RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79977710

भारतीय रिज़र्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों में शेयरों / मताधिकारों के अर्जन के लिए पूर्व अनुमोदन प्राप्‍त करने से संबंधित निदेश जारी किए

19 नवंबर 2015

भारतीय रिज़र्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों में शेयरों / मताधिकारों के अर्जन के लिए
पूर्व अनुमोदन प्राप्‍त करने से संबंधित निदेश जारी किए

भारतीय रिज़र्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों में शेयरों या मताधिकारों के अर्जन के लिए पूर्व अनुमोदन लिए जाने से संबंधित संशोधित निदेश जारी किए।

इन निदेशों में दो प्रमुख परिवर्तन किए गए हैं :

  1. जो व्‍यक्ति शेयरों या अनिवार्यत: परिवर्तनीय डिबेंचरों/बॉण्‍डों या मताधिकारों का अर्जन करना चाहता या किसी निजी बैंक में 5 प्रतिशत या इससे अधिक के वैकल्पिक परिवर्तनीय डिबेंचरों/बाण्डों का अंतरित करना चाहता है तो उसे रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमोदन प्राप्‍त करने के लिए आवेदन करना होगा।

  2. प्रमुख शेयरधारकों अर्थात उन शेयरधारकों, जिनके पास बैंक की चुकता शेयर पूंजी के 5 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्‍सेदारी है / आने की संभावना है या जो व्‍यक्ति बैंक में कुल मताधिकारों के 5 प्रतिशत या उससे अधिक के मताधिकार का प्रयोग करने के लिए हकदार हैं, को ‘योग्‍य और उचित’ रहने के संबंध में संबंधित बैंक को रिपोर्ट प्रस्‍तुत करनी होगी और बैंक द्वारा किए गए आकलन के अनुसार किसी प्रमुख शेयरधारक को ‘योग्‍य और उचित’ नहीं पाए जाने पर संबंधित बैंक को रिज़र्व बैंक को तत्‍काल आवश्‍यक सूचना प्रस्‍तुत करनी होगी।

यह संशोधन बैंकिंग विधि (संशोधन) अधिनियम, 2012 के आलोक में, 17 जनवरी 2013 की राजपत्र की अधिसूचना में अधिसूचित किए अनुसार आवश्‍यक हो गया। इससे संबंधित ब्‍योरे 16 नवंबर 2015 के निदेशों में उपलब्‍ध कराए गए हैं।

इन निदेशों को मौजूदा नीति के आधार पर तैयार किया गया है और इनमें निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रमुख शेयरधारिता के अर्जन के लिए पूर्व अनुमोदन लिए जाने संबंधी प्रक्रिया दर्शाई गई है।

इन निदेशों में निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुख शेयरधारकों की ‘योग्‍य और उचित’ रहने की स्थिति के निरंतर अनुपालन संबंधी प्रक्रिया भी दी गई है।

मुख्‍य अंश :

अधिग्रहण के लिए पूर्व अनुमोदन

  • किसी भी निजी क्षेत्र के बैंक में प्रमुख शेयरधारिता के लिए इच्छुक हर व्यक्ति को निर्धारित प्रारूप में अपनी घोषणा के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक के पास आवेदन करना होगा।

  • अनुमोदन प्रदान करने अथवा न करने के संबंध में निर्णय लेने के लिए रिजर्व बैंक समुचित सावधानी से आवेदक की ‘योग्‍य और उचित’ का आकलन करने के लिए कार्रवाई शुरू करेगा। निर्णय लेने के लिए,यदि आवश्यक हो तो बैंक शेयरधारक करारों सहित आवेदक/संबंधित बैंक से अतिरिक्त जानकारी/दस्तावेज प्राप्त कर सकता है। समुचित सावधानी की प्रक्रिया में आवश्‍यकता के अनुसार संबंधित नियामक/नियामकों, राजस्व अधिकारियों, जांच एजेंसियों, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को भी शामिल किया जा सकता है।

  • समुचित सावधानी के परिणाम और संबंधित बैंक से प्राप्त जानकारी सहित, सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक आवेदित मात्रा के अधिग्रहण के लिए अनुमति दे सकता है /देने से इनकार कर सकता है अथवा आवेदित मात्रा से कम मात्रा के लिए अनुमति दे सकता है।

