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जून 2012 की समाप्ति पर भारत का बाह्य ऋण

28 सितंबर 2012

जून 2012 की समाप्ति पर भारत का बाह्य ऋण

चालू खाता घाटे को बड़े पैमाने पर ऋण प्रवाहों के द्वारा वित्त पोषित किया गया है ऐसा वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी अनिश्चितता के साथ-साथ हुआ जिसने 2012-13 की पहली तिमाही के दौरान इक्विटी प्रवाहों की मात्रा को प्रवाहित किया। बाह्य ऋण की मात्रा में वृद्धि बड़े पैमाने पर मूल्यन लाभों के कारण पिछली तिमाही की तुलना में कम रही, ये लाभ भारतीय रुपया और अन्य विदेशी मुद्राओं की तुलना में अमरीकी डॉलर के मूल्य में वृद्धि के कारण हुए।

जून 2012 की समाप्ति पर भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां इस प्रकार है:

  1. जून 2012 के अंत में भारत का बाह्य ऋण 349.5 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा जो मार्च 2012 के अंत की तुलना में 3.9 बिलियन अमरीकी डॉलर अथवा 1.1 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। तिमाही के दौरान कुल बाह्य ऋण में वृद्धि मुख्य रूप से अनिवासी बाह्य रुपया मूल्यवर्गित जमाराशियों में वृद्धि के कारण थी, जो दिसंबर 2011 में इन जमाराशियों पर ब्याज दरों को विनियंत्रित करने के प्रभाव को परिलक्षित करती है। अल्पकालिक व्यापार ऋण में काफी अधिक वृद्धि हुई है।

  2. भारतीय रुपया और अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले अमरीकी डॉलर के मूल्य में वृद्धि के कारण मूल्यन लाभ को छोड़कर,जून की समाप्ति पर बाह्य ऋण मार्च 2012 की समाप्ति की तुलना में 11.8 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़ेगा।

  3. प्रमुख घटकों के क्रम में, बाह्य वाणिज्यिक उधारों का हिस्सा कुल बाह्य ऋण का सर्वाधिक अर्थात 30.0 प्रतिशत बना हुआ है, इसके पश्चात अनिवासी जमाराशियों (17.4 प्रतिशत) और बहुपक्षीय ऋण (14.2 प्रतिशत) का है।

  4. अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर, जून 2012 की समाप्ति पर अल्पकालिक ऋण कुल बाह्य ऋण का 42.9 प्रतिशत था। इसमें से, अनिवासी जमाराशियों का हिस्सा 28.8 प्रतिशत था। मूल परिपक्वता के अनुसार कुल ऋण में अल्पकालिक ऋण का हिस्सा 23.0 प्रतिशत था।

  5. विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में अल्पकालिक ऋण (मूल परिपक्वता) का अनुपात मार्च 2012 के अंत के 26.6 प्रतिशत से बढ़कर जून 2012 की समाप्ति पर 27.8 प्रतिशत हो गया।

  6. अमरीकी डॉलर में मूलवर्गित ऋण सर्वाधिक बना हुआ है जिसका जून 2012 की समाप्ति पर कुल बाह्य ऋण में 56.3 प्रतिशत का हिस्सा है इसके पश्चात भारतीय रुपया (21.4 प्रतिशत) और जापानी येन (9.1 प्रतिशत) का हिस्सा है।

  7. जून 2012 की समाप्ति पर बाह्य ऋण की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार का अनुपात 82.9 प्रतिशत था जो मार्च 2012 के अंत की तुलना में कम था।

1. जून 2012 की समाप्ति पर भारत का बाह्य ऋण

जून 2012 के अंत में भारत का बाह्य ऋण 349.5 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा जो मार्च 2012 के अंत की तुलना में 3.9 बिलियन अमरीकी डॉलर अथवा 1.1 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है ऐसा मुख्य रूप से अनिवासी बाह्य रुपया मूल्यवर्गित जमाराशियों और अल्पकालिक व्यापार ऋण के कारण हुआ (सारणी 1) । उल्लेखनीय है कि जून 2012 के अंत में बहुपक्षीय ऋण और बाह्य वाणिज्यिक उधारों का स्टॉक मार्च 2012 के अंत की तुलना में कम था। बाह्य वाणिज्यिक उधारों के स्टॉक में गिरावट मुख्य रूप से तिमाही के दौरान बड़ी-बड़ी चुकौतियों के कारण हुई।

सारणी 1: बाह्य ऋण- शेष राशि तथा घट-बढ़

(मिलियन अमरीकी डॉलर)

मद

निम्नलिखित के अंत में शेष

मात्रा में परिवर्तन

प्रतिशत परिवर्तन

जून-11

मार्च 2012 आं.सं.

जून 2012 अ.

