बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने पर्यवेक्षी कॉलेज की मेजबानी की - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने पर्यवेक्षी कॉलेज की मेजबानी की
27 जुलाई 2016 बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने पर्यवेक्षी कॉलेज की मेजबानी की बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया की पर्यवेक्षी कॉलेजों की बैठक क्रमश: 25 और 26 जुलाई 2016 को मुंबई में आयोजित की गई। श्री एस एस मूंदड़ा, उप गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक ने कॉलेजों की कार्यवाही का उद्घाटन किया। 25 जुलाई 2016 को बैंक ऑफ बड़ौदा के पर्यवेक्षी कॉलेज में तेरह विदेशी बैंकिंग पर्यवेक्षी प्राधिकरण से तेईस पर्यवेक्षकों ने भाग लिया। 26 जुलाई 2016 को बैंक ऑफ इंडिया के पर्यवेक्षी कॉलेज में ग्यारह विदेशी बैंकिंग पर्यवेक्षी प्राधिकरण से उन्नीस पर्यवेक्षकों ने भाग लिया। पर्यवेक्षी कॉलेज के अपने संबोधन में, श्री मूंदड़ा ने सामान्य रूप में भारतीय बैंकिंग प्रणाली के संबंध में रिज़र्व बैंक के दृष्टिकोण और विशेष रूप से विदेशों में सक्रिय भारतीय बैंकों के सीमा पार पर्यवेक्षण का अवलोकन किया। उप गवर्नर ने उल्लेख किया कि पिछले कुछ वर्षों में कुछ भारतीय बैंकों की सीमा पार की बढ़ती गतिविधियों के कारण बैंकों के विदेशी कार्यालयों का अंतरंग पर्यवेक्षण जरूरी हो गया है। उन क्षेत्राधिकार जहां भारतीय बैंक काम करते हैं, के बैंकिंग पर्यवेक्षी प्राधिकरणों के साथ प्रभावी सहयोग, सूचना और संयुक्त पर्यवेक्षी गतिविधियों के आदान-प्रदान, सीमा पार पर्यवेक्षण के लिए रिजर्व बैंक द्वारा अपनाया गया यह एक मुख्य उपकरण है। प्रमुख भारतीय बैंकों के लिए पर्यवेक्षी कॉलेजों की स्थापना इस दृष्टिकोण के परिणामों में से एक है,जो भारतीय रिजर्व बैंक के बीच संबंधित बैंकिंग समूह और विभिन्न मेजबान पर्यवेक्षकों के जोखिम प्रोफाइल की एक बेहतर समझ पैदा करता है। उप गवर्नर ने पर्यवेक्षी प्राधिकरणों के बीच चल रहे सहयोग, जो पर्यवेक्षी कॉलेजों के भौतिक बैठकों से आगे बढ़नी चाहिए, पर बल दिया । श्रीमती पार्वती वी. सुन्दरम, प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय बैंकों के पर्यवेक्षण में हुई नवीनतम गतिविधियों पर पर्यवेक्षी कॉलेजों को संक्षेप में बताया। श्री एस.एस. बारिक, प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग विनियमन विभाग ने बैंकिंग विनियमन में हुई गतिविधियों पर कॉलेजों को सिंहावलोकन प्रस्तुत किया। श्री पी.एस. जयकुमार, एमडी और सीईओ, बैंक ऑफ बड़ौदा और श्री मेल्विन रेगो, एमडी और सीईओ, बैंक ऑफ इंडिया ने प्रस्तुतियां दी और विभिन्न मेजबान पर्यवेक्षकों के अपनी-अपनी बैंकों पर प्रशनों के जवाब दिए। भारतीय रिज़र्व बैंक और विभिन्न मेजबान पर्यवेक्षकों ने कॉलेजों में पारस्परिक चिंता के कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया और मेजबान पर्यवेक्षकों ने बैंक ऑफ बड़ौदा तथा बैंक ऑफ इंडिया की समुद्रपारीय अधिकारक्षेत्रों में उपस्थिति और परिचालनों पर अपने-अपने दृष्टिकोण साझे किए। भारतीय रिज़र्व बैंक ने विदेशों में भारतीय बैंकों के सीमापार परिचालनों के पर्यवेक्षण के एक भाग के रूप में छह प्रमुख बैंकों (भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एक्सिस बैंक लिमिटेड और पंजाब नेशनल बैंक) जिनकी काफी अधिक अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति है, के लिए पर्यवेक्षी कॉलेज स्थापित किए हैं। पर्यवेक्षी कॉलेज का मुख्य उद्देश्य पर्यवेक्षकों के बीच सूचना विनिमय और सहयोग को बढ़ाना है जिससे कि बैंकिंग समूहों की जोखिम प्रोफाइल की समझ में सुधार किया जा सके और इसप्रकार अंतरराष्ट्रीय रूप से सक्रिय बैंकों का अधिक प्रभावी पर्यवेक्षण सुनिश्चित किया जा सके। अनिरुद्ध डी. जाधव प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/242 |