जून 2016 के अंत में भारत का बाह्य ऋण - आरबीआई - Reserve Bank of India
जून 2016 के अंत में भारत का बाह्य ऋण
30 सितंबर 2016 जून 2016 के अंत में भारत का बाह्य ऋण मानक प्रथा के अनुसार मार्च और जून को समाप्त होने वली तिमाहियों के लिए भारत के बाह्य ऋण से संबंधित आंकड़े भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक तिमाही के अंतराल पर जारी किए जाते हैं और सितंबर तथा दिसंबर तिमाहियों के आंकड़े वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। जून 2016 को समाप्त हुई तिमाही के लिए रुपया तथा अमरीकी डॉलर में बाह्य ऋण के आंकड़े और इससे पहले के तिमाहियों के संशोधित आंकड़े क्रमश: विवरण 1 और 2 में दिए गए हैं। जून 2016 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य अंश जून 2016 के अंत में भारत के बाह्य ऋण में मुख्य रूप से वाणिज्यिक उधार में बकाया के कारण मार्च 2016 के अंत में अपने स्तर से 1.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इसके अलावा बाह्य ऋण की मात्रा में वृद्धि आंशिक रूप से मूल्य निर्धारण प्रतिलाभों के कारण कम हो गई जिसका कारण भारतीय रुपया और अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमरीकी डॉलर का अधिमूल्यन था। जून 2016 के अंत में बाह्य ऋण और जीडीपी का अनुपात 23.4 प्रतिशत रहा जो मार्च 2016 के अपने 23.7 प्रतिशत के स्तर से थोड़ा कम रहा। जून 2016 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख अंश नीचे दिए गए हैं:
अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/824 |