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जून 2011 की समाप्ति पर भारत का बाह्य ऋण

30 सितंबर 2011

जून 2011 की समाप्ति पर भारत का बाह्य ऋण

मानक प्रथा के अनुसार मार्च तथा जून को समाप्त तिमाहियों की बाह्य ऋण सांख्यिकी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की जाती है जबकि सितंबर तथा दिसंबर तिमाहियों की सांख्यिकी वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी की जाती है। बाह्य ऋण संबंधी आंकड़े एक तिमाही के अंतराल पर जारी किये जाते हैं। जून 2011 के अंत में बकाया बाह्य ऋण के आंकड़े तथा पिछली तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण 1 तथा 2 में दिये गये हैं। जून 2011 की समाप्ति पर भारत के बाह्य ऋण संबंधी प्रमुख गतिविधियां निम्नलिखित पैराग्राफों में प्रस्तुत की गयी हैं।

मुख्य-मुख्य बातें

  1. जून 2011 के अंत में भारत का बाह्य ऋण मार्च 2011 के अंत के स्तर से 10.5 बिलियन अमरीकी डॉलर अथवा 3.4 प्रतिशत बढ़कर 317.0 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। तिमाही के दौरान बाह्य ऋण में हुई कुल वृद्धि का लगभग 70 प्रतिशत वृद्धि वाणिज्यिक उधारियों एवं अल्पावधि व्यापार कर्ज की वजह से हुई जो मुख्यतः आयातों में हुई भारी वृद्धि को दर्शाती है।

  2. अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं की तुलना में अमरीकी डॉलर में हुए मूल्यह्रास एवं भारतीय रुपए में हुए मूल्यह्रास के कारण होनेवाले मूल्यन प्रभाव को छोड़कर बाह्य ऋण में हुई वृद्धि मार्च 2011 के अंत की तुलना में जून के अंत में 9.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की रही।

  3. जून 2011के अंत में कुल बाह्य ऋणों में वाणिज्यिक उधारियों का हिस्सा सबसे अधिक अर्थात 29.4 प्रतिशत था जिसके बाद अल्पावधि ऋण (21.6 प्रतिशत), एनआरआई जमाराशियों (16.7 प्रतिशत) तथा बहुपक्षीय ऋण (15.6 प्रतिशत) का क्रम था ।

  4. अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर जून 2011 के अंत में अल्पावधि ऋण कुल बाह्य ऋण का 43.3 प्रतिशत रहा। इसमें से एनआरआई जमाराशियों का हिस्सा सबसे अधिक अर्थात 32.0 प्रतिशत था। मूल परिपक्वता के अनुसार अल्पावधि ऋण का हिस्सा 21.6 प्रतिशत था।

  5. जून 2011 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में अल्पावधि ऋण का अनुपात मार्च 2011 के अंत के 21.3 प्रतिशत से मामूली बढ़कर 21.7 प्रतिशत हो गया।

  6. जून 2011 के अंत में भारत के कुल बाह्य ऋण में अमरीकी डॉलर में मूल्यवर्गित ऋण का हिस्सा सबसे अधिक अर्थात 54.2 प्रतिशत था जिसके बाद भारतीय रुपये (19.2 प्रतिशत)तथा जापानी येन (11.1 प्रतिशत) का क्रम था।

  7. जून 2011 के अंत में बाह्य ऋण की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार का अनुपात 99.6 प्रतिशत रहा जो मार्च 2011 के अंत के स्तर के लगभग बराबर है।

1. जून 2011 के अंत में भारत का बाह्य ऋण

  1. जून 2011 के अंत में भारत का बाह्य ऋण मार्च 2011 के अंत के स्तर से 10.5 बिलियन अमरीकी डॉलर अथवा 3.4 प्रतिशत बढ़कर 317 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया तथा यह वृद्धि मुख्यतः वाणिज्यिक उधारियों, अल्पावधि व्यापार कर्ज तथा एनआरआई जमाराशियों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होने की वजह से थी।

  2. जून 2011 के अंत में दीर्घावधि ऋण 248.5 बिलियन अमरीकी डॉलर तथा अल्पावधि ऋण 68.5 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा जो कुल बाह्य ऋण का क्रमशः 78.4 प्रतिशत तथा 21.6 प्रतिशत है।

  3. जून 2011 के अंत में कुल बाह्य ऋण में वाणिज्यिक उधारियों का हिस्सा सबसे अधिक अर्थात 29.4 प्रतिशत था जिसके बाद अल्पावधि ऋण (21.6 प्रतिशत), एनआरआई जमाराशियों (16.7 प्रतिशत) तथा बहुपक्षीय ऋण (15.6 प्रतिशत) का क्रम था (सारणी 1)।

सारणी 1 : घटकवार बाह्य ऋण

(मिलियन अमरीकी डॉलर)

मद

मार्च के अंत में

जून के अंत में

 

2009

2010

2011आं.सं.

