30 सितंबर 2019 जून 2019 को समाप्त तिमाही में भारत का बाह्य ऋण जून 2019 के अंत में रुपया और अमेरिकी डॉलर में बाह्य ऋण संबंधी आंकड़े तथा पहले की तिमाहियों के संशोधित आंकड़े क्रमशः विवरण 1 (पुराना फार्मेट) और 2 (आईएमएफ के 2013 के बाह्य ऋण सांख्यिकी (ईडीएस) गाइड प्रारूप)1 में दिए गए हैं। जून 2019 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य-मुख्य बातें जून 2019 के अंत में, भारत के बाह्य ऋण में मार्च 2019 के अंत में इसके स्तर से 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई, जिसका मुख्य कारण रहा वाणिज्यिक उधार, अनिवासी जमाराशियों और लघुकालिक व्यापारिक ऋण में वृद्धि। बाह्य ऋण की मात्रा में वृद्धि मुख्य रूप से भारतीय रुपया और प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर में मूल्यवृद्धि के परिणामस्वरूप होने वाले मूल्यनिर्धारण हानि के कारण हुई। जीडीपी की तुलना में बाह्य ऋण का अनुपात जून 2019 के अंत में 19.8 प्रतिशत रहा जो मार्च 2019 के इसके स्तर के समान रहा। जून 2019 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख विशेषताएं नीचे प्रस्तुत हैं :
-
जून 2019 के अंत में, भारत का बाह्य ऋण 557.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा जिसमें मार्च 2019 के इसके स्तर से 14.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई (सारणी 1)।
-
भारतीय रुपया और प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मूल्यवृद्धि के कारण मूल्यनिर्धारण हानि 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही। इसलिए मूल्यनिर्धारण प्रभाव को छोड़कर, बाह्य ऋण में वृद्धि मार्च 2019 के अंत की तुलना में जून 2019 के अंत में 14.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बजाय 12.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही होगी।
-
वाणिज्यक उधार बाह्य ऋण का सबसे बड़ा घटक बना रहा जिसकी हिस्सेदारी 38.4 प्रतिशत रही, इसके बाद अनिवासी जमाराशियां (24.0 प्रतिशत) और लघुकालिक व्यापारिक ऋण (18.7 प्रतिशत) रहे।
-
जून 2019 के अंत में, दीर्घावधि ऋण (एक वर्ष से ऊपर की मूल परिपक्वता के साथ) 447.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहे जिसमें मार्च 2019 के अंत में इसके स्तर से 12.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
-
कुल बाह्य ऋण में लघुकालिक ऋण (एक वर्ष तक की मूल परिपक्वता के साथ) की हिस्सेदारी मार्च 2019 के 20.0 प्रतिशत से घटकर जून 2019 के अंत में 19.7 प्रतिशत हो गई; विदेशी मुद्रा भंडारों की तुलना में लघुकालिक ऋण (मूल परिपक्वता) का अनुपात जून 2019 के अंत में घटकर 25.5 प्रतिशत हो गया (मार्च 2019 के अंत में 26.3 प्रतिशत)।
-
अवशिष्ट परिपक्वता आधार पर लघुकालिक ऋण (अर्थात ऋण देयताएं जिसमें दीर्घावधि ऋण शामिल है जिनकी मूल परिपक्वता अगले बारह महीनों में देय हो रही है तथा मूल परिपक्वता वाले लघुकालिक ऋण शामिल है) की जून 2019 के अंत में कुल बाह्य ऋण में 43.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही (मार्च 2019 के अंत में 43.3 प्रतिशत) तथा यह विदेशी मुद्रा भंडार के 56.0 प्रतिशत (मार्च 2019 के अंत में 57.0 प्रतिशत) रहा (सारणी 2)।
-
अमेरिकी डॉलर मूल्यवर्गांकित ऋण भारत के बाह्य ऋण का सबसे बड़ा घटक बना रहा, जिसकी हिस्सेदारी जून 2019 के अंत में 51.5 प्रतिशत थी, जिसके बाद भारतीय रुपया (34.7 प्रतिशत), येन (5.1 प्रतिशत) एसडीआर (4.7 प्रतिशत) और यूरो (3.2 प्रतिशत) रहे।
-
उधारकर्ता-वार वर्गीकरण दर्शाता है कि दोनों सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों का बकाया ऋण जून 2019 के अंत में बढ़ा (सारणी 3)।
-
