RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79911258

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जोखिमों के लिए सत्‍याभासी मुद्राओं के प्रयोक्ताओं को सावधान किया

24 दिसंबर 2013

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जोखिमों के लिए सत्‍याभासी मुद्राओं के प्रयोक्ताओं को सावधान किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज बिटकॉइन्स सहित सत्‍याभासी मुद्रा (वीसी) के प्रयोक्ताओं, धारकों और व्यापारियों को संभावित वित्तीय, परिचालनात्मक, विधिक, ग्राहक रक्षा और सुरक्षा संबंधित जोखिमों के बारे में सावधान किया जिनका वे सामना कर रहे हैं।

रिज़र्व बैंक ने उल्लेख किया है कि वह “विकेन्द्रीकृत डिजीटल मुद्रा” अथवा “सत्‍याभासी मुद्रा” (वीसी) के रूप में दावा किए गए बिटकॉइन्स, लाइटकॉइन्स, बीबीक्यूकॉइन्स, डोजकॉइन्स आदि जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों जिनका देश में उपयोग और कारोबार हो रहा है तथा इस संबंध में विभिन्न मीडिया में रिपोर्टे है, से संबंधित गतिविधियों की जांच कर रहा है।

भुगतान के माध्यम के रूप में बिटकॉइन्स सहित सत्‍याभासी मुद्रा के सृजन, कारोबार अथवा उपयोग को किसी भी केन्द्रीय बैंक या मौद्रिक प्राधिकार द्वारा प्राधिकृत नहीं किया गया है। ऐसे कार्यकलाप करने के लिए संबंधित संस्थाओं द्वारा विनियामक अनुमोदन, पंजीकरण या प्राधिकार प्राप्त करने के बारे में नहीं बताया गया है। अतः वे निम्नलिखित सहित अपने प्रयोक्ताओं के लिए अनेक जोखिम उत्पन्न कर सकते हैं:

  • सत्‍याभासी मुद्रा डिजीटल रूप में होने से इसे डिजीटल/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में स्टोर किया जाता है जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक वैलेट कहा जाता है। इसलिए इनके हैकिंग, पासवर्ड के गुम होने, पहुंच वाले परिचय-पत्रों पर समझौते, मेलवेयर पर हमले आदि से उत्पन्न होने वाली क्षति की संभावना है। चूंकि इन्हें किसी प्राधिकृत केन्द्रीय रजिस्ट्री या एजेंसी द्वारा सृजित नहीं किया जाता है, इसलिए ई-वॉलेट की हानि का परिणाम इनमें रखी हुई सत्‍याभासी मुद्रा की स्थायी हानि के रूप में हो सकता है।

  • बिटकॉइन्स जैसी सत्‍याभासी मुद्रा का भुगतान प्राधिकृत केन्द्रीय एजेंसी के बिना समकक्ष आधार पर होता है जो ऐसे भुगतानों को नियंत्रित करती है। इसलिए ग्राहक समस्याओं/विवादों/वापसी प्रभार आदि के लिए स्थापित ढ़ांचा नहीं है।

  • सत्‍याभासी मुद्रा के लिए कोई विचारधीन आस्ति अथवा समर्थन नहीं है। अतः उनका मूल्य अटकलबाजी का मामला प्रतीत होता है। विगत हाल में सत्‍याभासी मुद्राओं के मूल्य में भारी अस्थिरता देखी गई है। इस प्रकार, मूल्य में इस अस्थिरता के कारण प्रयोक्ताओं को संभावित हानि का सामना करना पड़ता है।

  • यह रिपोर्ट की गई है कि बिटकॉइन्स जैसी सत्‍याभासी मुद्रा का विभिन्न अधिकार क्षेत्रों में स्थापित विनिमय मंचों पर कारोबार किया जा रहा है, इन अधिकार क्षेत्रों की विधिक स्थिति भी अस्पष्ट है। अतः सत्‍याभासी मुद्राओं के कारोबारियों के लिए ऐसे मंचों पर विधिक और वित्तीय जोखिम है।

  • कई अधिकार क्षेत्रों में अनुचित और गैर-कानूनी कार्यकलापों के लिए बिटकॉइन्स सहित सत्‍याभासी मुद्राओं के उपयोग के बारे में कई मीडिया रिपोर्टे आई हैं। ऐसे समकक्ष बेनामी/छद्मनामी प्रणालियों में काउंटरपार्टियों की सूचना का अभाव प्रयोक्ताओं के लिए धन शोधन निवारण और आतंकवाद के वित्तपोषण से लड़ाई (एएमएल/सीएफटी) संबंधी कानूनों के गैर-इरादतन उल्लंघन माना जाएगा।

रिज़र्व बैंक ने यह भी कहा है कि वह इस समय विदेशी मुद्रा और भुगतान प्रणाली कानूनों और विनियमनों सहित देश के वर्तमान विधिक और विनियामक ढांचे के अंतर्गत सत्‍याभासी मुद्रा के उपयोग, धारण और कारोबार से जुड़े मुद्दों की जांच कर रहा है।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/1261

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?