भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर असंगठित क्षेत्र में कार्य की स्थिति और आजीविका के उन्नयन पर रिपोर्ट को जारी किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर असंगठित क्षेत्र में कार्य की स्थिति और आजीविका के उन्नयन पर रिपोर्ट को जारी किया
30 मई 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर असंगठित क्षेत्र में कार्य की स्थिति और
आजीविका के उन्नयन पर रिपोर्ट को जारी किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर असंगठित क्षेत्र में उद्यमों के लिए राष्ट्रीय आयोग की "असंगठित क्षेत्र में कार्य की स्थिति और आजीविका के उन्नयन (एनसीईयूएस)" पर रिपोर्ट की अनुशसाओं की जाँच तथा कार्यान्वयन के लिए तरीका सुझाने हेतु आंतरिक कार्यदल की रिपोर्ट को जारी किया। इस राष्ट्रीय आयोग का गठन भारत सरकार द्वारा डॉ. अर्जुन के. सेनगुप्ता की अध्यक्षता में किया गया था। असंगठित क्षेत्र में उद्यमें के लिए राष्ट्रीय आयोग ने प्रधानमंत्री को अपनी रिपोर्ट 8 अगस्त 2007 को प्रस्तुत कर दिया है।
असंगठित क्षेत्र में उद्यमें के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीईयूएस) ने कार्य की स्थिति और आजीविका उन्नयन में मामलों का उल्लेख किया है तथा असंगठित क्षेत्र के लिए अनुशंसाओं का एक सेट प्रस्तावित किया है। इसने कृषि तथा गैर-कृषि क्षेत्रों से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण मामलों के समाधान हेतु उपयों के एक पैकेज भी सुझाए हैं। इसने प्रो. वी.एस.व्यास की अध्यक्षता में आयाग द्वारा गठित एक अलग कार्यदल जिसने गैर-कृषि असंगठित क्षेत्र के ऋण संबंधी मामलों पर कार्रवाई की थी, द्वारा किए गए विश्लेषणों के आधार पर विशेष रूप से भारतीय वित्तीय क्षेत्र के लिए संगत कुछ टिप्पणियाँ और कुछ अनुशंसाएं की हैं।
रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2007-08 की अपनी वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा में वित्तीय प्रणाली के संगत असंगठित क्षेत्र में उद्यमें के लिए राष्ट्रीय आयोग की विभिन्न अनुशंसाओं का अध्ययन करने तथा बैंकिंग क्षेत्र और भारतीय रिज़र्व बैंक से संबंधित स्वीकार्य अनुशंसाओं के कार्यान्वयन हेतु एक समुचित कार्य योजना प्रस्तावित करने के लिए एक आंतरिक कार्यदल का गठन करने का प्रस्ताव किया था। रिज़र्व बैंक ने नवंबर 2007 में आंतरिक कार्यदल (आइडब्ल्यूजी) का गठन किया।
आंतरिक कार्यदल ने अपनी रिपोर्ट में अन्य बातों के साथ असंगठित क्षेत्र में आबादी के विभिन्न हिस्सों के लिए ऋण आबंटन, बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच में विस्तार तथा ऋण उपलब्धता में सुधार के मामलों का समाधान करने के लिए अनुशंसाएं की है।
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/1526