भारतीय रिज़र्व बैंक ने रिपो दर घटाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने रिपो दर घटाया
20 अक्तूबर 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक ने रिपो दर घटाया
भारतीय रिज़र्व बैंक वैश्विक वित्तीय संकट के संदर्भ में घरेलू समष्टि आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने को दृष्टि से रिज़र्व बैंक मौद्रिक और चलनिधि स्थितियों पर निरंतर निगरानी रखे हुए है। रिज़र्व बैंक ने पिछले एक महीने से घरेलू और विदेशी मुद्रा चलनिधि को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं।
वैश्विक वित्तीय स्थिति में अनिश्चितता और अफरा-तफरी जारी है। हालांकि इस संकट से सीधे प्रभावित हुए देशों ने इस संकट से उबरने के लिए कड़े कदम उठाए हैं फिर भी वित्तीय बाज़ारों में अभी पूरी तरह से विश्वास और निश्ंचितता नहीं आई है। वित्तीय समेकन के कारण यह अनिश्चितता इस संकट की परिधि से बाहर के देशों में भी फैल रही है।
हाल के कुछ सप्ताहों में हमारे ऋण बाज़ार में दिखाई दिए तनाव के कुछ संकेतों से यह पता चलता है कि भारत भी वैश्विक चलनिधि की कमी से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुआ है। दबाव को कम करने के उद्देश्य से और खासकर, वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए रिज़र्व बैंक ने चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रिपो दर को तत्काल प्रभाव से 100 आधार बिंदुओं तक घटाते हुए इसे 8.0 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।
रिज़र्व बैंक हमारे वित्तीय बाज़ारों और हमारी चलनिधि परिस्थितियों पर वैश्विक गतिविधियों के प्रभाव की निरंतर निगरानी कर रहा है तथा निगरानी करता रहेगा और समुचित कार्रवाई करेगा।
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/526