में 10अ

273.1

 

 

101.0

15.9

21.0

21.2

अ: अनंतिम;  आं.सं.: आंशिक रूप से संशोधित            
* 3,430 मिलियन अमरीकी डालर के बाह्य ऋण की पूर्व-अदायगी को निकालकर 12.4 प्रतिशत होता है।
** 3,797 मिलियन अमरीकी डालर के बाह्य ऋण की पूर्व-अदायगी तथा 5,549 मिलियन अमरीकी डालर के रिसर्जेंट इंडिया बांड (आरआइबी) के मोचन को छोड़कर 8.2 प्रतिशत होता है।
^ 381 मिलियन अमरीकी डालर के बाह्य ऋण की पूर्व-अदायगी को छोड़कर 5.7 प्रतिशत होता है।
# इंडिया मिलेनियम डिपॉजिट (आइएमडी)की 7.1 बिलियन अमरीकी डालर की पूर्व-अदायगी तथा 23.5 मिलियन अमरीकी डालर के बाह्य ऋण की पूर्व-अदायगी को छोड़कर 6.3 प्रतिशत होता है।
स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार तथा भारतीय रिज़र्व बैंक

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/452

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