अगस्त 2017 का मासिक बुलेटिन - आरबीआई - Reserve Bank of India
अगस्त 2017 का मासिक बुलेटिन
10 अगस्त 2017 अगस्त 2017 का मासिक बुलेटिन भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपने मासिक बुलेटिन का अगस्त 2017 अंक जारी किया। इस बुलेटिन में, वर्ष 2017-18 के लिए तिसरा द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी), भारतीय रिज़र्व बैंक का संकल्प, शीर्ष प्रबंधन के भाषण, एक लेख तथा वर्तमान सांख्यिकी शामिल है। यह लेख ‘भारतीय अर्थव्यवस्था के निधि लेखा प्रवाह : 2015-16’ पर हैं। 1. भारतीय अर्थव्यवस्था के निधि लेखा प्रवाह : 2015-16 भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संकलित निधि लेखा प्रवाह (एफओएफ), भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बीच लेखा लिखतों के लिहाज से जिससे जिसे आधार पर वित्तीय प्रवाह का मानचिह्न प्रस्तुत करता है। क्षेत्रों में शामिल हैं (i) वित्तीय निगम (ii) गैर-वित्तीय निगम दोनों सरकारी और निजी (iii) सामान्य सरकार (जीजी) जिसमें शामिल हैं केंद्र सरकार और राज्य सरकारें (iv) पारिवारिक क्षेत्र (एचएच), और (v) शेष जगत (आरओडब्ल्यू)। वित्तीय लिखतों में शामिल हैं, करेंसी और डिपाजिट्स, ऋण प्रतिभूतियां, ऋण और उधार, इक्विटी, निवेश निधि (जैसे म्यूच्यूअल फंड), बीमा, पेंशन और भविष्य निधि, मौद्रिक स्वर्ण, अन्य खाते (व्यापार कर्ज सहित) तथा अन्य देयताएं/आस्तियां जिन्हें अन्यत्र वर्गीकृत नहीं किया गया है (एनइसी)। यह लेख वर्ष 2015-16 के लिए एफओएफ खातों को प्रस्तुत करता है। लेख की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं: कुल मिलाकर वित्तीय देनदारियां
वित्तीय संसाधन अंतर
लिखत
एफओएफ लेखों में नौ विवरण शामिल हैं। 1 से 5 तक का विवरण पांच संस्थागत क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए लिखत-वार एफओएफ लेखों से संबंधित है। विवरण 6.1 से 6.3 वर्ष 2013-14 से 2015-16 के लिए वार्षिक अंतर-क्षेत्रीय प्रवाह का साराशं प्रस्तुत करता है। विवरण 7.1 से 7.3 प्रत्येक वर्ष के लिए अलग-अलग लिखत-वार वित्तीय प्रवाह को दिखाता है। विवरण 8.1 से 8.3 अन्य गैर-वित्तीय निगमों, आम सरकार और परिवारों के वित्तपोषण को निर्धारित करते हैं। विवरण 9.1 से 9.6 शेष जगत,अन्य डिपॉजिटरी निगमों और अन्य वित्तीय निगम के कुल वित्तीय देनदारियों और आस्तियों की क्षेत्रीय संरचना को दर्शाते हैं। जोस जे. कट्टूर प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/413 |