2010

2011 अ.

1

2

3

4

5

6

1.बहुपक्षीय

39,538

42,859

48,473

44,677

49,374

 

(17.6)

(16.4)

(15.8)

(16.5)

(15.6)

2.द्विपक्षीय

20,610

22,593

25,828

22,963

26,312

 

(9.2)

(8.7)

(8.4)

(8.5)

(8.3)

3.अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष

1018

6041

6308

5885

6367

 

(0.5)

(2.3)

(2.1)

(2.2)

(2.0)

4.व्यापार कर्ज

14,481

16,867

18,649

17,417

18,711

 

(6.5)

(6.5)

(6.1)

(6.4)

(5.9)

5.बाह्य वाणिज्यिक उधारियां

62,461

70,800

88,918

73,248

93,220

 

(27.8)

(27.1)

(29.0)

(27.1)

(29.4)

6.एनआरआई जमाराशियां

41,554

47,890

51,682

48,108

52,898

 

(18.5)

(18.3)

(16.9)

(17.8)

(16.7)

7. रुपया ऋण

1,523

1,657

1,601

1,584

1,567

 

(0.7)

(0.6)

(0.5)

(0.6)

(0.5)

8. दीर्घावधि ऋण (1 से 7)

1,81,185

2,08,707

2,41,459

2,13,882

2,48,449

 

(80.7)

(80.0)

(78.8)

(79.1)

(78.4)

9. अल्पावधि ऋण

43,313

52,329

64,990

56,439

68,473

 

(19.3)

(20.0)

(21.2)

(20.9)

(21.6)

कुल (8+9)

2,24,498

2,61,036

3,06,449

2,70,321

3,16,922

 

(100.0)

(100.0)

(100.0)

(100.0)

(100.0)

अ.: अनंतिम;    आं.सं. : आंशिक संशोधन           

आईएमएफ: अंतरराष्ट्रीय विश्व कोष ; ईसीबी: बाह्य वाणिज्यिक उधार ; एनआरआई: अनिवासी भारतीय

टिप्पणी : कोष्ठकों में दिए गए आंकड़े कुल बाह्य ऋण का प्रतिशत दर्शाते हैं।

स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार एवं भारतीय रिज़र्व बैंक

2. मूल्यन में परिवर्तन

  1. तिमाही क दौरान हुए मूल्यन में परिवर्तन की राशि 1.4 बिलियन अमरीकी डॉलर रही जो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं की तुलना में डॉलर में हुए मूल्यह्रास तथा भारतीय रुपये में हुए मूल्यह्रास को दर्शाता है। अतः, मूल्यन प्रभाव को छोड़कर बाह्य ऋण के स्तर में जून 2011 के अंत में 9.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई जो मार्च 2011 के अंत के स्तर से कम है।

3.बाह्य ऋण के घटक

  1. तिमाही में बाह्य ऋण में हुई कुल वृद्धि में 70 प्रतिशत हिस्सा बाह्य ऋण के घटकों में से वाणिज्यिक उधारों और अल्पावधि व्यापार ऋण का था जिससे मुख्यत: आयातों में वृद्धि होना दिखता है। बाह्य ऋण में कुल वृद्धि में लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा अनिवासी भारतीय जमाराशि और बहुपक्षीय उधारों का था (सारणी 2)।

सारणी 2: बाह्य ऋण - बकाया और अंतर

(मिलियन अमरीकी डॉलर)

मद

निम्नलिखित को बकाया

समग्र अंतर

प्रतिशत अंतर

10 जून

11 मार्च
आं.सं.

जून 2011 अ

जून-10 की तुलना में जून-11

मार्च-11 की तुलना में जून-11

जून-10 की तुलना में जून-11

मार्च -11 की तुलना में जून-11

1

2

3

4

5

6

7

8

1. बहुपक्षीय

44,677

48,473

49,374

4,697

901

10.5

1.9

2. द्विपक्षीय

22,963

25,828

26,312

3,349

484

14.6

1.9

3. आइएमएफ

5885

6308

6367

482

59

8.2

0.9

4. व्यापार ऋण

17,417

18,649

18,711

1,294

62

7.4

0.3

5. बाह्य वाणिज्यिक उधार

73,248

88,918

93,220

19,972

4,302

27.3

4.8

6. एनआरआई जमाराशि

48,108

51,682

52,898

4,790

1,216

10.0

2.4

7. रुपया ऋण

1,584

1,601

1,567

-17

-34

-1.1

-2.1

8. अल्पावधि ऋण

56,439

64,990

68,473

12,034

3,483

21.3

5.4

जिसमें से:

51,791

58,462

61,532

9,741

3,070

18.8

5.3

(i) अल्पावधि व्यापार ऋण

कुल ऋण (1 से 8)

