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भारतीय रिज़र्व बैंक ने सितंबर 2007 को समाप्त तिमाही; जिसमें 100 अतिरिक्त केंद्र शामिल किए गए हैं, के लिए बैंक की जमाराशियों और ऋण पर आँकड़े जारी किए - आरबीआई - Reserve Bank of India

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भारतीय रिज़र्व बैंक ने सितंबर 2007 को समाप्त तिमाही; जिसमें 100 अतिरिक्त केंद्र शामिल किए गए हैं, के लिए बैंक की जमाराशियों और ऋण पर आँकड़े जारी किए

 

11 जनवरी 2008

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सितंबर 2007 को समाप्त तिमाही;जिसमें 100 अतिरिक्त केंद्र
शामिल किए गए हैं, के लिए बैंक की जमाराशियों और ऋण पर आँकड़े जारी किए

टिप्पणी: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमाराशियां एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी भारतीय रिज़र्व बैंक का एक तिमाही प्रकाशन है। यह संदर्भाधीन तिमाही के अंतिम शुक्रवार की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की कुल जमाराशियों और सकल बैंक ऋण पर आँकड़े दर्शाती है। ये आँकड़े मूलभूत-सांख्यिकीय विवरणियाँ-7 पर आधारित होते हैं जिसे सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) की शाखाओं से प्राप्त किया जाता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमाराशियां एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी - सितंबर 2007 शीर्षांकित अपने त्रैमासिक प्रकाशन को जारी किया। इस प्रकाशन में सितंबर 2007 को समाप्त तिकाही के लिए बैंक की जमाराशियों और ऋण पर आँकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। इस प्रकाशन में 100 अतिरिक्त केंद्रों के संबंध में आँकड़े उपलब्ध कराए गए हैं। अत: इस प्रकाशन में सितंबर 2007 से वर्तमान शीर्षस्थ 100 केंद्रों के स्थान पर कुल जमाराशियों/सकल बैंक ऋण की मात्रा के अनुसार रखे गए शीर्षस्थ 200 केंद्रों के लिए आँकड़े प्रस्तुत किए जाएंगे।

मुख्य-मुख्य बातें

  • कुल जमाराशियों की दृष्टि में शीर्षस्थ 200 केंद्रो ने कुल रिपोर्टकर्ता कार्यालयों की संख्या में 30.4 प्रतिशत एवं कुल जमाराशियों में 74.4 प्रतिशत का योगदान किया जबकि कुल रिपोर्टकर्ता कार्यालयों की संख्या में शीर्षस्थ 100 केद्रों का हिस्सा 25.4 प्रतिशत एवं कुल जमाराशियों में 69.6 प्रतिशत का रहा। इसी तरह, सकल बैंक ऋण के क्रम में शीर्षस्थ 200 केद्रों का हिस्सा कुल बैंक ऋण में 80.8 प्रतिशत रहा जबकि शीर्षस्थ 100 केद्रों ने सकल बैंक ऋण में 77.2 प्रतिशत का योगदान किया।
  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने जिन बैंक सुविधायुक्त केद्रों को सेवा दी उनकी संख्या 34,337 रही। इन केद्रों में से 83.5 प्रतिशत अर्थात् 28,666 एकल कार्यालय केंद्र थे और 51 केंद्र ऐसे थे जिनके बैंक कार्यालय 100 या इससे अधिक थे।
  • समूह के रूप में राष्ट्रीयकृत बैंकों ने कुल जमा राशियों में 47.9 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि भारतीय स्टेट बैंक और उसके सयोगी बैंकों का योगदान 22.6 प्रतिशत रहा। अन्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का कुल जमाराशियों में हिस्सा क्रमश: 20.3 प्रतिशत, 6.1 प्रतिशत और 3.0 प्रतिशत रहा।
  • सकल बैंक ऋण के संदर्भ में कुल बैंक ऋण में सर्वाधिक 47.0 प्रतिशत हस्सा राष्ट्रीयकृत बैंकों का रहा जबकि इसके ठीक पीछे भारतीय स्टेट बैंक और उसके सयोगी बैंक 22.9 प्रतिशत और अन्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक 20.6 प्रतिशत रहे। तुलनात्मक रूप से विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का कुल बैंक ऋण में हिस्सा सबसे कम क्रमश: 6.8 प्रतिशत और 2.6 प्रतिशत रहा।
  • जमाराशियों की मात्रा के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक कार्यालयों के वितरण से य पता चलता है कि कुल बैंक कार्यालयों में 56.8 प्रतिशत बैंक कार्यालय, 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक की जमा राशियों वाले थे। कुल जमा राशियों में इन बैंक कार्यालयों का योगदान 94.6 प्रतिशत और कुल बैंक ऋण में 90.9 प्रतिशत रहा। जिन कार्यालयों ने 10 करोड़ रुपये या अधिक का ऋण दिया उनका प्रतिशत 33.7 रहा। समग्र रूप में इन कार्यालयों ने कुल बैंक ऋण का 90.3 प्रतिशत दिया, जबकि कुल जमा राशियों में उनका हिस्सा 74.4 प्रतिशत रहा।
  • अखिल भारतीय स्तर पर सितंबर 2007 के अंतिम शुक्रवार की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के ऋण-जमा अनुपात (सी-डी) 71.5 प्रतिशत रहा। राज्यों / संघशासित   क्षेत्रों में सर्वाधिक ऋण-जमा अनुपात तमिलनाडु (109.8 प्रतिशत) में देखा गया, जबकि इसके बाद चंडीगढ़ (100.2 प्रतिशत) का स्थान रहा।
  • बैंक समूह स्तर पर ऋण-जमा अनुपात अखिल भारतीय ऋण-जमा अनुपात की तुलना में विदेशी बैंकों (79.9 प्रतिशत), भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों और अन्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (दोनों में 72.5 प्रतिशत) में अधिक रहा और राष्ट्रीयकृत बैंकों (70.2 प्रतिशत), और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (61.5 प्रतिशत) के मामले में कम रहा। जनसंख्या समूह के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के ऋण-जमा अनुपात में महानगर केंद्रों का ऋण-जमा अनुपात सर्वाधिक (83.2 प्रतिशत) रहा। ग्रामीण केंद्रों (60.5 प्रतिशत) और शरी केंद्रों (56.9 प्रतिशत) का स्थान उसके बाद रहा और अर्धशरी केंद्रों में 52.0 प्रतिशत का निम्नतम ऋण-जमा अनुपात देखा गया।

अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/915

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