30 जून 2014 मार्च 2014 की समाप्ति पर भारत का बाह्य ऋण स्थापित परंपरा के अनुसार, मार्च और जून को समाप्त तिमाहियों के लिए भारत के बाह्य ऋण की सांख्यिकी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा और सितंबर तथा दिसंबर को समाप्त तिमाहियों के लिए वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी की जाती है। बाह्य ऋण के आंकड़े एक तिमाही के अंतराल में जारी किए जाते हैं। मानक फार्मेट में समेकन के अनुसार, मार्च 2014 के अंत में रुपए और अमरीकी डॉलर के मूल्य में बाह्य ऋण के आंकड़े और पूर्व तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण 1 और 2 में दिये गये हैं। मार्च 2014 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित मुख्य-मुख्य गतिविधियां नीचे पैराग्राफ में दी गई हैं। मुख्य-मुख्य बातें मार्च 2014 के अंत में भारत के बाह्य ऋण ने वर्ष में 31.2 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि दर्शाई जो मुख्य रूप से वाणिज्यिक बैंकों के लिए एफसीएनआर(बी) और समुद्रपारीय उधार जुटाने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू की गई विशेष स्वैप योजना द्वारा हुई। चालू खाता घाटे में गिरावट और इक्विटी प्रवाह में पुनःसुधार से स्वैप योजना के अंतर्गत उधारों से विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में निर्माण में सहायता मिली। दूसरी तरफ बाह्य ऋण के आकार में वृद्धि आंशिक रूप से मूल्यानिर्धारण परिवर्तन (लाभ) से समायोजित हुई जो रुपए और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं की तुलना में अमरीकी डॉलर में अधिमूल्यन के कारण हुआ। इसके अतिरिक्त मूल परिपक्वता और अवशिष्ट परिपक्वता के मामले में कुल ऋण में लघु अवधि के ऋण की हिस्सेदारी में भी वर्ष 2013-14 के दौरान लघु अवधि के ऋण की चुकौती और ऋण प्रतिभूतियों से एफआईआई निवेश के आहरण के कारण गिरावट हुई। मार्च 2014 को भारत के विदेशी ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे दी गई हैं: -
मार्च 2014 के अंत में भारत का बाह्य ऋण 440.6 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा जो मार्च 2013 के अंत के स्तर से 31.2 बिलियन अमरीकी डॉलर अथवा 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। 2013-14 वित्त वर्ष के दौरान कुल बाह्य ऋण में वृद्धि मुख्य रूप से अनिवासी भारतीयों की जमाराशियों में वृद्धि के कारण हुई। -
अनिवासी भारतीयों की जमाराशियों में बड़ी वृद्धि सितंबर से नवंबर 2013 के दौरान रिज़र्व बैंक द्वारा प्रस्तावित स्वैप योजना के अंतर्गत वाणिज्यिक बैंकों द्वारा नई एफसीएनआर(बी) जमाराशियां जुटाने के कारण हो सकती है। -
प्रमुख घटकों के अनुसार, कुल बाह्य ऋण में बाह्य वाणिज्यिक उधारों का हिस्सा सर्वाधिक 33.3 प्रतिशत बना रहा, इसके पश्चात अनिवासी भारतीयों की जमाराशियों (23.6 प्रतिशत) और अल्पकालिक ऋण (20.3 प्रतिशत) था। -
कुल ऋण में अल्पकालिक ऋण की हिस्सेदारी में पिछली तिमाही और पिछले वर्ष की इस तिमाही की तुलना में गिरावट देखी गई। 89.2 बिलियन अमरीकी डॉलर पर अल्पकालिक ऋण मार्च 2013 के अंत में 23.6 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2014 के अंत में कुल बाह्य ऋण का 20.3 प्रतिशत रहा। -
मार्च 2014 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में अल्पकालिक ऋण (मूल परिपक्वता) का अनुपात मार्च 2013 के अंत के 33.1 से घटकर 29.3 प्रतिशत हो गया। -
अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर अल्पकालिक ऋण मार्च 2013 के अंत में 42.1 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2014 के अंत में कुल बाह्य ऋण का 39.6 प्रतिशत रहा। अवशिष्ट परिपक्वता के आधार पर अल्पकालिक ऋण के अंदर अनिवासी भारतीयों की जमाराशियों की हिस्सेदारी सबसे अधिक 31.4 प्रतिशत थी। विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों की तुलना में अल्पकालिक ऋण का अनुपात मार्च 2014 के अंत में 57.4 प्रतिशत रहा (सारणी 2)। -
