30 जून 2011 मार्च 2011 के अंत में भारत का बाह्य ऋण मानक प्रथा के अनुसार, मार्च तथा जून को समाप्त तिमाहियों के लिए भारत के बाह्य ऋण संबंधी आंकड़े रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं और सितंबर और दिसंबर को समाप्त तिमाहियों के बाह्य ऋण संबंधी आंकड़े वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। बाह्य ऋण के आंकड़े एक तिमाही के अंतराल पर जारी किए जाते हैं। मार्च 2011 के अंत की स्थिति के अनुसार मानक फार्मेट में संकलित रुपया तथा अमरीकी डालर के संदर्भ में बाह्य ऋण के आंकड़े तथा पिछली तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण 1 और 2 में प्रस्तुत किए गए हैं। मार्च 2011 की स्थिति के अनुसार भारत के बाह्य ऋण से संबंधित गतिविधियां नीचे दिये गये पैराग्राफें में दी गई हैं। मुख्य -मुख्य बातें
-
मार्च 2011 के अंत में भारत का बाह्य ऋण 305.9 बिलियन अमरीकी डालर (सकल देशी उत्पाद का 17.3 प्रतिशत) था जिससे मार्च 2010 के अंत के स्तर की तुलना में 44.9 बिलियन अमरीकी डालर अथवा 17.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी जो वाणिज्यिक उधार, अल्पावधि व्यापार ऋण, द्विपक्षीय और बहु-पक्षीय उधार में काफी वृद्धि होने के कारण थी।
-
अमरीकी डालर के मुकाबले अन्य प्रमुख मुद्राओं और भारतीय रुपये के मूल्य में वृद्धि के कारण मूल्यन प्रभाव को छोड़कर मार्च 2010 के अंत के स्टॉक की तुलना में बाह्य ऋण 38.4 बिलियन अमरीकी डालर बढ़ा।
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मार्च 2011 के अंत में वाणिज्यिक उधारों का हिस्सा सर्वाधिक अर्थात 28.9 प्रतिशत था और इसके पश्चात अल्पकालिक ऋण (21.2 प्रतिशत), अनिवासी भारतीय जमाराशि (16.9 प्रतिशत) और बहुपक्षीय ऋण (15.8 प्रतिशत)
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ऋण चुकौती अनुपात 2009-10 के दौरान 5.5 प्रतिशत से कम होकर 2010-11 के दौरान 4.2 प्रतिशत रह गया।
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अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर मार्च 2011 के अंत में अल्पकालिक ऋण कुल बाह्य ऋण का 42.2 प्रतिशत था। जबकि मूल परिपक्वता के आधार पर अल्पकालिक ऋण कुल बाह्य ऋण का 21.2 प्रतिशत था।
-
मार्च 2011 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार के प्रति अल्पकालिक ऋण अनुपात 21.3 प्रतिशत था जो कि मार्च 2010 के अंत में 18.8 प्रतिशत की तुलना में अधिक था।
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मार्च 2011 के अंत में कुल बाह्य ऋण स्टॉक में अमरीकी डालर का हिस्सा 59.9 प्रतिशत, भारतीय रुपया (13.2 प्रतिशत) और जापानी येन (11.4 प्रतिशत) था।
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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने मार्च 2011 के अंत में बाह्य ऋण स्टॉक को 99.6 प्रतिशत का कवर उपलब्ध कराया जबकि 2010 के अंत में यह 106.9 प्रतिशत था।
1. मार्च 2011 के अंत में भारत का बाह्य ऋण
-