2,70,321

3,06,449

3,16,922

46,601

10,473

17.2

3.4

ज्ञापन मदें

क. दीर्घावधि ऋण (1 से 7)

2,13,882

2,41,458

2,48,449

34,567

6,991

16.2

2.9

ख. अल्पावधि ऋण

56,439

64,990

68,473

12,034

3,483

21.3

5.4

अ.: अनंतिम; आं.सं.: आंशिक रूप से संशोधित
स्रोत: वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

4. भारत के बाह्य ऋण की मुद्रा संरचना

  1. जून 2011 के अंत में कुल बाह्य ऋण में अमरीकी डॉलर में मूल्यवर्गित ऋण 54.2 प्रतिशत के साथ लगातार सवार्धिक घटक बना रहा। कुल बाह्य ऋण स्टॉक में भारतीय रुपए का हिस्सा 19.2 प्रतिशत था जिसके बाद जापानी येन (11.1 प्रतिशत), एसडीआर (9.5 प्रतिशत) और यूरो (3.7 प्रतिशत) का स्थान था।

5. अवशिष्ट परिपक्वता के अनुसार बाह्य ऋण

  1. अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर जून 2011 के अंत में कुल बाह्य ऋण में अल्पावधि ऋण का हिस्सा 43.3 प्रतिशत था। इसमें से अनिवासी भारतीय जमाराशि का हिस्सा 32.0 प्रतिशत के साथ सर्वाधिक था। जून 2011 के अंत में अवशिष्ट परिपक्वता के अनुसार अल्पावधि ऋण - विदेशी मुद्रा भंडार अनुपात 43.5 प्रतिशत था (सारणी 3)।

सारणी 3: जून 2011 के अंत में अवशिष्ट परिपक्वता वाले बाह्य ऋणों का बकाया

(मिलियन अमरीकी डॉलर)

 

अल्पावधि

दीर्घावधि

कुल

घटक

एक वर्ष तक

1 से 2 वर्ष

2 से 3 वर्ष

3 वर्ष से अधिक

2 से 5 वर्ष

1

2

3

4

5

6

1. सरकारी ऋण ( दीर्घावधि) $

5,028

5,251

5,419

60,066

75,764

2. बाह्य वाणिज्यिक उधार #

20,313

18,162

15,115

66,196

1,19,787

3.अनिवासी भारतीयों की जमाराशियां (i)+(ii)+ (iii)

43,434

5,514

2,387

1,563

52,898

(i) एफसीएनआर(बी)

13,027

1,856

743

517

16,142

(ii) एनआर(ई)आरए

22,628

2,095

917

550

26,190

(iii) एनआरओ

7,779

1,562

728

496

10,565

4. अल्पावधि ऋण *(मूल परिपक्वता)

68,473

0

0

0

68,473

कुल (1 से 4)

1,37,248

28,928

22,922

1,27,825

3,16,922

ज्ञापन मदें

 

 

 

 

 

अल्पावधि ऋण (कुल ऋण के प्रतिशत के रूप में अवशिष्ट परिपक्वता)

43.3

 

 

 

 

अल्पावधि ऋण (आरक्षित निधि के प्रतिशत के रूप में अवशिष्ट परिपक्वता)

43.5

 

 

 

 

$ : सरकारी प्रतिभूतियों में 5,274 मिलियन अमरीकी डॉलर के एफआईआई निवेश सहित।
# : बाह्य वाणिज्यिक उधार में व्यापार ऋण और साथ में गैर सरकारी बहुपक्षीय और द्विपक्षीय उधार का एक हिस्सा शामिल है जिससे हो सकता है कि वे मूल परिपक्वता के तहत अन्य सारणियों में दिए गए ईसीबी से मेल न खाए।
* : इसमें सरकारी ऋण के 2,934 मिलियन अमरीकी डॉलर के अल्पावधि घटक भी शामिल हैं।
टिप्पणी अनिवासी भारतीयों की जमाराशियें की अवशिष्ट परिपक्वता का आकलन प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा प्रस्तुत विवरणियों के आधार पर किया गया है।
स्रोतः वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

6. सरकारी और गैर-सरकारी बाह्य ऋण

  1. जून 2011 के अंत में सरकारी बाह्य ऋण 78.7 बिलियन अमरीकी डॉलर था जबकि मार्च 2011 के अंत में यह 78.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था। जून 2011 के अंत में कुल बाह्य ऋण में सरकारी और गैर सरकारी बाह्य ऋण का हिस्सा क्रमश: 24.8 प्रतिशत और 75.2 प्रतिशत था (सारणी 4)।

सारणी 4: सरकारी और गैर-सरकारी बाह्य ऋण

(मिलियन अमरीकी डॉलर)

क्र.

घटक

मार्च के अंत में

जून के अंत में

2009

2010

2011

2011

1

2

3

4

5

6

A.