जून-11 की तुलना में जून-12

मार्च-12 की तुलना में जून-12

जून-11 की तुलना में जून-12

मार्च-12 की तुलना में जून-12

1

2

3

4

5

6

7

8

1. बहुपक्षीय

49,375

50,453

49,780

406

-673

0.8

-1.3

2. द्विपक्षीय

26,168

26,714

27,248

1,081

534

4.1

2.0

3. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष

6367

6163

6037

-330

-126

-5.2

-2.0

4. व्यापार कर्ज

18,692

18,980

19,094

402

114

2.2

0.6

5. बाह्य वाणिज्यिक उधार

92,675

105,210

104,841

12,166

-369

13.1

-0.4

6. एनआरआई जमाराशियां

52,898

58,608

60,874

7,976

2,266

15.1

3.9

7. रुपया ऋण

1,568

1,354

1,219

-349

-135

-22.3

-10.0

8.अल्पावधि ऋण

68,474

78,179

80,450

11,976

2,271

17.5

2.9

जिसमें से :

 

 

 

 

 

 

 

(i)अल्पावधि व्यापार कर्ज

61,532

65,130

70,508

8,976

5,378

14.6

8.3

कुल ऋण (1 से 8)

316,216

345,661

349,543

33,327

3,882

10.5

1.1

ज्ञापन मदें

क. दीर्घावधि ऋण (1 से 7)

247,742

267,482

269,093

21,351

1,611

8.6

0.6

ख. अल्पावधि ऋण

68,474

78,179

80,450

11,976

2,271

17.5

2.9

अ: अनंतिम    आंसं: आंशिक रूप से संशोधित

स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

कुल ऋण में अल्पावधि ऋण के हिस्से में पिछली तिमाही तथा पिछले वर्ष की तदनुरूप तिमाही की तुलना में वृद्धि हुई। जून 2012 के अंत में दीर्घावधि ऋण की राशि 269.1 बिलियन अमरीकी डॉलर तथा अल्पावधि ऋण की राशि 80.5 बिलियन अमरीकी डॉलर थी जो बाह्य ऋण का क्रमशः 77.0 प्रतिशत तथा 23.0 प्रतिशत है (सारणी 2)। यद्यपि चालू खाते के घाटे का काफी हिस्सा ऋण प्रवाह से पूरा किया गया, फिर भी पिछली तिमाही की तुलना में ऋण की मात्रा में हुई वृद्धि काफी सीमित थी क्योंकि वृद्धि के एक हिस्से का समंजन मूल्यन लाभ से हो गया था।

सारणी 2: घटक-वार बाह्य ऋण

(मिलियन अमरीकी डॉलर)

मद

मार्च के अंत में

जून के अंत में

 

2010

2011

2012 आं.सं.

2011 आं.सं.

2012 प्रा.

1

2

3

4

5

6

1. बहुपक्षीय

42,857

48,474

50,453

49,375

49,780

 

(16.4)

(15.8)

(14.6)

(15.6)

(14.2)

2. द्विपक्षीय

22,593

25,698

26,714

26,168

27,248

 

(8.7)

(8.4)

(7.7)

(8.3)

(7.8)

3. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष

6,041.0

6,308

6163

6367

6037

 

(2.3)

(2.1)

(1.8)

(2.0)

(1.7)

4. व्यापार ऋण

16,841

18,613

18,980

18,692

19,094

 

(6.5)

(6.1)

(5.5)

(5.9)

(5.5)

5. बाह्य वाणिज्यिक उधार

70,726

88,565

105,210

92,675

104,841

 

(27.1)

(28.9)

(30.4)

(29.3)

(30.0)

6. एनआरआई जमाराशियां

47,890

51,682

58,608

52,898

60,874

 

(18.4)

(16.9)

(17.0)

(16.7)

(17.4)

7. रुपया ऋण

1,658

1,601

1,354

1,567

1,219

 

(0.6)

(0.5)

(0.4)

(0.5)

(0.3)

8. दीर्घावधि ऋण (1 से 7)

208,606

240,941

267,482

247,742

269,093

 

(79.9)

(78.8)

(77.4)

(78.3)

(77.0)

9. अल्पावधि ऋण

52,329

64,990

78,179

68,474

80,450

 

(20.1)

(21.2)

(22.6)

(21.7)

(23.0)

जोड़ (8+9)

260,935

305,931

345,661

316,216

349,543

 

(100.0)

(100.0)

(100.0)

(100.0)

(100.0)

अ. : अनंतिम                    आं.सं.:आंशिक रूप से संशोधित

अंमुको : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष।; ईसीबी: बाह्य वाणिज्यिक उधार; एनआरआई: अनिवासी भारतीय।