मार्च 2011 के अंत में भारत का बाह्य ऋण 305.9 बिलियन अमरीकी डालर (सकल देशी उत्पाद का 17.3 प्रतिशत) था जिससे मार्च 2010 के अंत के स्तर की तुलना में 44.9 बिलियन अमरीकी डालर अथवा 17.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई जो वाणिज्यिक उधार, अल्पावधि व्यापार ऋण, द्विपक्षीय और बहु-पक्षीय उधार में काफी वृद्धि होने के कारण थी ।
-
मार्च 2011 के अंत में 240.9 बिलियन अमरीकी डालर के साथ दीर्घावधि ऋण और 65.0 बिलियन अमरीकी डालर के साथ अल्पावधि ऋण कुल बाह्य ऋण में क्रमश: 78.8 प्रतिशत और 21.2 प्रतिशत थे।
-
मार्च 2011 के अंत में कुल बाह्य ऋण में वाणिज्यिक उधारों का हिस्सा निरंतर सर्वाधिक अर्थात 28.9 प्रतिशत था और इसके पश्चात अल्पकालिक ऋण (21.2 प्रतिशत), अनिवासी भारतीय जमाराशि (16.9 प्रतिशत) और बहुपक्षीय ऋण (15.8 प्रतिशत) का स्थान था।
सारणी 1: घटक से बाह्य ऋण |
(मिलियन अमरीकी डॉलर) |
मद |
मार्च के अंत में |
1991 |
1998 |
2005 |
2006 |
2007 |
2008 |
2009 |
2010 आं.सं. |
2011 प्रा. |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
9 |
10 |
1.बहुपक्षीय |
20,900 |
29,553 |
31,744 |
32,620 |
35,337 |
39,490 |
39,538 |
42,859 |
48,464 |
|
(24.9) |
(31.6) |
(23.7) |
(23.4) |
(20.5) |
(17.6) |
(17.6) |
(16.4) |
(15.8) |
2.द्विपक्षीय |
14,168 |
16,969 |
17,034 |
15,761 |
16,065 |
19,708 |
20,613 |
22,593 |
25,953 |
|
(16.9) |
(18.1) |
(12.7) |
(11.3) |
(9.3) |
(8.8) |
(9.2) |
(8.7) |
(8.5) |
3.आइएमएफ |
2,623 |
664 |
1,029 |
981 |
1,029 |
1,120 |
1,018 |
6,041 |
6,308 |
|
(3.1) |
(0.7) |
(0.8) |
(0.7) |
(0.6) |
(0.5) |
(0.5) |
(2.3) |
(2.1) |
4.व्यापार ऋण |
4,301 |
6,526 |
5,022 |
5,420 |
7,165 |
10,328 |
14,490 |
16,867 |
18,627 |
|
(5.1) |
(7.0) |
(3.7) |
(3.9) |
(4.2) |
(4.6) |
(6.5) |
(6.5) |
(6.1) |
5.ईसीबी |
10,209 |
16,986 |
26,405 |
26,452 |
41,443 |
62,334 |
62,413 |
70,800 |
88,267 |
|
(12.2) |
(18.2) |
(19.7) |
(19.0) |
(24.0) |
(27.8) |
(27.8) |
(27.1) |
(28.9) |
6.एनआरआइ जमाराशियां |
10,209 |
11,913 |
32,743 |
36,282 |
41,240 |
43,672 |
41,554 |
47,890 |
51,682 |
|
(12.2) |
(12.7) |
(24.4) |
(26.1) |
(23.9) |
(19.5) |
(18.5) |
(18.3) |
(16.9) |
7.रुपया ऋण |
12,847 |
5,874 |
2,302 |
2,059 |
1,951 |
2,017 |
1,527 |
1,657 |
1,601 |
|
(15.3) |
(6.3) |
(1.7) |
(1.5) |
(1.1) |
(0.9) |
(0.7) |
(0.6) |
(0.5) |
8.दीर्घावधि ऋण (1से7) |
75,257 |
88,485 |
1,16,279 |
1,19,575 |
1,44,230 |
1,78,669 |
1,81,153 |
2,08,707 |
2,40,902 |
|
(89.8) |
(94.6) |
(86.8) |
(86.0) |
(83.7) |
(79.6) |
(80.7) |
(80.0) |
(78.8) |
9.अल्पावधि ऋण |
8,544 |
5,046 |
17,723 |
19,539 |
28,130 |
45,738 |
43,362 |
52,329 |
64,990 |
|
(10.2) |
(5.4) |
(13.2) |
(14.0) |
(16.3) |
(20.4) |
(19.3) |
(20.0) |
(21.2) |
कुल (8+9) |
83,801 |
93,531 |
1,34,002 |
1,39,114 |
1,72,360 |
2,24,407 |
