भारतीय रिज़र्व बैंक ने अमानत को-ऑपरेटिव बैंक लि., बेंगलूरु पर जारी निदेशों की अवधि 05 जुलाई 2015 से 04 जनवरी 2016 तक बढ़ाई - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अमानत को-ऑपरेटिव बैंक लि., बेंगलूरु पर जारी निदेशों की अवधि 05 जुलाई 2015 से 04 जनवरी 2016 तक बढ़ाई
08 जुलाई 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक ने अमानत को-ऑपरेटिव बैंक लि., बेंगलूरु पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने अधिसूचित किया है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते अमानत को-ऑपरेटिव बैंक लि., बेंगलूरु पर कतिपय निदेश जारी किए हैं। इनके अनुसार उपर्युक्त बैंक 05 अप्रैल 2013 को कारोबार की समाप्ति से भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना 01 अप्रैल 2013 में अधिसूचित निदेशों, जिनकी एक प्रतिलिपि इच्छुक जन सदस्यों के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है, को छोड़कर अन्य किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण, कोई निवेश, निधियां उधार लेने और नई जमाराशियां स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा, भले ही भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा से संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। विशेष रूप से उपर्युक्त भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्य जमा खाते में, कुल शेष में से प्रत्येक जमाकर्ता को ₹1,000/- (एक हजार रुपए मात्र) से अधिक राशि आहरित करने की अनुमति न दी जाए। हमारे 30 सितंबर 2013 के निर्देश के ज़रिए इन निदेशों की अवधि 04 अप्रैल 2014 तक छह महीनों की अवधि के लिए बढ़ाई गई थी और बाद में हमारे 27 मार्च 2014 के निदेश के जरिए इसे छह महीनों के लिए बढ़ाया गया था। 23 सितंबर 2014 के हमारे निदेश के ज़रिए इन निदेशों की अवधि पुन: 04 जनवरी 2015 तक बढ़ाई गई थी और दिनांक 29 दिसंबर 2014 के हमारे निदेश के ज़रिए इसे 04 जुलाई 2015 तक बढ़ाया गया था। इसके द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि 05 जुलाई 2015 से 04 जनवरी 2016 तक आगे की छह महीनों की अवधि के लिए उक्त निदेश बैंक पर लागू रहेगा, जो कि समीक्षाधीन है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/69 |