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जाली नोटों पर रिज़र्व बैंक का स्पष्टीकरण

31 जुलाई 2009

जाली नोटों पर रिज़र्व बैंक का स्पष्टीकरण

कुछ समाचारपत्र भ्रमवश भारत में परिचालनरत जाली करेंसी नोटों के आकलन के लिए नायक समिति की रिपोर्ट उद्धृत करते रहे हैं।

रिज़र्व बैंक स्पष्ट करता है कः

परिचालनरत जाली नोटों के लिए किसी एजेंसी द्वारा कोई आकलन नहीं किया गया है। नायक समिति ने जिसका गठन वर्ष 1988 में मुद्रा प्रबंध की गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए किया गया था, अपनी रिपोर्ट में वर्ष 2000 के लिए परिचालनरत नोटों ( असली नोटों) का मूल्य 1,69,000 करोड़ रुपए आकलित किया था। नायक समिति ने जाली नोटों का कोई अध्ययन नहीं किया और ऐसे नोटों के संबंध में कोई आँकड़े नहीं दिए थे।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए आँकड़ों के अनुसार वर्ष 2007-08 में रिज़र्व बैंक सहित बैंकिंग प्रणाली द्वारा पता लगाए गए जाली नोटों की संख्या परिचालनरत एक मिलियन नोटों में चार थी। वर्ष 2007-08 में रिज़र्व बैंक सहित बैंकिंग प्रणाली द्वारा पता लगाए गए जाली नोटों की संख्या परिचालनरत 44,225 मिलियन (चवालीस हजार दो सौ पचीस मिलियन) नोटों के बदले 1,95,811(एक लाख पचानबे हजार आठ सौ ग्यारह) थी। पिछले आठ वर्षों से प्रत्येक वर्ष जारी किए जाने वाली अपनी वार्षिक रिपोर्ट में रिज़र्व बैंक उल्लेख करता है कि भारत में परिचालनरत कुल नोटों में पता लगाए गए जाली नोटों की संख्या वर्ष 2000-2001 से प्रति मिलियन नोटों में तीन और छह के बीच रही है।

वर्ष

पता लगाए गए जाली भारतीय करेंसी नोट (संख्या में)

परिचालन में नोट (मिलियन संख्या में)

परिचालन में नोटों के % के रूप में जाली भारतीय करेंसी नोट

परिचालनरत प्रति मिलियन नोटों में पता लगाए गए जाली नोटों की संख्या

2000-01

102687

35,704

0.000288

3

2001-02

124515

38,338

0.000326

3

2002-03

211754

37,309

0.000568

6

2003-04

205226

38,336

0.000535

5

2004-05

181928

36,984

0.000492

5

2005-06

123917

37,851

0.000327

3

2006-07

104743

39,831

0.000263

3

2007-08

195811

44,225

0.000443

4

 

अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2009-2010/181

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