2,24,515 |
2,61,036 |
3,05,892 |
|
(100) |
(100) |
(100) |
(100) |
(100) |
(100) |
(100) |
(100) |
(100) |
प्रा: प्रारंभिक ; आं.सं.: आंशिक संशोधित |
आइएमएफ : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष; ईसीबी : बाह्य वाणिज्यिक उधार; एनआरआइ : अनिवासी भारतीय |
टिप्पणी : कोष्ठकों के आंकड़े कुल बाह्य ऋण का प्रतिशत दर्शाते हैं । |
स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक। |
2. मूल्यन परिवर्तन
-
अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं तथा भारतीय रुपये के मुकाबले अमरीकी डालर में मूल्यह्रास दर्शाते हुए मूल्यन प्रभाव के कारण 2010-11 के दौरान भारत के बाह्य ऋण में 6.5 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई। इससे यह अभिप्रेत है कि यदि मूल्यन के प्रभाव को छोड़ दिया जाता तो मार्च 2010 के अंत के स्तर की तुलना में मार्च 2011 के अंत में बाह्य ऋण में 38.4 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई होती।
-
पिछली तिमाही (दिसंबर 2010 की समाप्ति) की तुलना में अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं तथा भारतीय रुपये के मुकाबले अमरीकी डालर में मूल्यह्रास दर्शाते हुए मूल्यन प्रभाव के कारण भारत के बाह्य ऋण में 1.3 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई। इससे यह अभिप्रेत है कि यदि मूल्यन के प्रभाव को छोड़ दिया जाता तो दिसंबर 2010 के अंत के स्तर की तुलना में मार्च 2011 के अंत में बाह्य ऋण में 8.7 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई होती।
3.बाह्य ऋण के घटक
-
बाह्य सहायता के तहत का ऋण (बहुपक्षीय और द्विपक्षीय ऋण) 2010-11 के दौरान लगभग 9.0 बिलियन अमरीकी डालर बढ़ा जबकि पिछले वर्ष इसमें 5.3 बिलियन अमरीकी डालर की कम वृद्धि हुई थी (सारणी 2)।
-
व्यापार ऋण (दीर्घावधि और अल्पावधि दोनों) में मार्च 2010 के अंत के 9.9 बिलियन अमरीकी डालर के स्तर की तुलना में मार्च 2011 के अंत के 12.8 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई।
-
वाणिज्यिक उधार में मार्च 2010 के अंत के स्तर की तुलना में मार्च 2011 के अंत में 17.5 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई जबकि पूर्ववर्ती वर्ष की तदनुरूप अवधि के दौरान इसमें 8.4 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई थी।
-
मार्च 2011 के अंत में अल्पावधि ऋण 12.7 बिलियन अमरीकी डालर बढ़कर लगभग 65.0 बिलियन अमरीकी डालर हो गया जबकि मार्च 2010 के अंत में यह 52.3 बिलियन अमरीकी डालर था जिसका मुख्य कारण अल्पावधि व्यापार ऋण में वृद्धि था।
-
अनिवासी भारतीय जमाराशियां मार्च 2010 के अंत के स्तर की तुलना में मार्च 2011 के अंत में 3.8 बिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 51.7 बिलियन अमरीकी डालर हो गयीं जिसका मुख्य कारण अनिवासी साधारण जमाराशियों और विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों में वृद्धि और आंशिक कारण मूल्यन प्रभाव था।
सारणी 2 :बाह्य ऋण - बकाया और घट-बढ़ |
