उत्कर्ष 2022 का शुभारंभ - भारतीय रिज़र्व बैंक की मध्यम अवधि कार्यनीतिगत रूपरेखा - आरबीआई - Reserve Bank of India
उत्कर्ष 2022 का शुभारंभ - भारतीय रिज़र्व बैंक की मध्यम अवधि कार्यनीतिगत रूपरेखा
23 जुलाई 2019 उत्कर्ष 2022 का शुभारंभ - भारतीय रिज़र्व बैंक की मध्यम अवधि श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर ने आज रिज़र्व बैंक के जनादेशों के निष्पादन में उत्कृष्टता प्राप्त करने और नागरिकों और अन्य संस्थानों के विश्वास को मजबूत करने के लिए, विकसित हो रहे व्यापक आर्थिक वातावरण के अनुरूप, भारतीय रिज़र्व बैंक की मध्यम अवधि कार्यनीतिगत रूपरेखा 'उत्कर्ष 2022' का शुभारंभ किया। अप्रैल 2015 में एक औपचारिक रणनीतिक प्रबंधन ढांचा शुरू किया गया था, ताकि रिज़र्व बैंक के मूल उद्देश्य, मूल्य और लक्ष्य विवरण (विज़न स्टेटमेंट) को पुन: स्पष्ट किया जा सके जिससे समकालीन संदर्भों में अपने रणनीतिक उद्देश्यों को चित्रित करते हुए आंतरिक ढांचा और पृष्ठभूमि के अनुसार अपनी नीतियों को तैयार किया जा सके। । ये मुख्य उद्देश्य (देश के लिए रिज़र्व बैंक की प्रतिबद्धताओं को दर्शाते हैं) और मूल्य (सार्वजनिक हित, अखंडता और स्वतंत्रता, जवाबदेही और नवीनता, विविधता और विशिष्टता और आत्मनिरीक्षण और उत्कृष्टता की खोज) अभी भी प्रासंगिक और वैध बने हुए हैं; हालाँकि, एक ज़रूरत महसूस की गई है कि मध्यम अवधि के गतिशील लक्ष्य विवरण में उभरती चुनौतियों और आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी वातावरण की गतिशीलता के प्रति हमारी प्रतिक्रिया को दर्शाया जाए, जिसमें हम काम करते हैं। कार्यनीति रूपरेखा में, अन्य बातों के साथ-साथ, बैंक का मिशन, मूल उद्देश्य, मूल्य और लक्ष्य विवरण (विज़न स्टेटमेंट) शामिल हैं, जो राष्ट्र के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। मध्यम अवधि के लक्ष्य विवरण (विज़न स्टेटमेंट) में निम्नलिखित को निर्धारित किया गया है:
ये लक्ष्य विवरण (विज़न स्टेटमेंट) पारस्परिक रूप से मजबूत हैं और विभिन्न कार्यनीतियों के माध्यम से रिज़र्व बैंक का मध्यम अवधि (2019-22) के दौरान मार्गदर्शन करेंगे। उभरते अवसरों का लाभ उठाने और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए ये कार्यनीति आवश्यक रूप से अच्छी तरह से सोची-समझी कार्रवाई है। वांछित निष्पादन का एक या अधिक मूर्त और समयबद्ध मील के पत्थरों के रूप में कार्यनीतिक लक्ष्यों की उपलब्धि के रूप में महसूस किया जाना प्रस्तावित है। ‘उत्कर्ष 2022’ रिज़र्व बैंक के प्रबंधन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है और समय-समय पर केंद्रीय बोर्ड की एक उप-समिति के माध्यम से इसके कार्यान्वयन और प्रगति की निगरानी की जाएगी । योगेश दयाल प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/226 |