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चलनिधि प्रबंध - संधोधित व्यवस्था

2 मार्च 2007

चलनिधि प्रबंध - संधोधित व्यवस्था

यह स्मरण होगा कि वर्ष 2006-07 के लिए मौद्रिक नीति के वार्षिक व्यक्तव्य की तिमाही समीक्षा में रिज़र्व बैंक ने कहा था कि "वर्ष के शेष भाग के दौरान नीति अनुक्रम में चलनिधि के प्रबंध को प्राथमिकता मिलेगी (पैराग्राफ 89)।" यह भी कहा गया था कि "रिज़र्व बैंक बज़ार परिस्थितियों तथा अन्य संगत कारकों के आधार पर चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत ओवरनाईट रिपो अथवा दिर्घावधि रिपो संचालित करने का विकल्प रखता है। रिज़र्व बैंक यदि ठीक समझे तो दैनिक चलनिधि प्रबंध (पैराग्राफ 95) में चलनिधि समायोजन सुविधा का सक्षम उपयोग पूर्णत: या अंशत: रूप में करने के लिए चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत निविदा(निविदाओं) को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने के अधिकार सहित इस लचीलेपन को जारी रखेगा।"

वर्तमान व्यवस्था

रिज़र्व बैंक वर्तमान में चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) जिसका उद्देश्य दिन-प्रतिदिन चलनिधि असंतुलनों के समायोजन के लिए एक विण्डो के रूप में तथा बाज़ार स्थिरीकरण योजना (एमएसएस) जिसका उपयोग चलनिधि स्थितियों में बड़े बदलाओं के समाधान हेतु किया जाता है जिनकी प्रकृति अधिक स्थायी होती है, के माध्यम से अधिकांशत: चलनिधि प्रबंध करता है।

वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक सीमा के अनुसार संचालित किये जानेवाले वर्तमान बज़ार स्थिरीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत 7000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, बाज़ार स्थिरीकरण योजना के अंतर्गत खज़ाना बिलों का निर्गम 1500 करोड़ रुपये के 91-दिवसीय खज़ाना बिलों और प्रत्येक 1000 करोड़ रुपये के 182-दिवसीय और 364-दिवसीय पाक्षिक खज़ाना बिलों हेतु बाज़ार स्थिरीकरण योजना के एक अंश के साथ नियमित साप्ताहिक नीलामियों के माध्यम से किया जाता है। उपर्युक्त बाज़ार स्थिरीकरण योजना, खज़ाना बिलों की घोषणा करते हुए यह कहा गया था कि रिज़र्व बैंक उत्पन्न परिस्थितियों की प्रतिक्रिया में समय-समय पर बज़ार स्थिरीकरण योजना के अंतर्गत नीलामियों की समीक्षा के लचीलेपन को बनाए रखेगा। वर्तमान बाज़ार स्थिरीकरण कार्यक्रम अबतक वर्तमान वित्तीय वर्ष में 16,457 करोड़ रुपये की राशि रोक रखी गई है जिसमें से 14,341 करोड़ रुपये वर्ष 2006-07 की प्रथम छमाही के लिए है। बाज़ार स्थिरीकरण योजना के अंतर्गत आजतक बकाया राशि 45,457 करोड़ रुपये है।

हाल के दिनों में आवश्यक निवल आमेलनों के साथ चलनिधि समायोजन सुविधा एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त स्वरूप में आ गई है।वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत चलनिधि समायोजन सुविधा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों(क्षेत्रााय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और प्राथमिक व्यापारियों द्वारा प्रस्तुत किसी अधिक चलनिधि को एक निर्धारित दर पर आमेलित करती है। तथापि, रिज़र्व बैंक ने सर्वदा यह माना है कि बैंकों को अस्थायी अवधियों के दौरान अल्पकालिक असंतुलनों को संतुलि करने के लिए चलनिधि समायोजन सुविधा विंडो का उपयोग करना चाहिए।

