12 जनवरी 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकपाल योजनाओं की वार्षिक रिपोर्ट, 2020-21 जारी की भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज वर्ष 2020-21 के लिए लोकपाल योजनाओं की वार्षिक रिपोर्ट को जारी किया, जिसे 1 जुलाई 2020 से आरबीआई के वित्तीय वर्ष के 'जुलाई-जून' से 'अप्रैल-मार्च' में परिवर्तन के अनुरूप नौ महीने की अवधि अर्थात 1 जुलाई 2020 से 31 मार्च 2021 के लिए तैयार किया गया है। वार्षिक रिपोर्ट में बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006 (बीओएस), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना, 2018 (ओएसएनबीएफसी) और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, 2019 (ओएसडीटी) के तहत गतिविधियों; उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में गतिविधियां एवं आगे की राह को शामिल किया गया है। वार्षिक रिपोर्ट के कुछ मुख्य अंश इस प्रकार हैं: - क. बीओएस, ओएसएनबीएफसी और ओएसडीटी के तहत गतिविधियां-
-
तीनों लोकपाल योजनाओं के तहत प्राप्त शिकायतों की मात्रा में वार्षिक आधार पर 22.27 प्रतिशत की वृद्धि हुई और रिपोर्ट की गई अवधि के दौरान इनकी संख्या 3,03,107 रही।
-
तीनों लोकपाल योजनाओं के तहत प्राप्त कुल शिकायतों(अर्थात 2,73,204) में से 90.13 प्रतिशत शिकायतें बीओएस के तहत थीं। ओएसएनबीएफ़सी और ओएसडीटी के तहत प्राप्त शिकायतों की संख्या कुल शिकायतों की संख्या में क्रमशः 8.89 प्रतिशत और 0.98 प्रतिशत रही।
-
बीओएस के तहत शिकायतों के प्रमुख क्षेत्र थे: (क) एटीएम/डेबिट कार्ड; (ख) मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग; और (ग) क्रेडिट कार्ड, जो पिछले वर्ष में 44.65 प्रतिशत की तुलना में कुल शिकायतों की कुल संख्या का समग्र रूप से 42.74 प्रतिशत था। ओएसएनबीएफसी के तहत, शिकायतों के प्रमुख क्षेत्र थे (क) उचित व्यवहार संहिता का पालन न करना; (ख) आरबीआई के निदेशों का पालन न करना; और (ग) पूर्व सूचना के बिना शुल्क लगाना, जो पिछले वर्ष की शिकायतों का 63.23 प्रतिशत की तुलना में 75.32 प्रतिशत था।
-
शिकायतों की अधिक संख्या के बावजूद, समग्र निपटान दर पिछले वर्ष के 92.52 प्रतिशत से बढ़कर 96.59 प्रतिशत हो गई, जिसका श्रेय सीएमएस में शिकायत प्रोसेसिंग के एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण को दिया जा सकता है।
-
अनुरक्षणीय शिकायतों में से 72.67 प्रतिशत का समाधान आपसी सहमति से अर्थात लोकपाल कार्यालयों के हस्तक्षेप/सुलह/मध्यस्थता प्रयासों के माध्यम से किया गया।
ख. वर्ष 2020-21 के दौरान महत्वपूर्ण गतिविधियां वर्ष के दौरान, उपभोक्ता शिक्षा और संरक्षण विभाग (सीईपीडी) ने शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित पहल की:
-
बैंकों में शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए एक व्यापक प्रणाली, जिसमें ग्राहकों की शिकायतों पर वर्धित प्रकटीकरण, संबंधित समकक्ष समूह औसत से अधिक प्राप्त शिकायतों के लिए बैंकों से लोकपाल द्वारा निवारण की लागत की वसूली और बैंकों के शिकायत निवारण तंत्र की वार्षिक समीक्षा शामिल है, को आरंभ किया गया।
-
तीनों लोकपाल योजनाओं को "रिज़र्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस), 2021" में एकीकृत करने के लिए पर्याप्त आधार कार्य, एक संपर्क केंद्र के साथ केंद्रीकृत रिसीप्ट एंड प्रोसेसिंग केंद्र की स्थापना, आरबी-आईओएस, 2021 के शुभारंभ के मद्देनजर सीएमएस में सुधार और उपभोक्ता शिकायतों के समाधान में प्रभावशीलता में सुधार के लिए पहल की गई। माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 12 नवंबर 2021 को आरबी-आईओएस का शुभारंभ किया गया है।
-
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाए गए।
ग. आगे की राह वर्ष 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 के दौरान निम्नलिखित गतिविधियों की योजना है:
-
उपभोक्ता जागरूकता और वित्तीय शिक्षा की दिशा में पहल तेज करना।
-
सीएमएस क्षमताओं में सुधार कर शिकायत निपटान की गुणवत्ता और गति में सुधार करना।
-
बैंकों में शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए प्रणाली के तहत बैंकों का वार्षिक मूल्यांकन करना और प्रणाली की समीक्षा करना।
-
उपभोक्ता संरक्षण और ग्राहक सेवा पर विनियामक दिशानिर्देशों का आगे समेकन।
(योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1533 |