भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरक्षित नकदी निधि अनुपात घटाने की घोषणा की - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरक्षित नकदी निधि अनुपात घटाने की घोषणा की
9 मार्च 2012 भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरक्षित नकदी निधि अनुपात घटाने की घोषणा की मौद्रिक/चलनिधि उपाय यह निर्णय लिया गया है कि :
सीआरआर घटाने से बैंकिंग प्रणाली में लगभग ₹480 बिलियन की प्राथमिक चलनिधि डाली जाएगी। सख्त चलनिधि परिस्थितियों को कम करने के लिए आरक्षित नकदी निधि अनुपात जनवरी 2012 की तीसरी तिमाही समीक्षा (टीक्यूआर) में 50 आधार अंकों से घटाया गया था जिससे बैंकिंग प्रणाली में ₹315 बिलियन की प्राथमिक चलनिधि डाली गई थी। रिज़र्व बैंक ने खुले बाज़ार परिचालनों को भी जारी रखा जिससे अब तक इस वित्तीय वर्ष में ₹1,245 बिलियन से अधिक प्राथमिक चलनिधि डाली गई जिसमें से ₹528 बिलियन तीसरी तिमाही समीक्षा के बाद डाली गई। इन उपायों के बावजूद ढॉंचागत और प्रतिरोधात्मक दोनों कारकों के कारण चलनिधि घाटा अधिक बना रहा। यह जनवरी 2012 में ₹1,292 बिलियन से फरवरी में ₹1,405 बिलियन की एक औसत से उभरी रिज़र्व बैंक की चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत निवल औसत उधार को दर्शाता है। चलनिधि समायोजन सुविधा के माध्यम से डाली गई निवल चलनिधि 1 मार्च 2012 को ₹1,917 बिलियन पर उच्चतम रही, हालांकि उसके बाद यह 7 मार्च 2012 को ₹1,273 बिलियन तक कम हुई। आगे, अग्रिम कर बर्हिवाह और बैंकों द्वारा रिज़र्व बैंक के पास नकदी शेष की सामान्य फ्रंट लॉडिंग के कारण चलनिधि घाटा मार्च के दूसरे सप्ताह के दौरान उल्लेखनीय रूप से बढ़ने की संभावना है। अत: प्रणाली में समग्र घाटा रिज़र्व बैंक की सुगमता स्तर से अधिक बना हुआ है। तदनुसार, अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को सुगम ऋण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए आरक्षित नकदी निधि अनुपात को घटाते हुए प्रणाली में स्थायी प्राथमिक चलनिधि डालने का निर्णय लिया गया। पहले की गई घोषणा के अनुरूप 15 मार्च 2012 को जारी की जानेवाली अपनी मध्य-तिमाही समीक्षा में रिज़र्व बैंक समष्टि आर्थिक स्थिति का अपना आकलन प्रस्तुत करेगी। आर. आर. सिन्हा प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1441 |