कुल बाह्य ऋण में गैर-वित्तीय निगमों के बकाया ऋण का हिस्सा सबसे अधिक 41.6 प्रतिशत था, इसके पश्चात जमा-स्वीकार करने वाले निगम (केंद्रीय बैंक को छोड़कर) (29.8 प्रतिशत), सामान्य सरकार (19.2 प्रतिशत) और अन्य वित्तीय निगम (6.2 प्रतिशत) थे। ।
-
लिखत-वार वर्गीकरण से पता चलता है कि बाह्य ऋण का सबसे बड़ा घटक ऋण था, जिसमें इसकी 34.9 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी, इसके पश्चात मुद्रा और जमा (24.5 प्रतिशत), व्यापार ऋण और अग्रिम (19.2 प्रतिशत) और ऋण प्रतिभूतियां (17.1 प्रतिशत) थीं।
-
ऋण सेवा (ब्याज भुगतान सहित मूल राशि) मार्च 2019 के अंत के 6.4 प्रतिशत की तुलना में जून 2019 के अंत में घटकर चालू प्राप्तियों के 5.8 प्रतिशत हो गई, जो वाणिज्यिक उधारों की कम अदायगी दर्शाती है (सारणी 4)।
(योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/820
Table 1: External Debt - Outstanding and Variation |
(US$ billion) |
Component |
Outstanding as at end of |
Absolute variation |
Percentage variation |
June 2018 PR |
March 2019 PR |
June 2019 P |
Jun-19 over Jun-18 |
Jun-19 over Mar-19 |
Jun-19 over Jun-18 |
Jun-19 over Mar-19 |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
1. Multilateral |
56.9 |
57.5 |
59.0 |
2.1 |
1.5 |
3.6 |
2.6 |
2. Bilateral |
24.3 |
25.7 |
26.6 |
2.3 |
0.9 |
9.3 |
3.6 |
3. IMF |
5.6 |
5.5 |
5.5 |
-0.1 |
0.0 |
-1.2 |
0.1 |
4. Trade Credit |
8.8 |
8.0 |
7.8 |
-1.0 |
-0.1 |
-11.6 |
-1.9 |
5. Commercial Borrowings |
193.4 |
206.7 |
214.1 |
20.7 |
7.4 |
10.7 |
3.6 |
6. Non-resident Deposits |
124.3 |
130.4 |
133.6 |
9.3 |
3.2 |
7.5 |
2.4 |
7. Rupee Debt |
1.1 |
1.2 |
1.1 |
0.0 |
0.0 |
-1.0 |
-3.4 |
8. Short-term Debt |
98.7 |
108.4 |
109.7 |
11.0 |
1.3 |
11.2 |
1.2 |
Of which: |
|
|
|
|
|
|
|
Short-term trade credit |
96.9 |
102.4 |
104.4 |
7.5 |
2.0 |
7.7 |
1.9 |
Total Debt |
513.1 |
543.3 |
557.4 |
44.3 |
14.1 |
8.6 |
2.6 |
Memo Items: |
|
|
|
|
|
|
|
A. Long-term Debt (original maturity)@ |
414.4 |
434.9 |
447.7 |
33.3 |
12.8 |
8.0 |
3.0 |
B. Short-term Debt (original maturity)# |
98.7 |
108.4 |
109.7 |
11.0 |
1.3 |
11.2 |
1.2 |
PR: Partially Revised. P: Provisional. |
@: Debt with original maturity of above one year. |
#: Debt with original maturity of up to one year. |
Table 2: Residual Maturity of External Debt Outstanding as at End-June 2019 |
(US$ billion) |
Component |
Short-term up to one year** |
Long-term |
Total (2 to 5) |
1 to 2 years |
2 to 3 years |
More than 3 years |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
1. Sovereign Debt (long-term)$ |
5.5 |
7.6 |
8.2 |
85.3 |
106.6 |
2. Commercial Borrowings# |
30.6 |
25.5 |
27.3 |
124.1 |
207.5 |
3. Non-resident deposits {(i)+(ii)+(iii)} |
94.8 |
16.8 |
13.1 |
8.8 |
133.6 |
(i) FCNR(B) |
16.2 |
3.0 |
2.8 |
2.3 |
24.4 |
(ii) NR(E)RA |
64.9 |
12.7 |
9.6 |
6.2 |
93.4 |
(iii) NRO |
13.7 |
1.1 |
0.7 |
0.2 |
15.8 |
4. Short-term Debt* (original maturity) |
109.7 |
|
|
|
109.7 |
Total (1 to 4) |
240.6 |
50.0 |
48.6 |
218.2 |
557.4 |
Memo Items: |
|
|
|
|
|
Short-term Debt (residual maturity) as per cent of Total External Debt |
43.2 |
Short-term Debt (residual maturity) as per cent of Reserves |
56.0 |
$: Inclusive of FPI investments in government securities. |
#: Commercial Borrowings are inclusive of trade credit, FPI investments in corporate debt instruments and a portion of non-government multilateral and bilateral borrowings and therefore may not tally with the figures provided in other tables under original maturity. |
