भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बढ़ाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बढ़ाया
13 फरवरी 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बढ़ाया
आपको यह याद होगा कि वर्ष 206-07 के लिए मौद्रिक नीति के वार्षिक वक्तव्य की तीसरी तिमाही की समीक्षा में मौद्रिक नीति के रुझान को निर्दिष्ट किया गया था। अन्य बातों के साथ-साथ समीक्षा में कहा गया था :
"अब, विकास की गति को अनुचित रूप से प्रभावित किए बिना मुद्रास्फीति को रोकने के लिए सभी के द्वारा एक निश्चित और समेकित प्रयास किया जाना केवल एक आर्थिक आवश्यकता ही नहीं बल्कि एक नैतिक बाध्यता भी हो गई है। वर्तमान मुद्रास्फीतिकारी दबाव मौद्रिक स्थितियों को जिस सीमा तक प्रभावित कर रहे हैं, यह आवश्यक हो गया है कि पहले से किये गये उपायों को जारी रखते हुए और प्रत्याशित गतिविधियों (पैराग्राफ 77) के आलोक में समुचित उपाय किए जाएं।"
समीक्षा में यह भी जोर दिया गया है कि :
"अत: रिज़र्व बैंक की नीतियाँ मुद्रा और मुद्रा बाज़ारों (पैराग्राफ 78) में उछाल के किसी भी संकेतों के प्रति सतर्क हैं।"
31 जनवरी 2007 को तीसरी तिमाही की समीक्षा जारी किये जाने के बाद से कुछ उल्लेखनीय गतिविधियां हुई हैं:
(क) 7 फरवरी 2007 को केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने राष्ट्रीय आय का अग्रिम आकलन जारी किया जिसमें वर्ष 2006-07 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि वर्ष 2005-06 में 9.0 प्रतिशत से उच्च स्थिति में 9.2 प्रतिशत रखी गई है।
(ख) केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा 12 फरवरी 2007 को जारी प्रकाशनी के अनुसार औद्योगिक उत्पादन का सामान्य सूचकांक अप्रैल-दिसंबर 2006 के दौरान बढ़कर 10.8 प्रतिशत तक हो गया जो एक वर्ष पूर्व 8.0 प्रतिशत था।
(ग) थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआइ) पर आधारित वर्ष-दर-वर्ष मुद्रास्फीति 13 जनवरी 2007 को अर्थात् तीसरी तिमाही की समीक्षा जारी करते समय 6.0 प्रतिशत थी जो 9 फारवरी 2007 की प्रकाशनी के अनुसार बढ़कर 6.6 प्रतिशत हो गई है।
(घ) 2 फरवरी 2007 तक खाद्येतर बैंक ऋण में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि एक वर्ष पूर्व के 33.2 प्रतिशत के बदले 30.2 प्रतिशत थी।
(ङ) 2 फरवरी 2007 तक सकल जमाराशियों में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि 23.2 प्रतिशत थी जो एक वर्ष पूर्व सर्वाधिक रूप में 17.5 प्रतिशत थी।
(च) चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) 8 जनवरी 2007 से 7 फरवरी 2007 से लगातार मुद्रा बढ़ोतरी के स्वरूप में रही थी। तथापि, 1-7 फरवरी 2007 के दौरान 9,814 करोड़ रुपये की चलनिधि की औसत दैनिक मुद्रा बढोतरी के बदले अब 8, 9, 12 और 13 फरवरी 2007 को चलनिधि समायोजन सुविधा के माध्यम से क्रमश: 3,000 करोड़ रुपये, 1,750 करोड़ रुपये, 2,155 करोड़ रुपये और 4,090 करोड़ रुपये की राशि आमेलित की गई है।
(छ) फरवरी 2007 के दौरान (13 फरवरी तक) बाजार स्थिरीकरण योजना (एमएसएस) के अंतर्गत 1,109 करोड़ रुपये की राशि की अतिरिक्त चलनिधि आमेलित की गई।
(ज) मुद्रा बाजार में मांग मुद्रा दर जो 8 जनवरी से 7 फरवरी 2007 के दौरान 7.72 - 8.35 प्रतिशत की सीमा में थी अब कम होकर 13 फरवरी 2007 को 6.59 प्रतिशत हो गई है।
मुद्रास्पीति अपेक्षाओं को रोकने की सर्वोच्च आवश्यकता और वर्तमान चलनिधि की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), अनुसूचित सहकारी बैंकों और अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों का आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) नीचे निर्दिष्ट पखवाड़े से दो चरणों में उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशत बिन्दु के आधे तक बढ़ाया जाए।
प्रभावी तारीख (अर्थात्, पखवाड़ा प्रारंभ होने की तारीख) |
निवल मांग और मीयादी देयताओं पर आरक्षित नकदी निधि अनुपात (प्रतिशत) |
17 फरवरी 2007 |
5.75 |
3 मार्च 2007 |
6.00 |
नकदी निधि अनुपात में उपर्युक्त वृद्धि के परिणामस्वरूप बैंकों के संसाधनों की 14,000 करोड़ रुपये की एक राशि आमेलित की जाएगी।
यह भी उल्लेखनीय है की 31 जनवरी 2007 को तीसरी तिमाही की समीक्षा में यह निर्दिष्ट किया गया है कि :
"रिज़र्व बैंक उभरती हुई स्थिति के जवाब में चलनिधि के समुचित अनुकूलन को सुनिश्चित करने के लिए आरक्षित निधि अनुपात सहित सभी नीति लिखतों का उपयोग करेगा।" (पैराग्राफ 89)
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/1094