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भारत की तिमाही अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति: सितंबर 2011

30 दिसंबर 2011

भारत की तिमाही अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति: सितंबर 2011

अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति, एक सांख्यिकीय विवरण है जो एक कालावधि के अंत तक, (ए) किसी अर्थव्यवस्था के निवासियों की वित्तीय आस्तियों का, जो अनिवासियों पर दावे होते हैं, तथा आरक्षित आस्तियों के रूप में धारित स्वर्ण बुलियन का और (बी) निवासियों की अनिवासियों के प्रति वित्तीय देयताओं का मूल्य और संरचना बताती है। एक अर्थव्यवस्था की बाह्य वित्तीय आस्तियों और देयताओं के बीच का अंतर, उस अर्थव्यवस्था की शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति होती है, जो घनात्मक या ऋणात्मक हो सकती है। इस प्रकार का, अंतर्राष्ट्रीय लेखों का तुलन पत्र विश्लेषण, टिकने की क्षमताओं और दुर्बलताओं को समझने में मदद करता है और वित्तीय संसाधनों के घरेलू स्त्रोत और अन्य नीति सोच-विचार से सम्बन्ध का अध्ययन करते हुए, अर्थव्यवस्था संरचना के विश्लेषण में उपयोगी है।

भारत की शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति की शुद्ध देयताओं के स्तर में  जून 2011 अंत के  237.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में, सितंबर 2011 अंत तक 224.9 बिलियन अमरीकी डॉलर पर सुधार हुआ।  शुद्ध देयताओं के स्तर में यह गिरावट  मुख्यतया  देयताओं में 16.7 बिलियन अमरीकी डॉलर की गिरावट के कारण थी  जिसमें  अस्तियों में 4.1 बिलियन अमरीकी डालर की सापेक्षित लघुतर गिरावट का प्रतिसंतुलन  हुआ । तथापि, यह गिरावट रुपया अवमूल्यन का प्रभाव दर्शाती है।

सितंबर 2011 को समाप्त तिमाही की भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति की मुख्य बातें नीचे प्रस्तुत हैं:

I. समग्र अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति

(i) तिमाही परिवर्तन:

ए. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियाँ, सितंबर 2011 के अंत तक, पिछली तिमाही की तुलना में, 4.1 बिलियन अमरीकी डॉलर घट कर 434.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हूईं (तालिका 1)।  आरक्षित आस्तियाँ, जो प्रमुख स्त्रोत बनी रहीं, सितंबर 2011 अंत तक 4.2 बिलियन अमरीकी डॉलर की गिरावट से 311.5 बिलियन अमरीकी डॉलर हुईं। अन्य स्त्रोतों में, विदेश में प्रत्यक्ष निवेश, इस तिमाही में, 2.9 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर सितंबर 2011 अंत तक 109.1 बिलियन अमरीकी डॉलर पर पहुँचा ।

बी.     अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताएँ, पिछली तिमाही से 16.7 बिलियन अमरीकी डॉलर की गिरावट से सितंबर  2011 अंत तक 659.6 बिलियन अमरीकी डॉलर थीं।  भारत में प्रत्यक्ष निवेश और संविभाग निवेश, सितंबर 2011 अंत तक, क्रमश: 11.6 बिलियन अमरीकी डॉलर और 14.5 बिलियन अमरीकी डॉलर कम हुआ और अन्य निवेश में, व्यापार ऋण और उधार  [मुख्यत: बाह्य व्यापार ऋण (ईसीबी)] क्रमश: 2.9 बिलियन अमरीकी डॉलर और 7.5 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़े।

• इस तिमाही में रुपया अवमूल्यन के कारण, जून 2011 की इक्विटी देयताएँ, सितंबर 2011 अंत तक के विनिमय दर पर मूल्यांकन करने पर 34.3 बिलियन अमरीकी डॉलर से नीचे की ओर पुनर्मूल्यांकित हूईं (प्रत्यक्ष निवेश में 19.2 बिलियन अमरीकी डॉलर और संविभाग निवेश में 15.1 बिलियन अमरीकी डॉलर)।

सी.    अनिवासियों के भारत पर शुद्ध दावे, जो शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति (अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियाँ – अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताएँ) दर्शाती है, पिछली तिमाही में 12.6 बिलियन अमरीकी डॉलर कम हो कर, सितंबर 2011 अंत तक 224.9 बिलियन अमरीकी डॉलर हुए।

डी.     भारत की अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताओं से अनुपात की घटती प्रवृत्ति,  अंतिम तिमाही के दौरान सुधर कर सितंबर 2011 अंत तक अनुपात 65.9 प्रतिशत हो गया (जून 2011 में 64.9 प्रतिशत)।

तालिका 1: समग्र अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति

(बिलियन अमरीकी डॉलर)

