RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

113893924

भारतीय रिज़र्व बैंक ने तीन बैंकों पर मौद्रिक दंड लगाया; आठ बैंकों को चेतावनी दी

29 अप्रैल 2015

भारतीय रिज़र्व बैंक ने तीन बैंकों पर मौद्रिक दंड लगाया; आठ बैंकों को चेतावनी दी

रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)/धन शोधन निवारण (एएमएल) पर इसके अनुदेशों का उल्लंघन करने पर निम्नलिखित तीन बैंकों पर मौद्रिक दंड लगाया है। दंड का ब्यौरा इस प्रकार है:

क्र.सं. बैंक का नाम दंड की राशि ( मिलियन में)
1 बैंक ऑफ महाराष्ट्र 15
2 देना बैंक 15
3 ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स 15

आठ अन्य बैंकों अर्थात, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ बीकनेर एण्ड जयपुर, युको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, और विजया बैंक, को भविष्य में केवाइसी जरुरतों का कड़ा अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करने और समय-समय पर उनकी समीक्षा करने के लिए चेतावनी दी गई।

रिज़र्व बैंक से समय समय पर जारी अनुदेशों / निदेशों / दिशा निर्देशों के उल्लंघनों को देखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(आई) के साथ पठित धारा 47(ए)(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए उक्त दंड लगाया गया है।यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और बैंक अथवा उसके ग्राहकों द्वारा किए गए किसी करार अथवा लेनदेन की वैधता के संबंध में घोषित नहीं की गई है।

पृष्ठभूमि

भारतीय रिज़र्व बैंक को एक निजी संगठन से प्राप्त शिकायत के आधार पर जुलाई 2014 में कुछ सार्वनजिक क्षेत्र के बैकों की मुंबई आधारित शाखाओं में उनके नाम से खोले गए मीयादी जमा खातों की संविक्षा की गई। अधिक शिकायतें प्राप्त होने पर और अन्य बैंकों की सहलग्नता सामने आनेपर सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों की सभी 12 शाखाओं की एक विस्तृत थीमैटिक समीक्षा आयोजित की गई। संविक्षा / थीमैटिक समीक्षा के दौरान इन बैंकों में कुछ संगठनो के खातों में कथित जालसाजी की कार्य प्रणाली का परीक्षण किया गया जिसमें मीयादी जमा खाता(FD) खोलते समय और उसके बदले ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधा देते समय कमियां/अनियमितताएं पाईं गईं। साथ ही इन खातों के संबंध में केवाईसी मापदंडो/एएमएल मानकों के निष्पादन के संबंध में प्रणालियों और क्रियाविधियों की प्रभावशीलता पर भी विचार किया गया।

निष्कर्षों में रिज़र्व बैंक द्वारा जारी कतिपय विनियामक दिशानिर्देशों के उल्लंधन के साथ बैंकों की कुछ अन्य चिंताजनक कार्रवाइयों का पता चला, इनमें शामिल थी :

  • ग्राहक पहचान और स्वीकृति प्रक्रिया जैसे अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदंडों के कुछ पहलुओं का पालन नहीं करना

  • ग्राहक के खातों में लेनदेनों की निगरानी पर रिज़र्व बैंक के अनुदेशों का पालन नहीं करना

  • आरटीजीएस प्रणाली के माध्‍यम से प्राप्‍त निधियों के संबंध में रिज़र्व बैंक के अनुदेशों का पालन नहीं करना

  • उचित सावधानी अथवा कार्यप्रणाली के बगैर मीयादी जमा खाता खोलना और उसके बदले ओवरड्राफ्ट प्रदान करना.

  • आंतरिक नियंत्रण प्रणालियों, प्रंबंधकीय निरीक्षण में कमियां, ग्राहकों के निधियों को पार्क करने के लिए आंतरिक लेखों का प्रयोग

  • इन खातों में खाता खोलने एवं बाद में परिचालनों में मध्यस्थों की सहभागिता

छानबीन के निष्कर्षों के आधार पर रिज़र्व बैंक ने इन 11 बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिसके जवाब में अलग-अलग बैंक ने अपना लिखित जवाब प्रस्तुत किया। प्रत्येक मामले के तथ्यों और अलग-अलग बैंक के जवाब, व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने, प्रस्तुत कराई गई सूचना और दस्तावेजों पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि कुछ गंभीर स्वरूप के उल्लंघन साबित हो गए हैं और तीन बैंकों अर्थात बैंक ऑफ महाराष्ट्र, देना बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स पर उपर्युक्त निर्धारित मौद्रिक दंड लगाना आवश्यक हो गया है। इन बैंकों की तरफ से समय पर उपचारात्मक उपाय नहीं करने से उल्लंघन और इसके प्रभाव की गंभीरता बढ़ गई।

आठ अन्य बैंकों अर्थात सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ बीकनेर एण्ड जयपुर, युको बैंक,यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, और विजया बैंक, के संबंध में लिखित और मौखिक जवाब के आधार पर यह निर्णय लिया गया कि कोई मौद्रिक दंड नहीं लगाया जाए क्योंकि बैंकों के स्पष्टीकरण को उचित माना गया। तथापि, इन बैंकों को उचित उपाय लागू करने और समय-समय पर इनकी समीक्षा करने के लिए सावधान किया गया है जिससे कि भविष्य में अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) आवश्यकताओं का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो सके।

अजित प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/2297

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?