30 सितंबर 2011 भारत की तिमाही अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति : जून 2011 अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति, एक सांख्यिकीय विवरण है जो एक कालावधि के अंत तक, (अ) किसी अर्थव्यवस्था के निवासियों की वित्तीय आस्तियों का, जो अनिवासियों पर दावे होते हैं, तथा आरक्षित आस्तियों के रूप में धारित स्वर्ण बुलियन का और (ब) निवासियों की अनिवासियों के प्रति वित्तीय देयताओं का मूल्य और संरचना बताती है। एक अर्थव्यवस्था की बाह्य वित्तीय आस्तियों और देयताओं के बीच का अंतर, उस अर्थव्यवस्था की शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति होती है, जो सकारात्मक या नकारात्मक हो सकती है। इस प्रकार का, अंतर्राष्ट्रीय लेखों का तुलन पत्र विश्लेषण, टिकने की क्षमताओं और दुर्बलताओं को समझने में मदद करता है और वित्तीय संसाधनों के घरेलू स्त्रोत और अन्य नीति सोच-विचार से सम्बन्ध का अध्ययन करते हुए, अर्थव्यवस्था संरचना के विश्लेषण में उपयोगी है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के विशेष आँकड़ा प्रसार मानक के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति संबंधी आँकड़े, दो तिमाहियों के अंतराल से, वार्षिक जारी करने होते हैं (तिमाही प्रकाशन एक तिमाही के अंतराल से, प्रोत्साहित है)। भारत की तिमाही अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति, जून 2006 अंत तक से, दो तिमाहियों से कम अंतराल से प्रसारित की जा रही थी और इसके पश्चात, जून 2009 तिमाही से, अंतराल एक तिमाही तक कम किया गया। मार्च 2011 अंत तक की पिछली त्रैमासिक अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति, 30 जून 2011 को सार्वजनिक डोमेन में रखी गई थी। जून 2011 को समाप्त तिमाही की भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति की मुख्य बातें नीचे प्रस्तुत हैं: I. समग्र अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति (क) तिमाही परिवर्तन:
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अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियाँ, जून 2011 अंत तक, पिछली तिमाही की तुलना में, 11.1 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 435.6 बिलियन अमरीकी डॉलर हूईं (तालिका 1)। आरक्षित आस्तियाँ, जो प्रमुख स्त्रोत बनी रहीं, जून 2011 अंत तक 10.9 बिलियन अमरीकी डॉलर की बढ़त से 315.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हुईं। अन्य स्त्रोत में, विदेश में प्रत्यक्ष निवेश, तिमाही में, 5.7 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर जून 2011 अंत तक 103.9 बिलियन अमरीकी डॉलर पर पहूँचा।
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तालिका I. समग्र अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति |
(बिलियन अमरीकी डॉलर) |
अवधि |
जून 09 सं |
सितं. 09 आं सं |
दिसं. 09 आं सं |
मार्च 10 आं सं |
जून 10 आं सं |
सितं. 10 आं सं |
दिसं. 10 आं सं |
मार्च 11 आं सं |
जून 11 अ |
शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति |
-89.6 |
-103.9 |
-127.1 |
-158.4 |
-174.1 |
-201.7 |
-217.4 |
-219.4 |
-233.6 |
क. आस्तियाँ |
356.2 |
374.5 |
380.6 |
381.1 |
376.5 |
404.8 |
410.0 |
424.5 |
435.6 |
1. प्रत्यक्ष निवेश |
71.7 |
75.1 |
79.3 |
82.0 |
85.2 |
89.0 |
93.9 |
98.2 |
103.9 |
2. संविभाग निवेश |
1.0 |
1.1 |
1.0 |
1.4 |
1.4 |
1.6 |
1.6 |
1.5 |
1.5 |
2.1 इक्विटी प्रतिभूतियाँ |
1.0 |
1.0 |
0.9 |
1.4 |
1.4 |
1.5 |
1.6 |
1.4 |
1.4 |
2.2 ऋण प्रतिभूतियाँ |
0.0 |
0.0 |
0.0 |
0.0 |
0.0 |
0.0 |
0.0 |
0.1 |
0.1 |
3. अन्य निवेश |
18.3 |
17.1 |
16.9 |
18.7 |
14.1 |
21.3 |
17.1 |
20.0 |
14.5 |
3.1 व्यापार ऋण |
-0.8 |
-2.4 |
-1.7 |
-2.3 |
-6.0 |
-4.1 |
-5.3 |
-5.9 |
-6.8 |
3.2 ऋण |
5.5 |
4.4 |
3.7 |
5.9 |
3.6 |
6.3 |
4.0 |
6.3 |
4.2 |
3.3 मुद्रा और जमा राशियाँ |
6.8 |
8.0 |
7.7 |
7.7 |
7.8 |
10.3 |
9.1 |
10.9 |
7.6 |
3.4 अन्य आस्तियाँ |
6.8 |
7.1 |
7.2 |
7.4 |
