गैर-अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों द्वारा 31 मार्च 2017 तक सांविधिक चलनिधि अनुपात पूरा करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैर-अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों द्वारा 31 मार्च 2017 तक सांविधिक चलनिधि अनुपात पूरा करना
21 जुलाई 2014 गैर-अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों द्वारा 31 मार्च 2017 तक सांविधिक चलनिधि अनुपात पूरा करना समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि गैर-अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों (एससीबी) और सभी केंद्रीय सहकारी बैंकों (सीसीबी) के लिए सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) आस्तियों के अनुरक्षण के रूप और तरीके से संबंधित संशोधित वितरण में परिवर्तन को समायोजित किया जाए। अब इन बैंकों को निम्नानुसार चरणबद्ध तरीके से संशोधित मानदंडों का अनुपालन करने के लिए 31 मार्च 2017 तक का समय दिया गया हैः
बैंककारी नियम (संशोधन) अधिनियम, 2012 को लागू करने के आधार पर जिसमें भारतीय रिज़र्व बैंक को गैर-अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों और सभी केंद्रीय सहकारी बैंकों के लिए नकदी आरक्षित निधि अनुपात (सीआरआर) और एसएलआर के प्रतिशत तथा सहकारी बैंकों द्वारा धारित एसएलआर के रूप और तरीके को विनिर्दिष्ट करने की शक्ति प्रदान की गई है, यह निर्णय लिया गया है कि गैर-अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों और सभी केंद्रीय सहकारी बैंकों के लिए सीआरआर 12 जुलाई 2014 से शुरू होने वाले पखवाड़े से अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों के समान उनकी कुल निवल मांग और समय देयताओं के 3.00 प्रतिशत से 100 आधार बिन्दु बढ़ाकर 4.00 प्रतिशत कर दी जाए। यह भी निर्णय लिया गया है कि राज्य सहकारी बैंकों/केंद्रीय सहकारी बैंकों के लिए एसएलआर आस्तियों के अनुरक्षण का रूप और तरीका निर्धारित किया जाए। तदनुसार, ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग के 5 जून 2014 के परिपत्र आरपीसीडी.आरसीबी.बीसी.सं. 110 /07.51.020/2013-14 के अनुसार अनुदेश जारी किए गए थे। इस संबंध में राज्य सहकारी बैंकों/केंद्रीय सहकारी बैंकों को जारी अनुदेशों का संशोधित परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध है। मंजुला रत्तन प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/ 145 |