(मिलियन अमरीकी डालर) |
ज्ञापन मदें |
के अंत में बकाया बाह्य ऋण |
समग्र घट-बढ़ |
प्रतिशत घट-बढ़ |
मार्च 09 |
मार्च 10 आं.सं. |
मार्च-2011 अ. |
मार्च 09 से मार्च 10 |
मार्च 10 से मार्च 11 |
मार्च 09 से मार्च 10 |
मार्च 10 से मार्च 11 |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
1.बहुपक्षीय |
39,538 |
42,859 |
48,464 |
3,321 |
5,605 |
8.4 |
13.1 |
2.द्विपक्षीय |
20,613 |
22,593 |
25,953 |
1,980 |
3,360 |
9.6 |
14.9 |
3.अंमुको |
1,018 |
6,041 |
6,308 |
5,023 |
267 |
493.4 |
4.4 |
4.निर्यात ऋण |
14,490 |
16,867 |
18,627 |
2,377 |
1,760 |
16.4 |
10.4 |
5. वाणिज्यिक उधार |
62,413 |
70,800 |
88,267 |
8,387 |
17,467 |
13.4 |
24.7 |
6. एनआरआइ जमाराशियां |
41,554 |
47,890 |
51,682 |
6,336 |
3,792 |
15.2 |
7.9 |
7.रुपया ऋण |
1,527 |
1,657 |
1,601 |
130 |
-56 |
8.5 |
-3.4 |
8.अल्पकालिक ऋण |
43,362 |
52,329 |
64,990 |
8,967 |
12,661 |
20.7 |
24.2 |
जिसमें से |
|
|
|
|
|
|
|
अल्पकालिक व्यापार ऋण |
39,964 |
47,473 |
58,462 |
7,509 |
10,989 |
18.8 |
23.1 |
कुल ऋण |
2,24,515 |
2,61,036 |
3,05,892 |
36,521 |
44,856 |
16.3 |
17.2 |
ज्ञापन मदें |
क. दीर्घकालिक ऋण |
1,81,153 |
2,08,707 |
2,40,902 |
27,554 |
32,195 |
15.2 |
15.4 |
ख. अल्पकालिक ऋण |
43,362 |
52,329 |
64,990 |
8,967 |
12,661 |
20.7 |
24.2 |
अ. : अनंतिम आं.सं.: आंशिक रूप से संशोधित |
स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक। |
4. भारत के बाह्य ऋण की मुद्रा संरचना (i) भारत के बाह्य ऋण की मुद्रा संरचना में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राएं नामत: अमरीकी डालर, जापानी येन, यूरो, पाउंड स्टर्लिंग, विशेष आहरण अधिकार और देशी मुद्रा अर्थात भारतीय रुपया शामिल है। (ii) मार्च 2011 के अंत में अमरीकी डालर में मूल्यवर्गित ऋण 59.9 प्रतिशत के साथ निरंतर सर्वाधिक बना रहा। मार्च 2011 के अंत में कुल बाह्य ऋण में भारतीय रुपये का हिस्सा 13.2 प्रतिशत था और इसके बाद जापानी येन (11.4 प्रतिशत) तथा विशेष आहरण अधिकार (9.7 प्रतिशत) का स्थान था। मार्च 2011 के अंत में यूरो का हिस्सा 3.7 प्रतिशत था। 5. अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर बाह्य ऋण (i) अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर मार्च 2011 के अंत में कुल बाह्य ऋण में अल्पकालिक ऋण का हिस्सा 42.2 प्रतिशत था। विदेशी मुद्रा भंडार के प्रति अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर अल्पावधि ऋण का अनुपात मार्च 2011 के अंत में 42.3 प्रतिशत था (सारणी 3)।
सारणी 3 : मार्च 2011 के अंत में अवशिष्ट परिपक्वता वाले बाह्य ऋणों का बकाया |
(मिलियन अमरीकी डॉलर) |
घटक |
एक वर्ष तक अल्पावधि |
दीर्घावधि |
कुल |
1 से 2 वर्ष |
2 से 3 वर्ष |
3 वर्ष से अधिक |
(2) से (5) |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
1. सार्वभौम ऋण (दीर्घावधि) |
4,769 |
5,156 |
5,339 |