टिप्पणीः कोष्ठकों के आंकड़े कुल बाह्य ऋण के प्रतिशत हैं।

स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

2. मूल्यन में परिवर्तन

2012-13 की पहली तिमाही के दौरान मूल्यन लाभ की राशि 7.9 बिलियन अमरीकी डॉलर रही जो भारतीय रुपये तथा अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमरीकी डॉलर के मूल्य में हुई वृद्धि को दर्शाती है। मूल्यन प्रभाव को छोड़ दिया जाता तो जून 2012 के अंत में बाह्य ऋण की राशि 11.8 बिलियन बढ़ गई होती।

3. भारत के बाह्य ऋण की मुद्रा संरचना

कुल बाह्य ऋण में जून 2012 के अंत में अमरीकी डॉलर में मूल्यवर्गित ऋण का हिस्सा सबसे अधिक अर्थात् 56.3 प्रतिशत था जिसके बाद भारतीय रुपये (21.4 प्रतिशत), जापानी येन (9.1 प्रतिशत), एसडीआर (8.3 प्रतिशत) तथा यूरो (3.3 प्रतिशत) का क्रम था।

4. अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर जून 2012 के अंत में कुल बाह्य ऋण में अल्पावधि ऋण का हिस्सा 42.9 प्रतिशत था। अल्पावधि ऋण में एनआरआई जमाराशियों का हिस्सा सबसे अधिक अर्थात 28.8 प्रतिशत था। जून 2012 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में अवशिष्ट परिपक्वता के अनुसार अल्पावधि ऋण का अनुपात 51.8 प्रतिशत था (सारणी 3)।

सारणी 3 : जून 2012 के अंत में बाह्य ऋण बकायों की अवशिष्ट परिपक्वता

(मिलियन अमरीकी डॉलर)

 

अल्पावधि

दीर्घावधि

कुल

घटक

एक वर्ष तक

1 से 2 वर्ष

2 से 3 वर्ष

3 वर्ष से अधिक

(2) से (5)

1

2

3

4

5

6

1. सरकारी ऋण (दीर्घावधि)

4,433

4,620

4,835

60,846

74,735

2. बाह्य वाणिज्यिक उधार #

21,804

15,877

19,430

76,372

133,484

3. एनआरआई जमाराशियाँ {(i)+(ii)+(iii)}

43,327

5,595

4,548

7,404

60,874

(i) एफसीएनआर (बी)

11,660

1,313

799

500

14,272

(ii) एनआर(ई)आरए

23,621

3,069

3,104

5,887

35,681

(iii) एनआरओ

8,046

1,213

645

1,017

10,921

4. अल्पावधि ऋण t* (मूल परिपक्वता)

80,450

0

0

0

80,450

जोड़ (1 to 4)

150,014

26,093

28,813

144,622

349,542

ज्ञापन मदें

 

 

 

 

 

अल्पावधि ऋण (कुल ऋण के प्रशित के रूप में अवाशिष्ट परिपक्वता

42.9

 

 

 

 

अल्पावधि ऋण (रिज़र्व के प्रतिशत के रूप में अवशिष्ट परिपक्वता)

51.8

 

 

 

 

$ : में सरकारी प्रतिभूतियों में  ग़् 5,047 मिलियन अमरीकी डॉलर के एफआईआई निवेश शामिल हैं।
#: बाह्य वाणिज्यिक उधारियों में व्यापार कर्ज और गैर-सरकारी बहुपक्षलय और द्विपक्षीय उधारियों का भाग शामिल हैं इसलिए ये मूल परिपक्वता के अंतर्गत अन्य सारणियों में दिखाए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार की राशि में तुलनीय नहीं है।
* में 5,362 मिलियन अमरीकी डॉलर के सरकारी फ्ण का अल्पावधि घट भी शामिल है।
नोट : एनआरआई जमाराशि की अवशिष्ट परिपक्वता का अनुमान प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा प्रस्तुत विवरणियों पर आधारित है।
स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

5. सरकारी और गैर-सरकारी बाह्य ऋण

सरकारी (सोवरेन) बाह्य ऋण जून 2012 के अंत में 80.1 बिलियन अमरीकी डॉलर था जो कि मार्च 2012 के अंत में 81.9 बिलियन अमरीकी डॉलर था। जून 2012 के अंत में कुल बाह्य ऋण में सरकारी और गैर-सरकारी बाह्य ऋण का हिस्सा क्रमश: 23.0 प्रतिशत और 77.0 प्रतिशत था (सारणी 4)।

सारणी 4: सरकारी और गैर-सरकारी बाह्य ऋण

(मिलियन अमरीकी डॉलर)

क्रम सं.

घटक

मार्च के अंत में

जून के अंत में

2010

2011

2012

2012

1

2

3

4

5

6

ए.

सरकारी ऋण  (I+II)

67,067

78,071

81,895

80,152

 

(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में)

4.6

4.7

4.7

-

I.