अवधि

सितं.09 सं

दिसं.09
आं सं

मार्च 10
आं सं

जून 10
आं सं

सितं.10
आं सं

दिसं.10
आं सं

मार्च 11
आं सं

जून 11 आं सं

सितं.11

शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति

-106.6

-129.7

-160.4

-176.6

-205.0

-221.8

-224.3

-237.5

-224.9

क.  आस्तियाँ

375.9

382.3

383.4

378.8

406.9

412.0

426.6

438.8

434.7

1. प्रत्यक्ष निवेश 

76.5

80.9

84.3

87.6

91.5

96.4

100.8

106.2

109.1

2. संविभाग निवेश

1.1

1.0

1.4

1.4

1.6

1.6

1.5

1.5

1.5

2.1 इक्विटी प्रतिभूतियाँ 

1.0

0.9

1.4

1.4

1.5

1.6

1.4

1.4

1.4

2.2 ऋण प्रतिभूतियाँ

0.0

0.0

0.0

0.0

0.0

0.0

0.1

0.0

0.0

3. अन्य निवेश

17.1

16.9

18.7

14.1

21.0

16.6

19.5

15.4

12.7

3.1 व्यापार ऋण

-2.4

-1.7

-2.3

-6.0

-4.5

-5.8

-6.4

-5.9

-8.8

3.2 ऋण

4.4

3.7

5.9

3.6

6.3

4.0

6.3

4.2

4.1

3.3 मुद्रा और जमा राशियाँ

8.0

7.7

7.7

7.8

10.3

9.1

10.9

7.6

7.8

3.4 अन्य आस्तियाँ

7.1

7.2

7.4

8.6

8.9

9.3

8.8

9.5

9.6

4. आरक्षित आस्तियाँ

281.3

283.5

279.1

275.7

292.9

297.3

304.8

315.7

311.5

ख.  देयताएँ

482.5

512.0

543.8

555.4

611.9

633.7

650.9

676.3

659.6

1. प्रत्यक्ष निवेश

159.3

171.5

182.1

183.2

197.8

204.7

211.2

224.5

212.9

2. संविभाग निवेश

106.0

117.2

133.9

135.2

163.8

171.3

173.6

176.0

161.5

2.1 इक्विटी प्रतिभूतियाँ

85.1

93.4

105.3

106.6

130.5

138.2

138.9

141.4

128.0

2.2 ऋण प्रतिभूतियाँ

20.9

23.8

28.6

28.6

33.3

33.0

34.7

34.6

33.5

3. अन्य निवेश

217.1

223.3

227.8

237.0

250.4

257.7

266.2

275.8

285.2

3.1 व्यापार ऋण

41.9

45.1

49.5

53.8

56.6

57.9

60.7

63.8

66.7

3.2 ऋण

120.7

122.0

121.6

126.6

134.8

140.3

145.2

150.5

158.0

3.3 मुद्रा और जमा राशियाँ

46.7

48.2

48.6

48.8

50.5

51.3

51.8

53.0

52.4

3.4 अन्य देयताएँ

7.9

8.1

8.1

7.9

8.5

8.1

8.5

8.5

8.1

सं: संशोधित           आं सं: आंशिक संशोधित               अ: अनंतिम
टिप्पणी – जहाँ आवश्यक हुआ, हर संख्या को निकटतम अंतिम अंक तक पूर्णांकित किया गया है। इस कारण, कुछ तालिकाओं में, घटको का जोड़ कुल संख्या से थोडा भिन्न हो सकता है । इस तालिका में दी गई टिप्पणियाँ अन्य तालिकाओं के लिए भी लागू हैं।

(ख) वार्षिक परिवर्तन:

• अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियाँ, सितंबर 2011 अंत तक एक वर्ष में 27.8 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़ीं (तालिका 1)।  अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों में, विदेश में प्रत्यक्ष निवेश और आरक्षित आस्तियाँ क्रमश: 17.6 बिलियन अमरीकी डॉलर और 18.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई।

• अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताएँ, वार्षिक तुलना में, सितंबर 2011 अंत तक 47.7 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि से 659.6 बिलियन अमरीकी डॉलर हुईं। यह वृद्धि प्रमुख रुप से भारत में प्रत्यक्ष निवेश, ऋण [मुख्यत: बाह्य व्यापार ऋण (ईसीबी)] तथा मुद्रा और जमा राशियाँ (मुख्यत: अनिवासी भारतीयों की जमा राशियाँ) में वृद्धि के कारण था ।  वाणिज्य व्यापार बढ़ने से,  भारतीय उद्यम को दिए गए व्यापार ऋण में 10.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की वार्षिक वृद्धि हुई।

