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भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना की वार्षिक रिपोर्ट (2007-08) जारी की

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24 दिसंबर 2008

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना की
वार्षिक रिपोर्ट (2007-08) जारी की

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज 2007-08 की अवधि के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना की कार्यपद्धति पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की।

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष के दौरान बैंकिंग लोकपाल ने 47,887 शिकायतें प्राप्त की जो वर्ष 2006-07 में प्राप्त 38,638 शिकायतों से अधिक थी।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों के विरूद्ध ग्राहक की शिकायतों के निवारण के लिए कम लागत पर और प्रभावी मंच उपलब्ध कराने के लिए जून 1995 में बैंकिंग लाकपाल योजना लागू की थी। इस योजना को पहली बार वर्ष 2002 में और उसके बाद फिर 2006 में संशोधित की गई ताकि बैंकिंग सेवाओं में विसंगतियों से संबंधित कई शिकायतों को शामिल किया जा सके। बैंकिंग लोकपाल के निर्णय पर शिकायतकर्ताओं और बैंकों की अपील की अनुमति देने के लिए मई 2007 में योजना में संशोधन किया गया था। यह योजना रिज़र्व बैंक द्वारा तैयार किए गए दिशानिर्देशों के भीतर कार्य करती है और रिज़र्व बैंक ही इस योजना को प्रशासित करता है।

वार्षिक रिपोर्ट 2007-08 में दिए गए विवरण के अनुसार महानगरिय क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में क्रमश: 45 प्रतिशत और 23 प्रतिशत शिकायतें प्राप्त हुई। इसके बाद ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में क्रमश: 18 प्रतिशत और 14 प्रतिशत शिकायतें दर्ज हुई। शहरी और महानगरिय क्षेत्रों से शिकायतां की अत्यधिक संख्या का अर्थ है कि इन
क्षेत्रों में बैंकिंग की पैंठ अधिक है, जागरूकता बढ़ी है और ग्राहकों की अपेक्षाएं भी बढ़ी है। तथापि, ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण क्षेत्रों में भी अधिक शिकायतें प्राप्त हुई है जिससे यह संकेत मिलता है कि बैंकिंग लोकपाल के दौरों तथा इस योजना को लोकप्रिय बनाने में विज्ञापनों सहित मिडिया कवरेज़ के माध्यम से जागरूकता बढ़ी है।

बैंकिंग लोकपाल को प्राप्त शिकायतों में क्रेडिट कार्डों से संबंधित शिकायतों की बारंबारता अधिक थी और उनके वादों को पूरा करने में बैंकों की विफलता दूसरे स्थान पर रही। अन्य शिकायतें जमा और विप्रेषण, औसत
त्रैमासिक शेष तैयार नहीं करना, लॉकर प्रभारों में संशोधन, ग्राहकों को सूचित किए बगैर प्रोसेसिंग/नवीकरण/समयपूर्व खाता बंदी प्रभार इत्यादि से संबंधित थी।

संपूर्ण रिपोर्ट भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है।

अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/955

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