  • रिजर्व बैंक का निर्णय आवेदक और संबंधित बैंक को सूचित किया जाएगा और यह दोनों पर बाध्यकारी होगा।

मौजूदा प्रमुख शेयरधारक द्वारा नया अर्जन

  • नया अर्जन करने के लिए मौजूदा प्रमुख शेयरधारक, जिसने ऐसा नया अर्जन करने से पहले बैंक में एक प्रमुख शेयर हिस्सेदारी रखने के लिए रिजर्व बैंक से पूर्व अनुमोदन प्राप्त कर लिया है, को रिजर्व बैंक से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी बशर्तें प्रस्तावित कुल अधिग्रहण संबंधित बैंक के मताधिकारों या शेयरों के 10 फीसदी तक हो। तथापि प्रमुख शेयरधारक को ऐसे वृद्धिशील अर्जन के लिए धन के स्रोत का ब्यौरा प्रस्‍तुत करना होगा और ऐसे वृद्धिशील अर्जन के पहले संबंधित बैंक से 'अनापत्ति' प्राप्त करनी होगी।

  • तथापि, यदि नए वृद्धिशील अधिग्रहण से बैंक में मौजूदा प्रमुख शेयरधारक की समग्र शेयरधारिता में 10 प्रतिशत से अधिक संवर्धन होने की संभावना हो तो प्रमुख शेयरधारक को निर्धारित फार्मेट में अतिरिक्त सूचना के साथ उपर्युक्त निर्दिष्ट तरीके में प्रस्तावित वृद्धिशील शेयरधारिता के लिए रिज़र्व बैंक से नए सिरे से पूर्व अनुमोदन लेना होगा। प्रक्रिया वैसी ही रहेगी जैसी शेयरों या अनिवार्यतः परिवर्तनीय डिबेंचरों/बाण्ड प्राप्त करने या 5 प्रतिशत या इससे अधिक के मताधिकारों के लिए निर्धारित है और इसके साथ निर्धारित फार्मेट में अतिरिक्त सूचना भी देनी होगी।

  • 10 प्रतिशत या इससे अधिक के शेयरों के अर्जन की अनुमति सामान्यतः उन प्रवर्तकों/बैंक या वित्तीय संस्था के प्रवर्तक समूह को दी जाएगी जो सुनियंत्रित हैं, अच्छी तरह से विविधीकृत है और सूचीबद्ध है या सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैं या यह अनुमति अपवादात्मक परिस्थितियों में या बैंकिंग क्षेत्र में समेकन के हित आदि में प्रदान की जाएगी।

‘योग्य और उचित’ की निरंतर निगरानी

  • जहां प्रमुख शेयरधारिता प्राप्त करने के लिए रिज़र्व बैंक की स्वीकृति/पूर्व अनुमति पहले से प्राप्त कर ली गई है, वहां प्रमुख शेयरधारकों को ‘योग्य और उचित’ रहते हुए संबंधित बैंक को रिपोर्ट करना चाहिए। इस प्रयोजन के लिए प्रमुख शेयरधारकों को अपने ‘योग्य और उचित’ दर्जे की समीक्षा करने के लिए वित्तीय वर्ष की समाप्ति के एक महीने के अंदर निर्धारित फार्मेट में वार्षिक घोषणा पत्र प्रस्तुत करना चाहिए। उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर मौजूदा प्रमुख शेयरधारकों के ‘योग्य और उचित’ दर्जे के बारे में आकलन बैंक द्वारा किया जाएगा। यदि किसी प्रमुख शेयरधारक का आकलन ‘योग्य और सही’ के रूप में नहीं किया जाता है तो संबंधित बैंक को तुरंत रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट करना होगा।

मताधिकार

  • समय-समय पर संशोधित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के मताधिकार प्रावधानों और अन्य संबंधित प्रावधानों में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये लागू बने रहेंगे। अन्य शब्दों में प्रमुख शेयरधारिता के अर्जन के लिए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 12ख के अंतर्गत प्रदान की गई अनुमति तब तक स्वतः ही मताधिकार में वृद्धि नहीं करेगी जब तक रिज़र्व बैंक द्वारा अन्यथा विनिर्दिष्ट न किया जाए।

अल्पना किल्लावाला
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/1189

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?