प्रवाह के माध्यम से विनियामक प्राधिकरण/लाइसेंस/अनुमोदन का प्रसंस्करण - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रवाह के माध्यम से विनियामक प्राधिकरण/लाइसेंस/अनुमोदन का प्रसंस्करण
विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं में शामिल सभी आंतरिक कार्यप्रणालियों का डिजिटलीकरण, दक्ष, पारदर्शी व समयबद्ध रूप से करने के लिए रिज़र्व बैंक निरंतर प्रयासरत है । इसी उद्देश्य से, रिज़र्व बैंक ने 28 मई, 2024 को प्रवाह (विनियामक आवेदन, मान्यता, और प्राधिकृति के लिए प्लेटफ़ॉर्म) पोर्टल लॉन्च किया था, ताकि विनियामक प्राधिकरण, लाइसेंस व अनुमोदन के लिए ऑनलाइन आवेदनों को सरल बनाया जा सके एवं पारदर्शी तरीके से सेवाओं का निर्बाध, सुरक्षित तथा शीघ्र प्रतिपादन किया जा सके। 2. प्रवाह के प्रयोग में निरंतर वृद्धि हो रही है । अब तक 3000 से अधिक आवेदन/अनुरोध प्रवाह के माध्यम से दर्ज कराए गए हैं । पोर्टल डिजिटल रूप से आवेदन दर्ज करने के साथ-साथ आवेदक को एसएमएस व ईमेल के माध्यम से भी आवेदन की मौजूदा स्थिति की जानकारी देता है । अब तक, पोर्टल में उपयोग के लिए 108 फॉर्म उपलब्ध हैं (अनुलग्नक) तथा आवश्यकतानुसार नित नव फॉर्म्स पोर्टल में उपलब्ध कराए जा रहे हैं । रिज़र्व बैंक द्वारा मांगी गई अतिरिक्त जानकारी या स्पष्टीकरण भी आवेदक प्रवाह के द्वारा प्रस्तुत कर सकते हैं। पोर्टल के माध्यम से रिज़र्व बैंक, निर्धारित समय सीमा अनुसार आवेदकों को अपना निर्णय संप्रेषित कर सकेगा। 3. 01 मई, 2025 से, विनियमित संस्थाओं (आरई) सहित सभी आवेदकों को यह सलाह दी जाती है कि वे पोर्टल पर उपलब्ध आवेदन प्रपत्रों का उपयोग कर, रिज़र्व बैंक को विनियामक प्राधिकरण, लाइसेंस व अनुमोदन के लिए आवेदन प्रस्तुत करने हेतु प्रवाह का उपयोग करें। जिन आवेदनों के लिए कोई विशिष्ट प्रपत्र उपलब्ध नहीं है, उन्हें जनरल पर्पस फॉर्म द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है । 4. अपवादस्वरूप मामलों में, जहां आम जनता प्रवाह प्रणाली के माध्यम से अपने आवेदन प्रस्तुत करने में असमर्थ है, वे अब तक जिस तरह से रिज़र्व बैंक को अपने आवेदन प्रस्तुत कर रहे थे, वैसे ही प्रस्तुत कर सकते हैं। हालांकि, ऐसे आवेदनों पर भी रिज़र्व बैंक प्रवाह प्रणाली के माध्यम से ही कार्रवाई करेगा और आवेदकों को इसकी विधिवत सूचना देगा । 5. उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए, पोर्टल पर ही यूसर मानुयल, एफ़एक्यू एवं वीडियो उपलब्ध हैं। प्रवाह पोर्टल को https://pravaah.rbi.org.in एक्सैस किया जा सकता है। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/96 |