60,058 |
75,322 |
2. बाह्य वाणिज्यिक उधार (व्यापार ऋण सहित) |
18,791 |
18,777 |
15,175 |
61,155 |
1,13,898 |
3. अनिवासी भारतीयों की जमाराशियां ढ(i)+ (ii)+ (iii) |
40,513 |
7,046 |
2,491 |
1,632 |
51,682 |
(i) एफसीएनआर(बी) |
11,979 |
2,230 |
858 |
530 |
15,597 |
(ii) एनआर(ई)आरए |
21,419 |
3,350 |
1,002 |
607 |
26,378 |
(iii) एनआरओ |
7,115 |
1466 |
631 |
495 |
9,707 |
4. अल्पावधि ऋण *(मूल परिपक्वता) |
64,990 |
- |
- |
- |
64,990 |
कुल (1 से 4) |
1,29,062 |
30,979 |
23,006 |
1,22,845 |
3,05,892 |
ज्ञापन मदें |
|
|
|
|
|
अल्पावधि ऋण (कुल बाह्य ऋण के प्रतिशत के रूप में अवशिष्ट परिपक्वता) |
42.2 |
अल्पावधि ऋण (आरक्षितों के प्रतिशत के रूप में अवशिष्ट परिपक्वता) |
42.3 |
* इसमें सार्वभौम ऋण के 2,842 मिलियन अमरीकी डॉलर के अल्पावधि घटक भी शामिल हैं। |
टिप्पणी अनिवासी भारतीयों की जमाराशियें की अवशिष्ट परिपक्वता का आकलन रिज़र्व बैंक द्वारा अनिवासी भारतीयों की जमाराशियें का 31 मार्च 2011 को बकाया पर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर किया गया है। |
स्रोतः वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक |
6. सरकारी और गैर-सरकारी बाह्य ऋण (i) सरकारी बाह्य ऋण मार्च 2011 के अंत में 78.2 बिलियन अमरीकी डालर था जो कि मार्च 2010 के अंत में 67.1 बिलियन अमरीकी डालर था। मार्च 2011 के अंत में कुल बाह्य ऋण में सरकारी बाह्य ऋण का हिस्सा 25.6 प्रतिशत था जो कि मार्च 2010 के अंत के 25.7 प्रतिशत के लगभग ही था। (ii) मार्च 2011 के अंत में कुल बाह्य ऋण में गैर-सरकारी ऋण का हिस्सा 74.4 प्रतिशत था जो कि मार्च 2010 के अंत के 74.3 प्रतिशत के लगभग ही था। किंतु कुल बाह्य ऋण में गैर-सरकारी ऋण के हिस्से में वर्षों से निरंतर वृद्धि हुई है (सारणी 4)।
सारणी 4 : सरकारी और गैर सरकारी बाह्य ऋण |
(मिलि.अम.डॉलर) |
क्र.सं. |
घटक |
मार्च के अंत में |
2005 |
2006 |
2007 |
2008 |
2009 |
2010 |
2011 |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
9 |
अ |
राष्ट्रीय ऋण (I+II) |
47,697 |
46,259 |
49,360 |
58,068 |
55,874 |
67,080 |
78,165 |
|
(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) |
6.3 |
5.5 |
5.0 |
4.6 |
5.1 |
4.7 |
4.4 |
I |
बाह्य सहायता के अंतर्गत सरकारी लेखा संबंधी बाह्य ऋण |
43,686 |
43,510 |
46,155 |
52,538 |
51,816 |
55,235 |
62,388 |
II |
अन्य सरकारी बाह्य ऋण |
4,011 |
2,749 |
3,205 |
5,530 |
4,058 |
11,845 |
15,777 |
आ |
गैर सरकारी ऋण # |
86,305 |
92,855 |
1,23,000 |
1,66,339 |
1,68,641 |
1,93,955 |
2,27,726 |
|
(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) |
11.8 |
11.3 |
12.5 |
13.4 |
15.4 |
13.4 |
12.9 |
इ |
कुल बाह्य ऋण (अ+आ) |
1,34,002 |
1,39,114 |
1,72,360 |
2,24,407 |
2,24,515 |
261036 |
3,05,892 |
|
(जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) |
18.1 |
16.8 |
17.5 |
18.0 |
20.5 |
18.0 |
17.3 |