वर्ष 2013-14 के दौरान मूल्यनिर्धारण लाभ 9.4 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा जो भारतीय रुपया और अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमरीकी डॉलर के अधिमूल्यन को दर्शाता है। इस प्रकार मूल्यनिर्धारण लाभ को छोड़कर बाह्य ऋण का स्टॉक मार्च 2013 के अंत में 31.2 बिलियन अमरीकी डॉलर की बजाय मार्च 2014 के अंत में 40.6 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया होता। -
मार्च 2014 के अंत में कुल बाह्य ऋण में अमरीकी डॉलर में मूल्यवर्गित ऋण का हिस्सा सर्वाधिक अर्थात 61.8 प्रतिशत रहा, इसके पश्चात रुपए में मूल्यवर्गित (21.1 प्रतिशत) और एसडीआर (6.9 प्रतिशत), जापानी येन (5.1 प्रतिशत) और यूरो (3.4 प्रतिशत) का रहा। -
सरकारी बाह्य ऋण मार्च 2013 के अंत में 81.7 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में मार्च 2014 के अंत में 81.5 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा। मार्च 2014 के अंत में कुल बाह्य ऋण में सरकारी और गैर-सरकारी बाह्य ऋण की हिस्सेदारी क्रमशः 18.5 प्रतिशत और 81.5 रही (सारणी 3)। सारणी 1: बाह्य ऋण – बकाया और अंतर | (बिलियन अमरीकी डॉलर) | ज्ञापन मदें | मार्च के अंत में बकाया | पूर्ण अंतर | प्रतिशत अंतर | 2012 सं. | 2013 आं.सं. | 2014 अनं. | मार्च 12 से मार्च 13 | मार्च 13 से मार्च 14 | मार्च 12 से मार्च 13 | मार्च 13 से मार्च 14 | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 1. बहुपक्षीय | 50.5 | 51.6 | 53.3 | 1.1 | 1.7 | 2.3 | 3.3 | 2. द्विपक्षीय | 26.9 | 25.2 | 24.8 | -1.7 | -0.4 | -6.4 | -1.4 | 3. आईएमएफ | 6.2 | 6.0 | 6.2 | -0.2 | 0.2 | -3.2 | 3.2 | 4. निर्यात ऋण | 19.0 | 17.7 | 15.3 | -1.3 | -2.5 | -6.6 | -13.9 | 5.वाणिज्यिक उधार | 120.1 | 140.2 | 146.5 | 20.0 | 6.4 | 16.7 | 4.5 | 6. एनआरआई जमाराशियां | 58.6 | 70.8 | 103.8 | 12.2 | 33.0 | 20.8 | 46.6 | 7. रुपया ऋण | 1.4 | 1.3 | 1.5 | -0.1 | 0.2 | -7.1 | 16.7 | 8. अल्पकालिक ऋण | 78.2 | 96.7 | 89.2 | 18.5 | -7.5 | 23.7 | -7.7 | जिसमें से | | | | | | | | अल्पकालिक व्यापार ऋण | 65.1 | 86.8 | 81.7 | 21.7 | -5.0 | 33.3 | -5.8 | कुल ऋण | 360.8 | 409.4 | 440.6 | 48.7 | 31.2 | 13.5 | 7.6 | ज्ञापन ऋण | ए. दीर्घावधि ऋण | 282.6 | 312.7 | 351.4 | 30.1 | 38.7 | 10.7 | 12.4 | बी. अल्पकालिक ऋण | 78.2 | 96.7 | 89.2 | 18.5 | -7.5 | 23.7 | -7.7 | अनं: अनंतिम. पी.आर.: आंशिक रूप से संशोधित. आर: संशोधित | स्रोत: वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक | सारणी 2: मार्च 2013 के अंत में बकाया बाह्य ऋण की अवशिष्ट परिपक्वता | (बिलियन अमरीकी डॉलर) | | एक वर्ष तक अल्पकालिक | दीर्घावधि | कुल | 1 से 2 वर्ष | 2 से 3 वर्ष | 3 वर्ष से अधिक | (2) से (5) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 1. सरकारी ऋण (दीर्घकालिक)$ | 5.7 | 5.9 | 6.2 | 61.1 | 79.0 | 2. बाह्य वाणिज्यिक उधार# | 24.9 | 22.9 | 25.0 | 95.8 | 168.6 | 3. एनआरआई जमाराशियां (i)+(ii) + (iii) | 54.8 | 7.5 | 24.6 | 17.0 | 103.8 | (i) एफसीएनआर(बी) | 13.0 | 2.0 | 18.7 | 8.1 | 41.8 | (ii) एनआर(ई)आरए | 34.3 | 4.9 | 5.3 | 8.4 | 52.9 | (iii) एनआरओ | 7.5 | 0.6 | 0.5 | 0.5 | 9.1 | 4. अल्पकालिक ऋण* (मूल परिपक्वता) | 89.2 | 0.0 | 0.0 | 0.0 | 89.2 | कुल (1 से 4) | 174.6 | 36.3 | 55.8 | 173.9 | 440.6 | ज्ञापन मदें | | | | | | अल्पकालिक ऋण (कुल बाह्य ऋण के प्रतिशत के रूप में अवशिष्ट परिपक्वता) | 39.6 | अल्पकालिक ऋण (आरक्षित निधियों के प्रतिशत के रूप में अवशिष्ट परिपक्वता) | 57.4 | $ : सरकारी प्रतिभूतियों में