जून 2014 की समाप्ति पर भारत का बाह्य ऋण - आरबीआई - Reserve Bank of India
जून 2014 की समाप्ति पर भारत का बाह्य ऋण
30 सितंबर 2014 जून 2014 की समाप्ति पर भारत का बाह्य ऋण स्थापित परंपरा के अनुसार, एक तिमाही के अंतराल पर मार्च और जून को समाप्त तिमाहियों के लिए भारत के बाह्य ऋण की सांख्यिकी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा और सितंबर तथा दिसंबर को समाप्त तिमाहियों के लिए वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी की जाती है। जून 2014 के अंत में रुपए और अमरीकी डॉलर के मूल्य में बाह्य ऋण के आंकड़े और पूर्व तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण 1 और 2 में दिये गये हैं। जून 2014 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित मुख्य-मुख्य गतिविधियां नीचे पैराग्राफ में दी गई हैं। मुख्य-मुख्य बातें 2014-15 की पहली तिमाही में साधारण स्तर के चालू खाता घाटा ((सीएडी) और गैर-ऋण निर्माण करने वाली निधियों में तीव्र वृद्धि के साथ 450.1 बिलियन अमरीकी डॉलर का भारत का बाह्य ऋण मार्च 2014 के अंत में सीमांत रूप से 1.8 प्रतिशत बढ़ा। मूल परिपक्वता और शेष परिपक्वता के संबंध में अल्प-कालिक ऋण के हिस्से में मार्च 2014 के अंत में और कमी आई क्योंकि 2014-15 की पहली तिमाही में सरकारी खज़ाना बिलों और अन्य प्रतिभूतियों में विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश में कमी आई। जून 2014 के अंत में भारत के विदेशी ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे दी गई हैं:
अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/677
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