चलनिधि जोखिम प्रबंध पर प्रारूप दिशानिर्देश तथा चलनिधि मानकों पर बासेल III ढाँचा - आरबीआई - Reserve Bank of India
चलनिधि जोखिम प्रबंध पर प्रारूप दिशानिर्देश तथा चलनिधि मानकों पर बासेल III ढाँचा
21 फरवरी 2012 चलनिधि जोखिम प्रबंध पर प्रारूप दिशानिर्देश तथा रिज़र्व बैंक ने 21 फरवरी 2012 को अपनी वेबसाइट पर अभिमत और प्रतिसूचना के लिए चलनिधि जोखिम प्रबंध तथा चलनिधि मानकों पर बासेल III ढाँचे पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किया। हाल के संकट में चलनिधि जोखिम प्रबंध में देखी गई कमियों का समाधान करने तथा बैंकों में चलनिधि जोखिम प्रबंध को मजबूत करने के लिए बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बासेल समिति (बीसीबीएस) ने सितंबर 2008 में ''सुदृढ़ चलनिधि जोखिम प्रबंध और पर्यवेक्षण के सिद्धांत'' प्रकाशित किया। इसके बाद दिसंबर 2010 में ``बासेल III: चलनिधि जोखिम प्रबंध, मानक और निगरानी'' अर्थात् दो न्यूनतम वैश्विक विनियामक मानक निर्धारित करते हुए चलनिधि पर बासेल III नियमावली का पाठ उदाहरणार्थ; चलनिधि जोखिम के लिए चलनिधि व्यापकता अनुपात (एलसीआर) तथा निवल स्थिर निधीयन अनुपात (एनएसएफआर) और पाँच निगरानी उपकरणों का एक सेट प्रकाशित किया गया। बीसीबीएस का एक सदस्य होते हुए रिज़र्व बैंक बासेल III सुधार पैकेज के उद्देश्य के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है और इसलिए भारत में परिचालनरत बैंकों के लिए इन प्रस्तावों के कार्यान्वयन का अभिप्राय रखता है। तदनुसार, चलनिधि जोखिम प्रबंध तथा चलनिधि मानकों पर बासेल III ढाँचे पर प्रारूप दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं। प्रारूप दिशानिर्देश दो खण्डों अर्थात् खण्ड I और खण्ड II में प्रस्तुत किए गए हैं। खण्ड I में रिज़र्व बैंक द्वारा पूर्व में समय-समय पर जारी चलनिधि जोखिम प्रबंध पर विभिन्न अनुदेशों/मार्गदर्शनों को समेकित किया गया है और जहाँ उचित हो यह सुदृढ़ चलनिधि जोखिम प्रबंध और पर्यवेक्षण के लिए बीसीबीएस के सिद्धांतों की तरह इन अनुदेशों/मार्गदर्शनों को सुसंगत बनाता है और इनमें वृद्धि करता है। खण्ड II में भारतीय बैंकों पर लागू चलनिधि जोखिम पर बासेल III दिशानिर्देशों को जारी किया गया है। दिसंबर 2010 में बीसीबीएस द्वारा जारी बासेल III नियमों के अध्याय में दर्शाए गए दो न्यूनतम वैश्विक विनियामक मानक अर्थात् एलसीआर और एनएसएफआर को दिशानिर्देशों के अंतर्गत निर्धारित किया गया है जो क्रमशः 1 जनवरी 2015 और 1 जनवरी 2018 से अनिवार्य हो जाएँगे। तब तक इन दिशानिर्देशों को सर्वोत्कृष्ट प्रयास के आधार पर अनुपालन के लिए जारी किया गया है। बैंकों द्वारा जून 2012 को समाप्त समाप्त माह/तिमाही से रिज़र्व बैंक के बासेल III ढाँचे के अंतर्गत चलनिधि वापसी प्रस्तुत करने की अपेक्षा है। प्रारूप दिशानिर्देश पर अभिमत/प्रतिसूचना प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय भवन, 12 वीं मंजिल, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई-400001 को इमेल द्वारा अधिक से अधिक 21 मार्च 2012 तक भेजे जा सकते हैं। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1337 |