एफआईआई शामिल हैं। # : इस सारणी में बाह्य वाणिज्यिक उधारों में (i) व्यापार ऋण, (ii) गैर-सरकारी रक्षा ऋण और (iii) गैर-सरकारी बहुपक्षीय तथा द्विपक्षीय उधार का एक हिस्सा शामिल है तथा इसलिए मूल परिपक्वता के अंतर्गत अन्य सारणियों में दिये गये ईसीबी के साथ हो सकता है मिलान न हो। टिप्पणीः एनआरआई जमाराशियों की अवशिष्ट परिपक्वता का 31 मार्च 2014 को बकाया एनआरआई जमाराशियों पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किये गये सर्वेक्षण के आधार पर अनुमान लगाया गया है। स्रोतः वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक | सारणी 3: सरकारी और गैर-सरकारी बाह्य ऋण | (बिलियन अमरीकी डॉलर) | घटकों की क्रम सं. | End-March | 2008 | 2009 | 2010 | 2011R | 2012 PR | 2013 PR | 2014 PR | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | ए. सरकारी ऋण (I+II) | 58.1 | 55.9 | 67.1 | 78.1 | 81.9 | 81.7 | 81.5 | (जीडीपीकेप्रतिशतकेरूपमें) | 4.7 | 5.1 | 4.7 | 4.5 | 4.7 | 4.4 | 4.3 | I.बाह्य सहायता के अंतर्गत सरकारी खाते का बाह्य ऋण | 52.5 | 51.8 | 55.2 | 62.3 | 63.4 | 61.3 | 62.2 | II.अन्य सरकारी बाह्य ऋण @ | 5.5 | 4.1 | 11.8 | 15.8 | 18.5 | 20.3 | 19.3 | बी. गैर सरकारी ऋण # | 166.3 | 168.6 | 193.9 | 239.8 | 278.9 | 327.8 | 359.1 | (जीडीपीकेप्रतिशतकेरूपमें) | 13.3 | 15.2 | 13.6 | 13.7 | 15.8 | 17.6 | 19.0 | सी. कुल बाह्य ऋण (ए+बी) | 224.4 | 224.5 | 260.9 | 317.9 | 360.8 | 409.4 | 440.6 | (जीडीपीकेप्रतिशतकेरूपमें) | 18.0 | 20.3 | 18.3 | 18.2 | 20.5 | 22.0 | 23.3 | @: अन्य सरकारी बाह्य ऋण में रक्षा ऋण, विदेशी संस्थागत निवेशकों, विदेशी केंद्रीय बैंकों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों और आईएमएफ द्वारा खज़ाना बिलों/सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश शामिल है। #: मौद्रिक प्राधिकार का बाह्य ऋण शामिल है। स्रोतः वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक | सारणी 4: भारत के प्रमुख बाह्य ऋण संकेतक | मार्च के अंत में | बाह्य ऋण | जीडीपी की तुलना में बाह्य ऋण अनुपात | ऋण चुकौती अनुपात | कुल ऋण की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार अनुपात | कुल ऋण की तुलना में रियायती ऋण अनुपात | विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में अल्पावधि ऋण अनुपात | कुल ऋण की तुलना में अल्पावधि ऋण अनुपात | (अमरीकी डॉलर बिलियन) | (प्रतिशत) | (प्रतिशत) | (प्रतिशत) | (प्रतिशत) | (प्रतिशत) | (प्रतिशत) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 1991 | 83.8 | 28.7 | 35.3 | 7.0 | 45.9 | 146.5 | 10.2 | 1996 | 93.7 | 27.0 | 26.2 | 23.1 | 44.7 | 23.2 | 5.4 | 2001 | 101.3 | 22.5 | 16.6 | 41.7 | 35.4 | 8.6 | 3.6 | 2006 | 139.1 | 16.8 | 10.1# | 109.0 | 28.4 | 12.9 | 14.0 | 2007 | 172.4 | 17.5 | 4.7 | 115.6 | 23.0 | 14.1 | 16.3 | 2008 | 224.4 | 18.0 | 4.8 | 138.0 | 19.7 | 14.8 | 20.4 | 2009 | 224.5 | 20.3 | 4.4 | 112.2 | 18.7 | 17.2 | 19.3 | 2010 | 260.9 | 18.2 | 5.8 | 106.9 | 16.8 | 18.8 | 20.1 | 2011R | 317.9 | 18.2 | 4.4 | 95.9 | 14.9 | 21.3 | 20.4 | 2012PR | 360.8 | 20.5 | 6.0 | 81.6 | 13.3 | 26.6 | 21.7 | 2013PR | 409.4 | 22.0 | 5.9 | 71.3 | 11.1 | 33.1 | 23.6 | 2014P | 440.6 | 23.3 | 5.9 | 69.0 | 10.5 | 29.3 | 20.3 | अ: अनंतिम आं.सं.: आंशिक रूप से संशोधित | # 7.1 बिलियन अमरीकी डॉलर के इंडिया मिल्लेनियम डिपॉजिट (आईएमडी) भुगतान तथा 23.5 मिलियन अमरीकी डॉलर के बाहृय ऋण के पूर्व भुगतान को छोड़कर 6.3 प्रतिशत है। | स्रोत: वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक। | संगीता दास निदेशक प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/2536 |