सरकारी ऋण (I+II)

55,870

67,067

78,165

78,698

 

(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में)

5.1

4.7

4.5

 

I.

बाह्य सहायता के तहत सरकारी खाते पर बाह्य ऋण

51,816

55,235

62,388

62,944

II.

अन्य सरकारी बाह्य ऋण@

4,054

11,832

15,777

15,754

B.

गैर-सरकारी ऋण#

1,68,628

1,93,969

2,28,283

2,38,225

 

(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में)

15.4

13.3

12.9

 

C.

कुल बाह्य ऋण (क +ख)

2,24,498

2,61,036

3,06,448

3,16,923

 

(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में)

20.5

18.0

17.4

 

@ अन्य सरकारी बाह्य ऋण में रक्षा ऋण, खजाना बिलों/सरकारी प्रतिभूतियों में एफआईआई, विदेशी केंद्रीय बैंकों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा किए गए निवेश शामिल हैं।
# मौद्रिक प्राधिकारी का बाह्य ऋण शामिल है।
स्रोतः वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

7. बाह्य ऋण के चुनिंदा संकेतक

  1. जहां जून 2011 के अंत में बाह्य ऋण स्टॉक के प्रति भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अनुपात लगभग मार्च 2011 के अंत के स्तर जैसा ही रहा, वहीं कुल बाह्य ऋण में रियायती ऋण का अनुपात, विदेशी मुद्रा भंडार के प्रति अल्पावधि ऋण और कुल ऋण में अल्पावधि ऋण जैसे अन्य संकेतकों में मार्च 2011 के अंत की तुलना में जून 2011 के अंत में कुछ गिरावट आयी। ऋण चुकौती अनुपात में मार्च 2011 के अंत की तुलना में जून 2011 के अंत में कुछ गिरावट आई जिसका कारण वाणिज्यिक उधार के तहत अधिक चुकौती होना था।

सारणी 5 : भारत के प्रमुख बाह्य ऋण संकेतक

(प्रतिशत)

वर्ष

बाह्य ऋण्
(बिलियन अमरीकी डॉलर)

जीडीपी के प्रति
बाह्य ऋण अनुपात

ऋण चुकौती अनुपात

कुल ऋण के प्रति विदेशी मुद्रा रिज़र्व अनुपात

कुल ऋण के प्रति रियायती ऋण अनुपात

विदेशी मुद्रा रिज़र्व के प्रति अल्पावधि ऋण अनुपात

कुल ऋण के प्रति अल्पावधि ऋण अनुपात

1

2

3

4

5

6

7

8

1990-91

83.8

28.7

35.3

7.0

45.9

146.5

10.2

1995-96

93.7

27.0

26.2

23.1

44.7

23.2

5.4

2000-01

101.3

22.5

16.6

41.7

35.4

8.6

3.6

2001-02

98.8

21.1

13.7

54.7

35.9

5.1

2.8

2002-03

104.9

20.3

16.0*

72.5

36.8

6.1

4.5

2003-04

112.6

18.0

16.1**

100.3

35.8

3.9

3.9

2004-05

134.0

18.1

5.9 ^

105.6

30.7

12.5

13.2

2005-06

139.1

16.8

10.1 #

109.0

28.4

12.9

14.0

2006-07

172.4

17.5

4.7

115.6

23.0

14.1

16.3

2007-08

224.4

18.0

4.8

138.0

19.7

14.8

20.4

2008-09

224.5

20.5

4.4

112.2

18.7

17.2

19.3

2009-10

261.0

18.0

5.5

106.9

16.8

18.8

20.0

2010-11 PR

306.5

17.4

4.2

99.5

15.5

21.3

21.2

जून के अंत में 11P

316.9

-

4.6

99.6

15.1

21.7

21.6

अ: अनंतिम      आं.सं.: आंशकि रूप से संशोधित
* 3,430 मिलियन अमरीकी डॉलर के बाह्य ऋण के पूर्व भुगतान को छोड़ने पर 12.4 प्रतिशत होता है।
** 3,797 मिलियन अमरीकी डॉलर के बाह्य ऋण के पूर्व भुगतान तथा 5,549 मिलियन अमरीकी डॉलर की रिसर्जेंट इंडिया बांड की चुकौती को छोड़ने पर 8.2 प्रतिशत होता है।
झ् 381 मिलियन अमरीकी डॉलर के बाह्य ऋण के पूर्व भुगतान को छोड़ने पर 5.7 प्रतिशत होता है।
# 7.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की इंडिया मिलेनियम जमाराशि की चुकौती तथा 23.5 मिलियन अमरीकी डॉलर के बाहृय ऋण के पूर्व भुगतान को छोड़ने पर 6.3 प्रतिशत होता है।
स्रोत: वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

आर.आर.सिन्हा
उप महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/508

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