*: Also includes FPI investments in security receipts issued by Asset Reconstruction Companies (ARCs) under the extant corporate debt limits. |
**: Short-term debt by residual maturity comprises long-term debt by original maturity falling due over the next twelve months and short-term debt by original maturity. |
Table 3: Government and Non-Government External Debt |
(US$ billion) |
Component |
End-March |
End-Jun |
2017 |
2018 PR |
2019 PR |
2019 P |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
A. Sovereign Debt (I+II) |
95.9 |
111.9 |
103.8 |
106.9 |
(As a percentage of GDP) |
(4.1) |
(4.3) |
(3.8) |
(3.8) |
I. External Debt on Government Account under External Assistance |
62.8 |
68.6 |
68.8 |
70.9 |
II. Other Government External Debt@ |
33.1 |
43.4 |
35.0 |
36.0 |
B. Non-government Debt# |
375.1 |
417.3 |
439.5 |
450.5 |
(As a percentage of GDP) |
(15.8) |
(15.9) |
(16.0) |
(16.0) |
C. Total External Debt (A+B) |
471.0 |
529.3 |
543.3 |
557.4 |
(As a percentage of GDP) |
(19.9) |
(20.1) |
(19.8) |
(19.8) |
PR: Partially Revised. P: Provisional. |
|
|
|
|
@: Other government external debt includes defence debt, investment in Treasury Bills/government securities by FPIs, foreign central banks and international institutions and IMF. |
#: Includes external debt of Monetary Authority. |
Table 4: India’s Key External Debt Indicators |
(Per cent, unless indicated otherwise) |
End-March |
External Debt (US$ billion) |
Ratio of External Debt to GDP |
Debt Service Ratio |
Ratio of Foreign Exchange Reserves to Total Debt |
Ratio of Concessional Debt to Total Debt |
Ratio of Short-term Debt to Foreign Exchange Reserves |
Ratio of Short-term Debt (original maturity) to Total Debt |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
1991 |
83.8 |
28.3 |
35.3 |
7.0 |
45.9 |
146.5 |
10.2 |
1996 |
93.7 |
26.6 |
26.2 |
23.1 |
44.7 |
23.2 |
5.4 |
2001 |
101.3 |
22.1 |
16.6 |
41.7 |
35.4 |
8.6 |
3.6 |
2006 |
139.1 |
17.1 |
10.1# |
109.0 |
28.4 |
12.9 |
14.0 |
2007 |
172.4 |
17.7 |
4.7 |
115.6 |
23.0 |
14.1 |
16.3 |
2008 |
224.4 |
18.3 |
4.8 |
138.0 |
19.7 |
14.8 |
20.4 |
2009 |
224.5 |
20.7 |
4.4 |
112.2 |
18.7 |
17.2 |
19.3 |
2010 |
260.9 |
18.5 |
5.8 |
106.9 |
16.8 |
18.8 |
20.1 |
2011 |
317.9 |
18.6 |
4.4 |
95.9 |
14.9 |
21.3 |
20.4 |
2012 |
360.8 |
21.1 |
6.0 |
81.6 |
13.3 |
26.6 |
21.7 |
2013 |
409.4 |
22.4 |
5.9 |
71.3 |
11.1 |
33.1 |
23.6 |
2014 |
446.2 |
23.9 |
5.9 |
68.2 |
10.4 |
30.1 |
20.5 |
2015 |
474.7 |
23.8 |
7.6 |
72.0 |
8.8 |
25.0 |
18.0 |
2016 |
484.8 |
23.4 |
8.8 |
74.3 |
9.0 |
23.2 |
17.2 |
2017 |
471.0 |
19.9 |
8.3 |
78.5 |
9.4 |
23.8 |
18.7 |
2018 PR |
529.3 |
20.1 |
7.5 |
80.2 |
9.1 |
24.1 |
19.3 |
2019 PR |
543.3 |
19.8 |
6.4 |
76.0 |
8.7 |
26.3 |
20.0 |
End-June 2019 P |
557.4 |
19.8 |
5.8 |
77.1 |
8.6 |
25.5 |
19.7 |
PR: Partially Revised. P: Provisional. |
#: Works out to 6.3 per cent with the exclusion of India Millennium Deposits (IMDs) repayments of US$ 7.1 billion and pre-payment of external debt of US$ 23.5 million. |
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