बाह्य सहायता के अंतर्गत सरकारी लेखा संबंधी बाह्य ऋण

55,235

62,295

63,374

62,750

II.

अन्य सरकारी बाह्य ऋण @

11,845

15,776

18,521

17,402

बी.

गैर-सरकारी ऋण #

193,868

227,859

263,766

269,390

 

(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में)

13.6

13.2

15.3

 

सी.

कुल बाह्य ऋण (ए+बी)

260,935

305,931

345,661

349,543

 

(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में)

18.3

17.8

20.0

-

@ अन्य सरकारी बाह्य ऋण में रक्षा ऋण, एफआईआई, विदेशी केंद्रीय बैंकों तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं और आईएमएफ द्वारा खज़ाना बिलों/सरकारी प्रतिभूतियों में किए गए निवेश शामिल हैं।
# मौद्रिक प्राधिकारियों के बाह्य ऋण शामिल हैं।

स्रोतः वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

6. बाह्य ऋण के चुनिंदा संकेतक

संवेदनशीलता के आकलन के लिए विचार में लिए गए बाह्य ऋण के संकेतकों में से लगभग सभी संकेतकों ने मार्च 2012 के अंत की तुलना में जून 2012 के अंत में कुछ गिरावट दर्शाई। किंतु ऋण चुकौती अनुपात 2011-12 की तुलना में 2012-13 की पहली तिमाही के दौरान कुछ बेहतर रहा (सारणी 5)।

सारणी 5 : भारत के प्रमुख बाह्य ऋण संकेतक

(प्रतिशत)

वर्ष

बाह्य  ऋण (बिलि. अमरीकी डॉलर)

जीडीपी की तुलना में बाह्य ऋण अनुपात
(%)

ऋण चुकौती अनुपात

कुल ऋण की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार अनुपात (%)

कुल ऋण की तुलना में रियायती ऋण अनुपात

विदेशी मुद्रा की तुलना में अल्पावधि ऋण अनुपात

कुल ऋण की तुलना में अल्पावधि ऋण अनुपात

1

2

3

4

5

6

7

8

1990-91

83.8

28.7

35.3

7.0

45.9

146.5

10.2

1995-96

93.7

27.0

26.2

23.1

44.7

23.2

5.4

2000-01

101.3

22.5

16.6

41.7

35.4

8.6

3.6

2001-02

98.8

21.1

13.7

54.7

35.9

5.1

2.8

2002-03

104.9

20.3

16.0*

72.5

36.8

6.1

4.5

2003-04

112.6

18.0

16.1**

100.3

35.8

3.9

3.9

2004-05

134.0

18.1

5.9 ^

105.6

30.7

12.5

13.2

2005-06

139.1

16.8

10.1 #

109.0

28.4

12.9

14.0

2006-07

172.4

17.5

4.7

115.6

23.0

14.1

16.3

2007-08

224.4

18.0

4.8

138.0

19.7

14.8

20.4

2008-09

224.5

20.3

4.4

112.1

18.7

17.2

19.3

2009-10आं.सं.

260.9

18.3

5.8

106.8

16.8

18.8

20.0

2010-11 आं.सं.

305.9

17.8

4.3

99.6

15.5

21.3

21.2

2011-12 आं.सं.

345.7

20.0

6.0

85.1

13.8

26.6

22.6

जून 2012 के अंत में आं.

349.5

-

5.9

82.9

13.5

27.8

23

अ: अनंतिम    आं.सं.: आंशिक रूप से संशोधित

* 3,430 मिलियन अमरीकी डॉलर के बाह्य ऋण के पूर्व भुगतान को छोड़ने पर 12.4 प्रतिशत होता है।

** 3,797 मिलियन अमरीकी डॉलर के बाह्य ऋण के पूर्व भुगतान तथा 5,549 मिलियन अमरीकी डॉलर के रिसर्जेंट इंडिया बांड (आरआईबी) की चुकौती को छोड़ने पर 8.2 प्रतिशत होता है।

^ 381 मिलियन अमरीकी डॉलर के बाह्य ऋण के पूर्व भुगतान को छोड़ने पर 5.7 प्रतिशत होता है।

# 7.1 बिलियन अमरीकी डॉलर के इंडिया मिल्लेनियम डिपॉजिट (आईएमडी) भुगतान तथा 23.5 मिलियन अमरीकी डॉलर के बाहृय ऋण के पूर्व भुगतान को छोड़ने पर 6.3 प्रतिशत होता है।

स्रोत: वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक।

जून 2012 के अंत को शेष बकाया बाह्य ऋण के आंकड़े और पूर्ववर्ती तिमाहियों के आंकड़े विवरण 1 और 2 में दिए गए हैं।

जे. डी. देसाई
सहायक प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/535

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