अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियों और ऋण की तिमाही सांख्यिकी - दिसंबर 2006 - आरबीआई - Reserve Bank of India
अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियों और ऋण की तिमाही सांख्यिकी - दिसंबर 2006
11 अप्रैल 2007
"अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियों और ऋण की तिमाही सांख्यिकी - दिसंबर 2006"
‘‘अनुसूचित वाणिज्य बैकों की जमाराशियां एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी - दिसंबर 2006’’ में दिसंबर 2006 के अंतिम शुक्रवार की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की कुल जमाराशियों और सकल बैंक ऋण पर आँकड़े दर्शाये गये हैं। ये आंक़डे अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों) की सभी शाखाओं से प्राप्त मूलभूत-सांख्यिकीय विवरणियों (बीएसआर)-7 पर आधारित हैं। इस तिमाही में 3 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय 1 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में हुआ जिससे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या सितंबर 2006 तिमाही के अंत में 104 से घटकर दिसंबर 2006 तिमाही के अंत में 102 हो गयी।
बैंक सुविधा युक्त केंद्रों i ा जनसंख्या समूह वर्गीकरण मार्च 2006 तिमाही और उसके आगे के लिए वर्ष 2001 की जनगणना के आँकड़ों पर आधारित है जबकि बैंक सुविधा युक्त केंद्रों का वर्गीकरण पहले 1991 की जनगणना पर आधारित था। तथापि, जनसंख्या समूहों की परिभाषा/कट-ऑफ़ साइज अपरिवर्तित है।
मार्च 2006 में 2001 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या समूह वर्गीकरण को अद्यतन करने से बैंकों की शाखाओं/ कार्यालयों के गठन में बदलाव आया है। शाखाओं/कार्यालयों और बैंक सुविधा युक्त केंद्रों की जनसंख्या समूह के वितरण के स्वरूप में बदलाव का प्रभाव कुल जमाराशियों और सकल बैंक ऋण की जनसंख्या-समूह-वार वृद्धि दरों पर पडा है। दिसंबर 2005 तक की तिमाहियों से संबंधित आँकड़ों के लिए बैंक सुविधा युक्त केंद्रों को 1991 की जनगणना के आधार पर बाँटा गया था जबकि मार्च 2006 तिमाही और उससे आगे से 2001 की जनगणना को आधार बनाया गया है। अत: दिसंबर 2005 तक की तिमाहियों से जनसंख्या-समूह-वार की तुलना सही नहीं होगी। तथापि, अन्य विशेषताओं से आधारित आँकडों की तुलना की जा सकती है।
दिसंबर 2006 के लिए जनसंख्या-समूह-वार वृद्धि दरों को दिसंबर 2005 की तुलनीय स्थिति के अनुसार अर्थात् 2005 की शाखाओं को 2001 की जनगणना के अनुसार पुन: वर्गीकरण करके किया गया है।कृपया विस्तृत जानकारी के लिये प्रकाशन मार्च 2006 के अंक में प्रकाशित मुख्य-मुख्य बातें देखें।
अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की बैंक सुविधायुक्त केद्रों की संख्या 34,427 रही। इन केद्रों में से 28,870 एकल कार्यालय केंद्र थे और 48 केंद्र ऐसे थे जिनकी 100 और इससे अधिक बैंक कार्यालय थे।
34,427 बैंक सुविधायुक्त केंद्रों में से जमाराशियों की मात्रा के आधार पर क्रम में रखे गये सौ शीर्ष केंद्रों की जमाराशियां कुल जमाराशि की 68.2 प्रतिशत थी और बैंक ऋण i ा मात्रा के आधार पर रखे गये शीर्ष सौ केंद्रों का बैंक ऋण में कुल बैंक ऋण 77.1 प्रतिशत था। दिसंबर 2005 में शीर्ष सौ केंद्रों का योगदान कुल जमाराशियों और सकल बैंक ऋण में क्रमशः 66.3 प्रतिशत और 76.2 प्रतिशत था। दिसंबर 2006 में शीर्ष सौ केंद्रों की कुल जमा राशि में पिछले वर्ष से 26.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि दिसंबर 2005 में वही बढ़ोतरी 20.2 प्रतिशत थी। शीर्ष सौ केंद्रों के सकल बैंक ऋण में दिसंबर 2006 में 32.1 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज हुई। यह वृद्धि दिसंबर 2005 में 31.2 प्रतिशत रही।
एक समूह के रूप में राष्ट्रीयकृत बैंकों ने कुल जमाराशियों में 48.6 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि भारतीय स्टैंट बैंक और इसके सहयोगियों का योगदान 22.4 प्रतिशत का रहा। अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों, विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का कुल जमा राशियों में क्रमश: 19.9 प्रतिशत, 5.9 प्रतिशत और 3.2 प्रतिशत का हिस्सा रहा। सकल बैंक ऋण के संदर्भ में कुल बैंक ऋण में सर्वाधिक 47.5 प्रतिशत हिस्सा राष्ट्रीयकृत बैंकों का रहा, जबकि इसके ठीक पीछे भारतीय स्टैंट बैंक और इसके सहयोगी बैंक 23.3 प्रतिशत और अन्य अनुसूचित वाणिज्यि बैंक 20.2 प्रतिशत रहे। तुलनात्मक रुप से विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का कुल बैंक ऋण में हिस्सा कम रहा - क्रमश: 6.5 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत।
अखिल भारतीय स्तर पर दिसंबर 2006 के अंतिम शुक्रवार की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के ऋण और जमाराशियों (सी - डी) का अनुपात 75.1 प्रतिशत रहा। राज्यों / संघशासित क्षेत्रों में सर्वाधिक सी-डी का अनुपात तमिलनाडु (111.3 प्रतिशत) में देखा गया, जबकि इसके बाद महाराष्ट्र (103.1 प्रतिशत) का स्थान रहा। बैंक समूह स्तर पर सी-डी अनुपात अखिल भारतीय अनुपात की तुलना में विदेशी बैंकों (82.4 प्रतिशत), भारतीय स्टैंट बैंक और उसके सहयोगियों (78.3 प्रतिशत) और अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैँकों (76.1 प्रतिशत) में अधिक रहा और राष्टीयकृत बैंकों (73.4 प्रतिशत) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (60.2 प्रतिशत) के मामले में कम रहा। जनसंख्या समूह के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमा राशि और ऋण (सी-डी) अनुपात में महानगर (मेट्रोपोलिटन) केंद्रों का सी-डी अनुपात सर्वाधिक 89.6 प्रतिशत रहा। शहरी केंद्रों (59.5 प्रतिशत) और ग्रामीण केंद्रों (59.3 प्रतिशत) का स्थान उसके बाद रहा और अर्धशहरी केंद्रों में 52.3 प्रतिशत का निम्नतम सी-डी अनुपात देखा गया।
जमाराशियों के आकार के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंक कार्यालयों के वितरण को देखने से यह पता चलता है कि कुल बैंक कार्यालयों में 53.1 प्रतिशत बैंक कार्यालय 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक की जमाराशियों वाले थे। कुल जमा राशियों में इन बैंक कार्यालयों का योगदान 93.5 प्रतिशत और कुल बैंक ऋण में 89.1 प्रतिशत रहा। जिन कार्यालयों ने 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक का ऋण दिया उनका प्रतिशत 30.4 रहा। समग्र रुप में इन कार्यालयों ने कुल बैंक ऋण का 89.0 प्रतिशत दिया, जबकि कुल जमा राशियों में उनका हिस्सा 71.8 प्रतिशत रहा।
पी.वी.सदानंदन
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/1392