8.6 |
8.9 |
9.3 |
8.8 |
9.5 |
4. आरक्षित आस्तियाँ |
265.1 |
281.3 |
283.5 |
279.1 |
275.7 |
292.9 |
297.3 |
304.8 |
315.7 |
ख. देयताएँ |
445.8 |
478.3 |
507.7 |
539.4 |
550.5 |
606.5 |
627.4 |
643.9 |
669.2 |
1. प्रत्यक्ष निवेश |
144.6 |
155.2 |
167.2 |
177.8 |
178.4 |
192.1 |
198.4 |
204.2 |
217.7 |
2. संविभाग निवेश |
95.9 |
106.0 |
117.2 |
133.9 |
135.2 |
164.0 |
171.3 |
173.6 |
176.4 |
2.1 इक्विटी तिभूतियाँ |
75.6 |
85.1 |
93.4 |
105.3 |
106.6 |
130.5 |
138.2 |
138.9 |
141.7 |
2.2 ऋण प्रतिभूतियाँ |
20.3 |
20.9 |
23.8 |
28.6 |
28.6 |
33.5 |
33.0 |
34.7 |
34.8 |
3. अन्य निवेश |
205.3 |
217.1 |
223.3 |
227.8 |
237.0 |
250.4 |
257.7 |
266.2 |
275.1 |
3.1 व्यापार ऋण |
40.6 |
41.9 |
45.1 |
49.5 |
53.8 |
56.6 |
57.9 |
60.7 |
63.7 |
3.2 ऋण |
116.7 |
120.7 |
122.0 |
121.6 |
126.6 |
134.8 |
140.3 |
145.2 |
149.8 |
3.3 मुद्रा और जमा राशियाँ |
45.4 |
46.7 |
48.2 |
48.6 |
48.8 |
50.5 |
51.3 |
51.8 |
53.0 |
3.4 अन्य देयताएँ |
2.7 |
7.9 |
8.1 |
8.1 |
7.8 |
8.5 |
8.1 |
8.5 |
8.5 |
सं: संशोधित आं सं: आंशिक संशोधित अ: अनंतिम टिप्पणी – जहाँ आवश्यक हुआ, हर संख्या को निकटतम अंतिम अंक तक पूर्णांकित किया गया है। इस कारण, कुछ तालिकाओं में, घटको का जोड़ कुल संख्या तक न आए। इस तालिका में दी गई टिप्पणियाँ अन्य तालिकाओं के लिए भी लागू हैं। |
-
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताएँ, पिछली तिमाही से, जून 2011 अंत तक 25.3 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि से 669.2 बिलियन अमरीकी डॉलर पर पहुँचीं। भारत में प्रत्यक्ष निवेश और संविभाग निवेश, जून 2011 अंत तक, क्रमश: 13.5 बिलियन अमरीकी डॉलर और 2.8 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़े और अन्य निवेश में, व्यापार ऋण और ऋण [मुख्यत: बाह्य व्यापार ऋण (ईसीबी)] क्रमश: 3.0 बिलियन अमरीकी डॉलर और 4.6 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़े।
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अनिवासियों के भारत पर शुद्ध दावे, जो शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति (अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियाँ – अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताएँ) दर्शाती है, जून 2011 अंत तक, पिछली तिमाही से, 14.2 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर, 233.6 बिलियन अमरीकी डॉलर हुए जो मुख्यत:, प्रत्यक्ष निवेश के शुद्ध अंतर्वाह में तथा बाह्य व्यापार ऋण (ईसीबी) में वृद्धि के कारण था| जबकि, साथ ही आरक्षित आस्तियाँ और विदेश में प्रत्यक्ष निवेश काफी मात्रा में बढ़े।
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भारत की अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों के, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताओं से अनुपात की घटती प्रवृत्ति, अंतिम तिमाही के दौरान क़ायम रही और जून 2011 अंत तक अनुपात 65.1 प्रतिशत रहा (मार्च 2011 तक 65.9 प्रतिशत)।
(ख) वार्षिक परिवर्तन:
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अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियाँ, एक वर्ष में, जून 2011 अंत तक 59.1 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़ीं (तालिका 1)। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों में, विदेश में प्रत्यक्ष निवेश और आरक्षित आस्तियाँ क्रमश: 18.7 बिलियन अमरीकी डॉलर और 40.0 बिलियन अमरीकी डॉलर अधिक हुए।
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अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताएँ, वार्षिक तुलना में, जून 2011 अंत तक 118.7 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि से 669.2 बिलियन अमरीकी डॉलर तक तेज़ी से चढ़ीं। भारत में प्रत्यक्ष और संविभाग निवेश क्रमश: 39.3 बिलियन अमरीकी डॉलर और 41.2 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़े। अन्य देयताओं में, ऋण [मुख्यत: बाह्य व्यापार ऋण (ईसीबी)] तथा मुद्रा और जमा राशियाँ (मुख्यत: अनिवासी भारतीयों की जमा राशियाँ) क्रमश: 23.2 बिलियन अमरीकी डॉलर और 4.2 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़े। वाणिज्य व्यापार बढ़ने से भारतीय उद्यम को दिए गए व्यापार ऋण में 9.9 बिलियन अमरीकी डॉलर की वार्षिक वृद्धि हुई।
