भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए संशोधित विनियामक ढांचा जारी किया; पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने के निलंबन को वापस लिया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए संशोधित विनियामक ढांचा जारी किया; पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने के निलंबन को वापस लिया
10 नवंबर 2014 भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज इस क्षेत्र के लिए विनियमों को सरल बनाने की दृष्टि से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए संशोधित विनियामक ढांचा जारी किया। इसने गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था (एनबीएफआई) का कारोबार करने का प्रस्ताव करने वाली कंपनियों को पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने संबंधी अस्थायी निलबंन को भी तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया। (रिज़र्व बैंक ने एनबीएफसी के ढांचे में संशोधन लंबित होने के कारण 1 अप्रैल 2014 को पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने पर अस्थायी रूप से रोक लगाई थी।) संशोधित ढांचे के पीछे तर्क देते हुए रिज़र्व बैंक ने कहा कि “बड़ी आस्ति आकार और जमाराशि स्वीकार करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को छोड़कर एनबीएफसी के लिए हल्का विनियामक ढांचा प्रस्तुत किया गया है। बड़े आस्ति आकार वाली एनबीएफसी और सभी जमाराशि स्वीकार करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए विनियमों को सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और कुछ हद तक बैंकों के लिए एक समान बनाया गया है। इसके पीछे अभिप्रायः एक समान क्षेत्र का सृजन करना है जिससे किसी भी संस्था के साथ अनुचित पक्ष या विरोध नहीं किया जाए।” इसके अतिरिक्त यह कहा गया है कि उन सीमित क्षेत्रों में जहां सामंजस्य के परिणामस्वरूप विनियमों को सुदृढ़ किया गया है, वहां सामान्यतः इस परिवर्तन के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। फिर विनियामक सबसे महत्वपूर्ण और प्रणालीगत जोखिमों पर ध्यान केंद्रित करेगा। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/952 |