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रिजर्व बैंक ने द वसावी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड हैदराबाद (तेलंगाना) का लाइसेंस रद्द किया

1 अगस्‍त 2014

रिजर्व बैंक ने द वसावी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड,
हैदराबाद (तेलंगाना) का लाइसेंस रद्द किया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 14 जुलाई 2014 को द वसावी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (तेलंगाना) का लाइसेंस रद्द कर दिया है । यह आदेश 14 जुलाई 2014 को कारोबार की समाप्ति के बाद से लागू हो गया। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया गया कि द वसावी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (तेलंगाना) अर्थक्षम नहीं रह गया है और उसे पुनरुज्जीवित करने के सभी प्रयास असफल हो गए हैं तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को असुविधा हो रही है।

सहकारी समितियों के पंजीयक, तेलंगाना से भी बैंक के परिसमापन और परिसमापक नियुक्त करने के लिए आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। बैंक के परिसमापन पर हर जमाकर्ता निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से सामान्य शर्तों पर 1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) की उच्चतम मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

लाइसेन्स रद्द किए जाने और परिसमापन प्रक्रिया आरंभ करने से द वसावी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (तेलंगाना राज्‍य) के जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के अंतर्गत बीमाकृत राशि के भुगतान की प्रक्रिया निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन प्रारंभ हो जाएगी।

पृष्‍ठभूमि

द वसावी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (तेलंगाना) को 13 जुलाई 1982 को लाइसेंस प्रदान किया था।

बैंक को जुलाई 2000 से ‘कमजोर’ संवर्ग में वर्गीकृत किया गया था। बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 के अंतर्गत 31 मार्च 2013 की वित्तीय स्थिति के अनुसार किए गए सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला है कि बैंक की वित्‍तीय स्थिति और भी खराब हो गई है और बैंक के पास बाहरी देयताओं के भुगतान के लिए पर्याप्‍त आस्तियां नहीं है जैसाकि बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 22(3) (क) के अंतर्गत अपेक्षित है। बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम 11(1) के अंतर्गत निर्धारित न्‍यूनतम पूंजी और प्रारक्षित निधि संबंधी अपेक्षाओं का अनुपालन नहीं किया है । भारी असंतोषप्रद वित्‍तीय स्थिति तथा चलनिधि पर इसका परिणामी दबाव व्‍यापक रूप से बैंक के खराब अभिशासन के कारण थे।

बैंक को अपनी चिंताजनक वित्‍तीय स्थिति से उबारने के उद्देश्‍य से आंध्र प्रदेश राज्‍य सरकार ने रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन से 2008 में बैंक के पुनर्संगठन की योजना अधिसूचित की । इसके परिणामस्‍वरूप बड़े जमाकर्ताओं की जमाराशियां क्रमश: 30 और 20 प्रतिशत राशि के भुगतान के बाद इक्विटियों में और संस्‍थागत जमाराशियां स्‍थायी ऋण लिखतों में परिवर्तित की गईं। इसके बाद जनवरी 2009 में रिज़र्व बैंक ने बैंक को अनुमति दी कि 31 मार्च 2013 को समाप्‍त 5 वर्षों की अवधि के लिए समूची स्‍थायी ऋण लिखतों (पीडीआई) का टीयरI पूंजी के रूप में प्रबंध करें। इन प्रयासों के परिणामस्‍वरूप बैंक की वित्‍तीय स्थिति में सुधार हुआ और लागू निदेशों के स्‍थान पर कुछ परिचालनात्‍मक अनुदेश लागू किए गए। तथापि बैंक की वित्‍तीय स्थिति में हुए सुधार अल्‍पकालिक रहे क्‍योंकि बैंक वित्‍तीय निष्‍पादन में सुधार लाने के लिए नियामकों द्वारा दिए गए अवसरों का लाभ नहीं उठा पाया।

वसूली के सभी उपाय समाप्‍त हो जाने पर और बैंक की वित्तीय स्थिति में पुनरुद्धार के लिए कोई गुंजाइश नहीं देखी जाने पर फरवरी 2014 में रिज़र्व बैंक द्वारा कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया जिसमें यह पूछा गया कि बैक का लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए तथा बैंक का परिसमापन क्यों न किया जाए। कारण बताओ नोटिस हेतु बैंक द्वारा दिए गए उत्तर की जांच की गयी लेकिन उन्‍हें संतोषजनक नहीं पाया गया। इसलिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया है।

लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में द वसावी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (तेलंगाना) पर जमाराशियों को स्‍वीकार और भुगतान करने सहित बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत पारिभाषित 'बैंकिंग कारोबार' करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री रविंद्र भूक्‍या, महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय रिजर्व बैंक, हैदराबाद से सपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:

डाक पता : शहरी बैंक विभाग, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, सेक्रेटेरियट रोड, सैफाबाद, हैदराबाद–500004; टेलीफोन नंबर : (040) 23234920 फैक्स नंबर : (040) 23235891; ई-मेल.

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/239

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