• अनिवासियों के भारत पर शुद्ध दावों में, वार्षिक तुलना में, सितंबर 2011 अंत तक 19.9 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई, जिस का कारण मुख्यत: भारत में प्रत्यक्ष निवेश के शुद्ध अंतर्वाह में तथा बाह्य व्यापार ऋण (ईसीबी) में वृद्धि थी।  तथापि, साथ ही आरक्षित आस्तियाँ और विदेश में प्रत्यक्ष निवेश काफी मात्रा में बढ़े ।

• अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताओं का अनुपात,  सितंबर 2009 में 77.9 प्रतिशत से सितंबर 2010 में 66.5 प्रतिशत पर और सितंबर 2011 में 65.9 प्रतिशत पर गिरावट हुई, जो आस्तियों में वृद्धि की प्रवृत्ति की तुलना में देयताओं में वृद्धि की प्रवृत्ति अधिक तेज़ी से बढ़ जाने के परिणामस्वरूप थी।

II. बाह्य वित्तीय आस्तियों और देयताओं की रचना

• भारत की अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों में, सितंबर 2011 में, आरक्षित आस्तियों का प्रमुख भाग (71.7 प्रतिशत) बना रहा जबकि, विदेश में प्रत्यक्ष निवेश (25.1 प्रतिशत) अन्य मुख्य स्त्रोत था (तालिका 2)।

• प्रत्यक्ष निवेश (32.3 प्रतिशत), संविभाग निवेश (24.5 प्रतिशत), ऋण [मुख्यत: बाह्य व्यापार ऋण (ईसीबी)]  (24.0 प्रतिशत), व्यापार ऋण (10.1 प्रतिशत) तथा मुद्रा और जमा राशियाँ (7.9 प्रतिशत) देश की बाह्य वित्तीय देयताओं के प्रमुख घटक थे।

तालिका 2: बाह्य वित्तीय आस्तियों और देयताओं की संरचना

(प्रतिशत)

अवधि

सितं.09 सं

दिसं.09
आं सं

मार्च 10
आं सं

जून 10
आं सं

सितं.10
आं सं

दिसं.10
आं सं

मार्च 11
आं सं

जून 11 आं सं

सितं.11

ए.  आस्तियाँ 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 1. प्रत्यक्ष निवेश

20.4

21.2

22.0

23.1

22.5

23.4

23.6

24.2

25.1

 2. संविभाग निवेश

0.3

0.3

0.4

0.4

0.4

0.4

0.4

0.3

0.3

 3. अन्य निवेश

4.5

4.4

4.9

3.7

5.2

4.0

4.6

3.5

2.9

 4. आरक्षित  आस्तियाँ

74.8

74.2

72.8

72.8

72.0

72.2

71.5

72.0

71.7

      कुल

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

बी.  देयताएँ

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 1. प्रत्यक्ष निवेश

33.0

33.5

33.5

33.0

32.3

32.3

32.4

33.2

32.3

 2. संविभाग निवेश

22.0

22.9

24.6

24.3

26.8

27.0

26.7

26.0

24.5

 3. अन्य निवेश

45.0

43.6

41.9

42.7

40.9

40.7

40.9

40.8

43.2

      कुल

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

III. बाह्य ऋण देयताएँ और बाह्य ऋणेतर देयताएँ

अमरीकी डॉलर मूल्यों पर प्रत्यक्ष और संविभाग निवेश देयताओं में कमी के कारण, ऋणेतर देयताओं का भाग सितंबर 2011 अंत तक 50.3 प्रतिशत पर, जून 2011 अंत तक 52.9 प्रतिशत से नीचे रहा (तालिका 3)।

तालिका 3: बाह्य ऋण और ऋणेतर देयताओं का भाग

(प्रतिशत)

अवधि

सितं.09 सं

दिसं.09
आं सं

मार्च 10
आं सं

जून 10
आं सं

सितं.10
आं सं

दिसं.10
आं सं

मार्च 11
आं सं

जून 11 आं सं

सितं.11

ऋणेतर देयताएँ

49.4

50.4

51.8

51.1

52.6

53.1

52.7

52.9

50.3

ऋण देयताएँ

50.6

49.6

48.2

48.9

47.4

46.9

47.3

47.1

49.7

कुल

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

100.0

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के विशेष आँकड़ा प्रसार मानक के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति संबंधी आँकड़े, दो तिमाहियों के अंतराल से, वार्षिक जारी करने होते हैं (तिमाही प्रकाशन, एक तिमाही के अंतराल से प्रोत्साहित है)। भारत की तिमाही अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति, जून 2006 अंत तक से, दो तिमाहियों से कम अंतराल से प्रसारित की जा रही थी और इसके पश्चात, जून 2009 तिमाही से, अंतराल एक तिमाही तक कम किया गया।  जून 2011 अंत तक की पिछली त्रैमासिक अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति, 30 सितंबर 2011 को सार्वजनिक डोमेन में रखी गई थी।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1040

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