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भारतीय रिज़र्व बैंक ने आम जनता के अभिमत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेशों की रिपोर्टिंग के प्रारूप फार्मेट को अपनी वेबसाइट पर डाला

14 मार्च 2008

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आम जनता के अभिमत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेशों की
रिपोर्टिंग के प्रारूप फार्मेट को अपनी वेबसाइट पर डाला

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज आम जनता के अभिमत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेशों (एफडीआइ) की रिपोर्टिंग के प्रारूप फार्मेट को अपनी वेबसाइट पर डाला। संशोधित फार्म में निवेशकों के वर्ग को व्यापक बनाया गया है ताकि इसमें कई नई संस्थाओं उदाहरणार्थ, विदेशी राष्ट्रिकों, विदेशी कंपनियों, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ), सेबी के साथ पंजीकृत विदेशी उद्यम पूँजी निवेशकों (एफवीसीआइ), विदेशी न्यासों, निजी इक्विटी और अन्य निधियों, पेंशन/भविष्य निधियों, साझेदारी/स्वामित्ववाली फर्मों, वित्तीय संस्थाओं, अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल्य के व्यक्तियों को शामिल किया जा सके। दूसरे, विदेशी उद्यम पूँजी निवेशकों से उद्यम पूँजी निधियों की ईकाईयों में प्राप्त निवेश के अलग-अलग ब्योरे प्राप्त किए जाने का प्रस्ताव है। तीसरे, फॉर्म के भाग ख को आशोधित किया गया है ताकि विदेशी निवेशक वर्ग के ब्यौरों को अलग-अलग शामिल किया जा सके। फॉर्म के भाग ख को भरे जाने की तारीख 30 जून से बढ़ाते हुए प्रतिवर्ष 31 जुलाई कर दिया गया है।

रिज़र्व बैंक ने एफसी-जीपीआर के प्रारूप फॉर्मेट पर सभी इच्छुक स्टेकधारकों से अभिमत आमंत्रित किया है। यह प्रतिसूचना मुख्य महाप्रबंधक, विदेशी मुद्रा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, 11वीं मंज़िल, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई-400001 को 31 मार्च 2008 अथवा उसके पहले भेजी जा सकती है। प्रतिसूचना (022 22610623/30) पर भी फैक्स की जा सकती है अथवा द्वारा इमेल की जा सकती है।

यह नोट किया जाए कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेशों (एफडीआइ) को स्वचालित तथा सरकारी/अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत अनुमति दी गई है। स्वचालित तथा सरकारी/अनुमोदित मार्गों के अंतर्गत अनिवासियों को शेयर और परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करनेवाली किसी भारतीय कंपनी से यह अपेक्षित है कि वह एक दो-स्तरीय रिपोर्टिंग प्रक्रिया में निवेश के ब्यौरे प्रस्तुत करे। पहले स्तर में निधियों की प्राप्ति की रिपोर्ट भारतीय रिज़र्व बैंक को प्राप्ति के 30 दिन के भीतर की जाए। दूसरे स्तर में कंपनी को शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों के जारी किए जाने की तारीख से 30 दिन के भीतर भारतीय रिज़र्व बैंक को एफसी-जीपीआर फॉर्म में रिपोर्ट दर्ज करानी होगी।

एक अधिक व्यापक तरीके से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के ब्यौरे प्राप्त करने के लिए एफसी-जीपीआर फार्म को अप्रैल 2007 में संशोधित किया गया जिसके अनुसार शेयर जारी करने के लिए विदेशी विप्रेषण प्राप्त करनेवाले भारत के प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक से यह अपेक्षित था कि वह राशि विप्रेषित करनेवाले समुद्रपारीय बैंक से विदेशी निवेशक के संबंध में अपने ग्राहक को जानें (केवाइसी) रिपोर्ट प्राप्त करे। विदेशी निवेश में हाल के नीति परिवर्तनों के अनुसार तथा विभिन्न संस्थाओं से प्राप्त सुझावों और प्रतिसूचना को ध्यान में रखते हुए भी फॉर्म एफसी-जीपीआर को अब पुन: आशोधित किया गया है।

अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/1203

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