बाज़ार स्थिरीकरण योजना - संशोधित व्यवस्था

चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि बाज़ार स्थिरीकरण योजना अब हाल की अवधि में पूंजी प्रवाह, पूंजी प्रवाह में उतार-चढ़ाव और स्थायित्व के आकलन तथा मुद्रास्फीति को रोख रखने में चलनिधि प्रबंध को दिये गए सर्वोच्च महत्व को दृष्टिगत रखते हुए और अधिक लचीले तरीके से खज़ाना बिलों और दिनांकिंत प्रतिभूतियों का उपयोग किया जाए। रिज़र्व बैंक चलनिधि में परिवर्तनों के अधीन आनेवाले सत्पाह के लिए बाज़ार स्थिरीकरण योजना निर्गमों की संभावना और मात्रा को प्रति शुक्रवार घोषित करेगा। इन घोषणाओं में बाज़ार स्थिरीकरण योजना के अंतर्गत खज़ाना बिलों और दिनांकित प्रतिभूतियों के निर्गम शामिल होंगे। उनकी नीलामी भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत सरकार के बीच 25 मार्च 2004 को किए गए समझौता ज्ञापन के प्रावधानों के अनुसार की जाएगी जिसके अंतर्गत रिज़र्व बैंक और भारत सरकार एक वार्षिक सीमा पर सहमत हैं तथा रिज़र्व बैंक राशि, अवधि, प्रक्रिया और निर्मम के समय का निर्धारण करता है।

उपर्युक्त निर्णयों के अनुरूप अगली सप्ताह के लिए बाज़ार स्थिरीकरण योजना हेतु नीलामी समय-सारणी निम्नप्रकार होगी -

9 मार्च 2007 को समाप्त सप्ताह के लिए बाज़ार स्थिरीकरण योजना
के अंतर्गत खज़ाना बिलों/दिनांकित प्रतिभूतियों के निर्गम हेतु समय-सारणी

नीलामी की तारीख

लिखत का स्वरूप

नीलामी की राशि

6 मार्च 2007

6.65% सरकारी प्रतिभूति 2009

6,000 करोड़ रुपये

7 मार्च 2007

(i) 91-दिवसीय खज़ाना बिल

1,500 करोड़ रुपये

 

(ii) 182-दिवसीय खज़ाना बिल

1,000 करोड़ रुपये

 

बाज़ार स्थिरीकरण योजना के अंतर्गत खज़ाना बिलों की नीलामी वर्तमान प्रथा के अनुसार नियमित नीलामी कैलेण्डर के साथ प्रति सप्ताह बाज़ार स्थिरीकरण योजना के अंतर्गत राशियों को अधिसूचित करते हुए जारी रखी जाएगी। उत्पन्न परिस्थितियों की प्रतिक्रिया में रिज़र्व बैंक समय-समय पर बाज़ार स्थिरीकरण योजना के अंतर्गत नीलामियों की समय-सारणी की समीक्षा के लचीलेपन को बनाए रखेगा।

चलनिधि समायोजन सुविधा - संशोधित व्यवस्था

चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि जारी किए गए परिवर्धित बाज़ार स्थिरीकरण कार्यक्रम तथा अत्यंत अल्पकालिक असंतुलनो को संतुलित करने हेतु सुविधा के रूप में चलनिधि समायोजन सुविधा को वापस लाने की आवश्यकता की दृष्टि से रिज़र्व बैंक दैनिक प्रत्यावर्तनीय रिपो नीलामियों के माध्यम से आमेलित की गई चलनिधि को अनुकूल बनाएगा। तद्नुसार, 5 मार्च 2007 (सोमवार) से शुरू होकर दैनिक रिपो प्रत्यावर्तनीय रिपो आमेलन प्रत्येक दिन प्रथम चलनिधि समायोजन सुविधा में 2000 करोड़ रुपये तथा द्वितीय चलनिधि समायोजन सुविधा में 1000 करोड़ रुपये को मिलाकर अधिकतम 3000 करोड़ रुपये तक सीमित होगा। बोलियों के आंशिक अस्वीकरण की स्थिति में आबंटन समानुपातिक आधार पर सामान्यत: अनुपात क्रम से किया जाएगा। चलनिधि समायोजन सुविधा नीलामियों में बोली लगाते समय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) तथा प्राथमिक व्यापारियों को यह सूनिश्चित करना चाहिए कि प्रस्तुतीकरण के समय बोलियों को शामिल करने के लिए उनके पास स्पष्ट निधियां उपलब्ध रहें।

जारी की गई चलनिधि समायोजन सुविधा और बाज़ार स्थिरीकरण योजना के लिए उपर्युक्त संशोधित व्यवस्था से यह अपेक्षा है कि वह प्रणाली में समुचित चलनिधि बनाए रखने को सुविधा प्रदान करे और मौद्रिक नीति के उद्देश्य से और रुझान के अनुरूप विकसित चलनिधि स्थिति के प्रति और तेजी से प्रतिक्रिया व्यक्त करे।

वीरेद्र गिरि
सहायक प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/1188

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