भारतीय रिज़र्व बैंक ने बाज़ार उपायों की घोषणा की - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बाज़ार उपायों की घोषणा की
16 सितंबर 2008 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बाज़ार उपायों की घोषणा की विेश्व की सबसे बड़ी कुछ वित्तीय संस्थाओं द्वारा दिवालियेपन / सभी शेयर बेच दिए जाने / पुनर्संरचित किए जाने के द्वारा शुरू हुई हाल की असाधारण वैश्व्ाक गतिविधियों के फलस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाज़ार में गंभीर अवरोध हुए हैं, संपूर्ण विेश्व के शेयर बाज़ारों में तीव्र गिरावट आई है तथा निवेशक अत्यधिक अनिच्छुक हो गए हैं। कई केंद्रीय बैंकों और वित्तीय नियंत्रकों ने वित्तीय बाज़ारों के व्यवस्थित परिचालन को सुविधा प्रदान करने तथा वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए असामान्य और गैर-पारंपरिक उपायों सहित कार्रवाइयाँ की हैं। इन गतिविधियों ने अग्रिम कर बहिर्वाह जैसे अस्थायी स्थानीय कारकों के साथ मिलकर घरेलू मुद्रा पर प्रभाव डालनेवाले कुछ दबाव बनाए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक वैश्व्ाक तथा घरेलू वित्तीय बाज़ारों में गतिविधियों की निकट से निगरानी कर रहा है तथा घरेलू वित्तीय बाज़ारों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए यथा आवश्यक ऐसी पूर्वकृत कार्रवाई करने के लिए तैयार है। ऐसे अल्पकालिक दबावों जो व्यापक रूप से बाहरी गतिविधियों से संबंधित हैं से बचने के लिए रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित उपाय करने का निर्णय लिया है: (क) विदेशी मुद्रा बाज़ार विदेशी मुद्रा बाज़ारों में वर्तमान गतिविधियों के आलोक में जैसाकि कि कुछ पूर्व अवसरों पर किया गया है, रिज़र्व बैंक घरेलू विदेशी मुदा बाज़ार में आपूर्ति बढ़ाने के लिए एजेंट बैंकों के माध्यम से विदेशी मुद्रा (अमरीकी डॉलर) की बिक्री जारी रखेगा अथवा किसी माँग-आपूर्ति अंतर को पूरा करने के लिए सीधे हस्तक्षेप करेगा। रिज़र्व बैंक या तो सीधे विदेशी मुद्रा की बिक्री करेगा अथवा संबंधित बैंक को बाज़ार में इसे सीधे खरीदने के लिए सूचित करेगा। रिज़र्व बैंक द्वारा सभी लेन-देन प्रचलित बाज़ार दरों और बाज़ार प्रथाओं के अनुसार किए जाऐंगे। (ख) विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमा राशियों [ एफसीएनआर(बी) ] पर ब्याज दरें वर्तमान में सभी परिपक्व राशियों की विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमा राशियों पर संबंधित विदेशी मुद्रा हेतु तदुन्रूप परिपक्वता राशियों के लिए 75 आधार बिन्दु कम करते हुए लिबोर/यूरीबोर/स्वैप दरों पर निर्धारित किया गया है। प्रचलित बाज़ार स्थितियों की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि :
(ग) अनिवासी (बाह्य) रुपया खाता [एनआर(इ)आरए] जमाराशियों पर ब्याज दरें वर्तमान में एक से तीन वर्ष की परिपक्वता के लिए अनिवासी (बाह्य) रुपया खाता [एनआर(इ)आरए] जमाराशियों पर ब्याज दर तद्नुरूपी परिपक्वता के अमरीकी डॉलर के लिए लिबोर/यूरीबोर/स्वैप दरों से अधिक नहीं हो। प्रचलित बाज़ार स्थितियों की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि :
(घ) चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत अतिरिक्त चलनिधि सहायता वर्तमान में बैंक अपने निर्धारित सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) के आधिक्य में पात्र प्रतिभूतियों की संपार्श्विकता के बदले चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रिज़र्व बैंक से चलनिधि प्राप्त करते हैं। यह निर्णय लिया गया है कि इसके अतिरिक्त शुध्द रूप से अस्थायी उपाय के रूप में अनुसूचित बैंक अपनी निवल माँग औरर मीयादी देयताओं के एक प्रतिशत की सीमा तक चलनिधि समायेजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत अतिरिक्त चलनिधि सहायता प्राप्त कर सकते हैं और दण्डात्मक ब्याज से छूट माँग सकते हैं। अतिरिक्त चलनिधि सहायता 17 सितंबर 2008 की एलएएफ /एसएलएएफ नीलामियों से उपलब्ध होगी। (ङ.) द्वितीय चलनिधि समायोजन सुविधा वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक दैनिक रिपो/प्रत्यावर्तनीय रिपो नीलामियों के माध्यम से चलनिधि डालने/अवशोषित करने के लिए एक चलनिधि समायोजन सुविधा परिचालित करता है। ये परिचालन पूर्वाहन 9.30 बजे से 10.30 बजे के बीच आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा अनुरक्षण अवधि के अंतिम दिन बैंक की आरक्षित निधि के व्यवस्थित अनुकूलन के लिए रिपोर्टिंग शुक्रवार को एक द्वितीय चलनिधि समायोजन सुविधा (एसएलएएफ) को 1 अगस्त 2008 से लागू किया गया। द्वितीय चलनिधि समायोजन सुविधा अपराहन 4.00 बजे से 4.30 बजे के बीच आयोजित की जाती हैं। इस द्वितीय चलनिधि समायोजन सुविधा की विशेषताएँ चलनिधि समायोजन सुविधा की तरह ही हैं। तथापि, चलनिधि समायोजन सुविधा और द्वितीय चलनिधि समायोजन सुविधा का निपटान अलग-अलग तथा सकल आधार पर किया जाता है। वर्तमान चलनिधि स्थितियों की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि द्वितीय चलनिधि समायोजन सुविधा का आयोजन अगली सूचना तक दैनिक आधार पर किया जाए। यह स्मरण होगा कि बाज़ार दबाव के पूर्व अवसरों पर भी रिज़र्व बैंक ने बाज़ार सहभागियों को वित्तीय बाज़ारों में घरेलू तथा विदेशी मुद्रा चलनिधि के आश्वासन दिए थे तथा कतिपय उपायों की घोषणा की थी जो तदर्थ और अस्थायी प्रकृति के थे। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/338 |