@ अन्य सरकारी बाह्य ऋण में रक्षा ऋण, एफआइआइ द्वारा खजाना बिलों/सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश, विदेशी केंद्रीय बैंक और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष शामिल हैं। |
# : मौद्रिक प्राधिकरण का बाह्य ऋण शामिल है। |
स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक। |
7. बाह्य ऋण के चुनिंदा संकेतक (i) मार्च 2010 के अंत की तुलना में मार्च 2011 के अंत में जहां सकल देशी उत्पाद-ऋण अनुपात और ऋण चुकौती अनुपात में सुधार हुआ, वहीं कुल ऋण-विदेशी मुद्रा भंडार अनुपात और कुल ऋण में अल्पावधि ऋण का प्रतिशत जैसे अन्य संकेतक और साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आयी (सारणी 5)।
सारणी 5 : भारत के प्रमुख बाह्य ऋण संकेतक |
वर्ष |
बाह्य ऋण |
जीडीपी के प्रति बाह्य ऋण अनुपात |
ऋण चुकौती अनुपात |
कुल ऋण के प्रति विदेशी मुद्रा भंडार अनुपात |
कुल ऋण के प्रति रियायती ऋण अनुपात |
विदेशी मुद्रा भंडार के प्रति अल्पावधि ऋण अनुपात |
कुल ऋण के प्रति अल्पावधि ऋण अनुपात |
(बिल.अम.डॉ.) |
(प्रतिशत) |
(प्रतिशत) |
(प्रतिशत) |
(प्रतिशत) |
(प्रतिशत) |
(प्रतिशत) |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
1990-91 |
83.8 |
28.7 |
35.3 |
7 |
45.9 |
146.5 |
10.2 |
1995-96 |
93.7 |
27 |
26.2 |
23.1 |
44.7 |
23.2 |
5.4 |
2000-01 |
101.3 |
22.5 |
16.6 |
41.7 |
35.4 |
8.6 |
3.6 |
2001-02 |
98.8 |
21.1 |
13.7 |
54.7 |
35.9 |
5.1 |
2.8 |
2002-03 |
104.9 |
20.3 |
16.0* |
72.5 |
36.8 |
6.1 |
4.5 |
2003-04 |
111.6 |
18 |
16.1** |
101.2 |
35.8 |
3.9 |
4 |
2004-05 |
133 |
18.1 |
5.9^ |
106.4 |
30.7 |
12.5 |
13.3 |
2005-06 |
138.1 |
16.8 |
10.1# |
109.8 |
28.4 |
12.9 |
14.1 |
2006-07 |
172.4 |
17.5 |
4.7 |
115.6 |
23 |
14.1 |
16.3 |
2007-08 |
224.4 |
18.0 |
4.8 |
138 |
19.7 |
14.8 |
20.4 |
2008-09 |
224.5 |
20.5 |
4.4 |
112.2 |
18.7 |
17.2 |
19.3 |
2009-10 आं.सं. |
261.0 |
18.0 |
5.5 |
106.9 |
16.8 |
18.8 |
20.0 |
2010-11अ. |
305.9 |
17.3 |
4.2 |
99.6 |
15.6 |
21.3 |
21.2 |
अ. : अनंतिम आं.सं.: आंशिक रूप से संशोधित |
* यह 12.4 प्रतिशत होता है जिसमें समय पूर्व किया गया 3,430 मिलियन अमरीकी डालर का भुगतान शामिल नहीं है। |
** यह 8.2 प्रतिशत होता है जिसमें समय पूर्व किया गया 3,797 मिलियन अमरीकी डालर का भुगतान और 5,549 मिलियन अमरीकी डालर के रीसर्जेंट इंडिया बांड्स (आरआइबी) का मोचन शामिल नहीं है। |
^ यह 5.7 प्रतिशत होता है जिसमें समय पूर्व किया गया 381 मिलियन अमरीकी डालर का भुगतान शामिल नहीं है। |
# यह 6.3 प्रतिशत होता है जिसमें इंडिया मिलेनियम डिपाजिट (आइएमडी) के 7.1 बिलियन अमरीकी डालर की 23.5 मिलियन अमरीकी डालर के बाह्य ऋण चुकौती का समय पूर्व भुगतान शामिल नहीं हैं। |
स्रोत : वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक। |
अजीत प्रसाद सहायक महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/1902 |