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अनिवासियों के भारत पर शुद्ध दावों में, वार्षिक तुलना में, जून 2011 अंत तक 59.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई, जिस का कारण मुख्यत: भारत में प्रत्यक्ष निवेश और संविभाग निवेश के शुद्ध अंतर्वाह में तथा बाह्य व्यापार ऋण (ईसीबी) में वृद्धि थी। जबकि, साथ ही आरक्षित आस्तियाँ और विदेश में प्रत्यक्ष निवेश काफी मात्रा में बढ़े ।
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अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों के, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताओं से अनुपात में जून 2009 में 79.9 प्रतिशत से जून 2010 में 68.4 प्रतिशत पर और जून 2011 में 65.1 प्रतिशत पर काफी गिरावट हुई, जो आस्तियों में वृद्धि की प्रवृत्ति की तुलना में देयताओं में वृद्धि की प्रवृत्ति अधिक तेज़ी से बढ़ जाने के परिणामस्वरूप थी।
II. बाह्य वित्तीय आस्तियों और देयताओं की रचना
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भारत की अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों में, जून 2011 में, आरक्षित आस्तियों का प्रमुख भाग (72.5 प्रतिशत) बना रहा, जबकि, विदेश में प्रत्यक्ष निवेश (23.9 प्रतिशत) अन्य मुख्य स्त्रोत था (तालिका 2)।
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प्रत्यक्ष निवेश (32.5 प्रतिशत), संविभाग निवेश (26.4 प्रतिशत), ऋण [(मुख्यत: बाह्य व्यापार ऋण (ईसीबी)] (22.4 प्रतिशत), व्यापार ऋण (9.5 प्रतिशत) तथा मुद्रा और जमा राशियाँ (7.9 प्रतिशत) देश की बाह्य वित्तीय देयताओं के प्रमूख घटक थे।
 |
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तालिका II. बाह्य वित्तीय आस्तियों और देयताओं की रचना |
(प्रतिशत) |
अवधि |
जून 09 सं |
सितं. 09 आं सं |
दिसं. 09 आं सं |
मार्च 10 आं सं |
जून 10 आं सं |
सितं. 10 आं सं |
दिसं 10 आं सं |
मार्च 11 आं सं |
जून 11 अ |
क. आस्तियाँ |
1. प्रत्यक्ष निवेश |
20.1 |
20.0 |
20.8 |
21.5 |
22.6 |
22.0 |
22.9 |
23.1 |
23.9 |
2. संविभाग निवेश |
0.3 |
0.3 |
0.3 |
0.4 |
0.4 |
0.4 |
0.4 |
0.4 |
0.3 |
3. अन्य निवेश |
5.2 |
4.6 |
4.4 |
4.9 |
3.8 |
5.2 |
4.2 |
4.7 |
3.3 |
4. आरक्षित आस्तियाँ |
74.4 |
75.1 |
74.5 |
73.2 |
73.2 |
72.4 |
72.5 |
71.8 |
72.5 |
कुल |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
ख. देयताएँ |
1. प्रत्यक्ष निवेश |
32.4 |
32.4 |
32.9 |
33.0 |
32.4 |
31.7 |
31.6 |
31.7 |
32.5 |
2. संविभाग निवेश |
21.5 |
22.2 |
23.1 |
24.8 |
24.6 |
27.0 |
27.3 |
27.0 |
26.4 |
3. अन्य निवेश |
46.1 |
45.4 |
44.0 |
42.2 |
43.0 |
41.3 |
41.1 |
41.3 |
41.1 |
कुल |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
III. बाह्य ऋण देयताएँ और बाह्य ऋणेतर देयताएँ
-
अन्य अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताओं की तुलना में, इक्विटी के शुद्ध अंतर्वाह में तेज़ बढ़ोतरी के कारण ऋणेतर देयताओं का भाग जून 2011 अंत तक 52.5 प्रतिशत पर, जून 2010 अंत तक 50.7 प्रतिशत और जून 2009 अंत तक 48.2 प्रतिशत से उच्चतम रहा (तालिका 3)।
तालिका III. बाह्य ऋण और ऋणेतर देयताओं का भाग |
(प्रतिशत) |
अवधि |
जून 09 सं |
सितं. 09 आं सं |
दिसं. 09 आं सं |
मार्च 10 आं सं |
जून 10 आं सं |
सितं. 10 आं सं |
दिसं 10 आं सं |
मार्च 11 आं सं |
जून 11 अ |
ऋणेतर देयताएँ |
45.2 |
48.2 |
48.9 |
50.0 |
51.4 |
50.7 |
52.2 |
52.6 |
52.3 |
ऋण देयताएँ |
54.8 |
51.8 |
51.1 |
50.0 |
48.6 |
49.3 |
47.9 |
47.4 |
47.7 |
कुल |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
100.0 |
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