भद्रक को.ऑपरेटीव अर्बन बैंक लि., भद्रक का लाइसेंस के लिए आवेदन पत्र अस्वीकृत किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भद्रक को.ऑपरेटीव अर्बन बैंक लि., भद्रक का लाइसेंस के लिए आवेदन पत्र अस्वीकृत किया
3 अक्टूबर 2008
भद्रक को.ऑपरेटीव अर्बन बैंक लि., भद्रक का लाइसेंस के लिए इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भद्रक को.ऑपरेटीव अर्बन बैंक लि., भद्रक, उड़ीसा अर्थक्षम नहीं रह गया है तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होने वाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 25 सितंबर 2008 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक का बैंकिंग कारोबार जारी रखने हेतु लाइसेंस के लिए आवेदन पत्र अस्वीकृत करने का आदेश जारी किया। निबंधक, सहकारी समितियां, ओरीसा से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। यह उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 1,00,000 रुपये (एक लाख रुपये मात्र) की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालगू) की धारा 22 के अंतर्गत बैंकिंग कारोबार करने के लिए 4 मई 1984 को लाइसेंस के लिए आवेदनपत्र दिया था। बैंक के 31 मार्च 2006 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में रिजर्व बैंक द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण से पता चला कि उसकी वित्तीय स्थिति खराब हो गई है। 31 मार्च 2007 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के अगले निरीक्षण में यह देखा गया कि उसकी वित्तीय स्थिति संपूर्ण रूप से खराब हो गई है। उसकी चलनिधि को बचाए रखने और अधिमानी भुगतानों से बचने के लिए बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश जारी किए गए थे जिसके द्वारा प्रति जमाकर्ता रु. 1000/- की जमाराशि की आहरण सीमा निर्धारित करते हुए बैंक परिचालनों को प्रतिबंधित कर दिया गया था। बैंक को 08 अप्रैल 2008 को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा गया था कि बैंकिंग कारोबार जारी रखने के लिए लाइसेंस हेतु आवेदन पत्र को रद्द कर दिया जाए और बैंक के समापन के लिए कार्रवाई क्यों न की जाए। बैंक द्वारा दिया गया जवाब संतोषजनक और स्वीकार्य नही पाया गया। बैंक की वित्तिय स्थिति में क्षति तथा बैंक के पास किसी विलयन योजना के अभाव को देखते हुए बैंक के पुनरूज्जीवन की संभावना दूर-दूर तक नहीं थी। इसलिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में उक्त बैंक का लाइसेंस आवेदन पत्र रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेंस आवेदन पत्र रद्द होने तथा परिसमापन की कार्रवाई शुरू होने के साथ ही भद्रक को.ऑपरेटीव अर्बन बैंक लि., भद्रक, उड़ीसा के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अनुसार बीमित राशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लाइसेंस आवेदन पत्र अस्वीकृत होने के परिणामस्वरूप बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत यथापरिभाषित "बैंकिंग कारोबार" करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है जिसमें जमाराशियां स्वीकार करना और उन्हें वापस लौटाना भी शामिल है। इस संबंध में किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्रीमती एम सिन्हा, उप महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, शहरी बैंक विभाग, पंडित जवाहरलाला नेहरू मार्ग, पोस्ट बॉक्स नं.16 और 17, भुबनेश्वर-751001 से संपर्क कर सकते हैं। उनसे संपर्क का डाक पता : श्रीमती एम.सिन्हा, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, भुबनेश्वर क्षेत्रीय कार्यालय, पंडित जवाहरलाला नेहरू मार्ग, पोस्ट बॉक्स नं.16 और 17, भुबनेश्वर - 751001, टेलीफोन नं.सीधी : (0674)2394067 फैक्स : (0674) 2394067 है अथवा इ-मेल करें। जी. रघुराज प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/432 |