भारतीय रिज़र्व बैंक ने विदेशों से सस्ती निधि विप्रेषण के काल्पनिक प्रस्ताव के प्रति आम जनता को सतर्क किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने विदेशों से सस्ती निधि विप्रेषण के काल्पनिक प्रस्ताव के प्रति आम जनता को सतर्क किया
7 दिसंबर 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक ने विदेशों से सस्ती निधि विप्रेषण के
काल्पनिक प्रस्ताव के प्रति आम जनता को सतर्क किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आम जनता को सूचित किया है कि वे भारत में बैंकों/भारतीय रिज़र्व बैंक को समुद्रपारीय संस्थाओं द्वारा विप्रेषित की गई निधियों के दावे के साथ सस्ती निधियों के जारी किए जाने हेतु काल्पनिक प्रस्तावों का शिकार न बनें। आम जनता से अनुरोध है कि वह ऐसी योजनाओं/प्रस्तावों में सहभागिता के लिए कोई विप्रेषण न करे।
ऐसे प्रस्तावों के खास तौर तरीकों का वर्णन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा है कि कतिपय विदेशी संस्थाओं/व्यक्तियों सहित ऐसी संस्थाओं/व्यक्तियों के प्रतिनिधियों के रूप में काम करनेवाले निवासी भारतीय पत्रों/ई-मेल आदि के माध्यम से निवासी व्यक्तियों/संस्थाओं (विद्यालयों/अस्पतालों सहित) को भारत में उनके कारोबार/उद्यम में सहायता के बहाने विदेशी मुद्रा की एक भारी राशि देने का प्रस्ताव करते हैं। एक बार संपर्क होने पर इस प्रस्ताव के बाद व्यक्तियों/भारतीय संस्था के बैंक खाते के ब्योरे के लिए अनुरोध किया जाता है तथा कुछ राशि उन्हें प्रारंभिक जमा/कमीशन के रूप में विप्रेषित करने के लिए कहा जाता है ताकि प्रस्तावित राशि अंतरित की जा सके। इसी प्रकार व्यक्तियों/प्राधिकृत व्यापारियों से हाल की अवधि में भारतीय रिज़र्व बैंक में समुद्रपारीय योजनाओं में जीते गए पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कमीशन/शुल्क के लिए अनुमोदन/विदेशी मुद्रा में विप्रेषण हेतु स्पष्टीकरण की मांग करने के ऐसे संदर्भ प्राप्त हुए हैं।भारतीय रिज़र्व बैंक को यह सूचना भी मिली है कि कतिपय समुद्रपारीय संगठन भारत में व्यक्तियों/कंपनियों/न्यासों को यह सूचित कर रहे हैं कि भारत में ऋणों के सस्ते दर पर वितरण के लिए भारी मात्रा में राशि रिज़र्व बैंक के पास एक खाते में रखी गई है और यह निधि रिज़र्व बैंक के अनुमोदन के बाद जारी की जाएगी। अपने दावों को प्रमाणित करने के लिए इस अभिप्राय से प्रमाणपत्र/जमाराशि रसीदों की प्रतियाँ भी ऐसे परिचालकों द्वारा प्रस्तुत की जाती हैं कि वे रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की गई हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज स्पष्ट किया कि लॉटरी में सहभागिता के लिए किसी प्रकार के विप्रेषण को विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 के अतर्गत प्रतिबंधित किया गया है। तथापि, ये प्रतिबंध विभिन्न नामों जैसे कि मुद्रा परिचालन योजना अथवा पुरस्कार राशि/पुरस्कार आदि प्राप्त करने के प्रयोजन के लिए विप्रेषणों के अंतर्गत लॉटरी जैसी कार्यरत योजनाओं में सहभागिता हेतुविप्रेषणों पर भी लागू हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह भारत में व्यक्तियों/कंपनियों/न्यासों के नाम में वितरण के लिए निधि धारित करने हेतु किसी खाते का रखरखाव नहीं करता है।
जी. रघुराज
उप महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/770