कृषि ऋणग्रस्तता पर राधाकृष्ण विशेषज्ञ दल की अनुशंसाओं की जाँच के लिए आंतरिक कार्यदल - आरबीआई - Reserve Bank of India
कृषि ऋणग्रस्तता पर राधाकृष्ण विशेषज्ञ दल की अनुशंसाओं की जाँच के लिए आंतरिक कार्यदल
7 नवंबर 2007
कृषि ऋणग्रस्तता पर राधाकृष्ण विशेषज्ञ दल की अनुशंसाओं की जाँच के लिए आंतरिक कार्यदल
भारतीय रज़र्व बैंक ने आज कृषि ऋणग्रस्तता पर राधाकृष्ण विशेषज्ञ दल की अनुशंसाओं की जाँच के लिए श्री वी.एस.दास. कार्यपालक निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में एक आंतरिक कार्यदल का गठन किया। इस आंतरिक कार्यदल में रिज़र्व बैंक के विभिन्न विभागों यथा; ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग, सांख्यिकीय विश्लेषण और कंप्यूटर सेवा विभाग, शहरी बैंक विभाग तथा निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम के सदस्य भी शामिल होंगे। इस कार्यदल के सदस्यों से यह आशा कि जाती है कि वे विभिन्न स्टेकधारकों जैसे कि राज्य सरकारें, बैंकरों, किसानों के संगठनों,विशेषज्ञों एवं शिक्षाविदों के साथ अपनी चर्चाओं के एक भाग के रूप में व्यापक स्तरों पर परामर्श करेंगे।
इस कार्यदल से आशा की जाती है कि वह अपनी रिपोर्ट 31 दिसंबर 2007 तक प्रस्तुत करेगी।
इस कार्यदल का गठन वर्ष 2007-08 की वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा में की गई घोषणा के संदर्भ में किया गया है। वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा के पैरा 145 में निम्न प्रकार व्यक्त किया गया है:
"भारत सरकार द्वारा गठित कृषि ऋणग्रस्तता पर समिति (अध्यक्ष : डॉ. आर.राधाकृष्ण) ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ ऋण आमेलन क्षमता, जोखिम ह्रास व्यवहारों की आवश्यकता, चक्रीय ऋण प्रणाली के प्रवर्तन, विवाद समाधान व्यवस्था और एक ऋण प्रतिदान निधि के गठन से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई है। यह प्रस्तावित है कि समिति की उन अनुशंसाओं की जाँच के लिए एक आंतरिक कार्यदल का गठन किया जाए जो सामान्यतः बैंकिंग प्रणाली और विशेषतः रिज़र्व बैंक के लिए प्रासंगिक हैं। इस कार्यदल से आशा की जाती है कि वह स्टेकधारकों से परामर्श करेगी और 31 दिसंबर 2007 के पूर्व अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगी। इस कार्यदल की रिपोर्ट को प्रतिसूचना और अगली प्रक्रिया के लिए वेबसाइट पर डाला जाएगा।"
जी. रघुराज
उप महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/631