भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जून 2004 के अंत की भारत की बाह्य ऋण स्थिति प्रकाशित करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जून 2004 के अंत की भारत की बाह्य ऋण स्थिति प्रकाशित करना
30 सितंबर 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जून 2004 के अंत की भारत की बाह्य ऋण स्थिति प्रकाशित करना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज 30 जून 2004 के भारत के बाह्य ऋण संबंधी प्रमुख बिन्दुओं को प्रकाशित किया।
- जून 2004 के अंत में 112.6 बिलियन अमेरिकी डालर में, भारत का कुल बाह्य ऋण मार्च 2004 के अंत स्तर पर सीमांत रूप से 121 मिलियन अमेरिकी डालर बढ़ा।

- अन्य बड़ी अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डालर के मूल्य में वफ्द्धि के कारण हुए मूल्यन प्रभाव को छोड़ने पर, बाह्य ऋण के स्टाक में 2 बिलियन अमेरिकी डालर की वफ्द्धि हुई। रुपये में मापने पर, अप्रैल-जून 2004 के दौरान बाह्य ऋण के स्टाक में 5.9 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई।
- भारत के बाह्य ऋण की मुद्रा संरचना में अमेरिकी डालर का प्रभुत्व जारी रहा। (सारणी 2)

- घटकों में, बहुपक्षीय ऋण, बाह्य व्यापारिक उधार और अल्पावधि ऋण में बढ़ोत्तरी हुई जबकि अन्य सभी घटकों ने गिरावट दर्ज की (सारणी 3)
सारणी 3 : बाह्य ऋण की संरचना


- तिमाही के दौरान अल्पावधि ऋण में अधिकतम विस्तार (1.2 बिलियन अमेरिकी डालर अथवा 24.7 प्रतिशत) हुआ, जो पेट्रोलियम, तेल और चिकनाई के पदार्थ (पीओएल) और गैर पीओएल में पर्याप्त वफ्द्धि को दर्शाता है (तालिका 1)
तालिका 1 : घटक द्वारा बाह्य ऋण में भिन्नता
(मिलियन अमेरिकी डालर)
मद | जून अंत 2004 | मार्च अंत 2004 | तिमाही के दौरान भिन्नता | |
पूर्ण भिन्नता | प्रतिशत भिन्नता | |||
(1) | (2) | (3) | (4) | (5) |
1. बहुपक्षीय | 29,705 | 29,614 | 91 | 0.3 |
2. द्विपक्षीय | 17,149 | 17,489 | -340 | -1.9 |
3. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष | 0 | 0 | - | - |
4.निर्यात ऋण | 4,464 | 4,588 | -124 | -2.7 |
5.वाणिज्यिक उधार# | 22,316 | 22,163 | 153 | 0.7 |
6. अनिवासी भारतीय जमाएं (दीर्घावधि) | 30,785 | 31,216 | -431 | -1.4 |
7. रुपया ऋण | 2,309 | 2,709 | -400 | -14.8 |
8. दीर्घावधि ऋण (1 से 7) | 1,06,728 | 1,07,779 | -1,051 | -1.0 |
9. अल्पावधि ऋण | 5,908 | 4,736 | 1,172 | 24.7 |
10. कुल ऋण (8+9) | 1,12,636 | 1,12,515 | 121 | 0.1 |
# 100 प्रतिशत एफआइआइ ऋण निधि के निवल निवेश शामिल हैं।
बाह्य ऋण के सूचक
- बाह्य ऋण को धारण करने वाले प्रमुख सूचकों में से, कुल ऋण में अल्पावधि ऋण के अनुपात ने थोड़ी वफ्द्धि दर्ज की, जो विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि के अल्पावधि ऋण अनुपात में हुई उपरिगामी बढ़ोत्तरी में भी प्रतिबिंबित हुई (तालिका 2)
सारणी 2 : ऋण धारणीयता के सूचक
सूचक | जून अंत 2004 | मार्च अंत 2004 |
रियायती ऋण/कुल ऋण (%) | 35.4 | 35.8 |
अल्पावधि/कुल ऋण (%) | 5.2 | 4.2 |
अल्पावधि ऋण/आरक्षित निधि(%) | 4.9 | 4.2 |
कुल ऋण में आरक्षित निधि (%) | 106.1 | 100.4 |
- भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि बाह्य ऋण से 6.9 बिलियन अमेरिकी डालर अधिक हो गयी जिसने जून 2004 के अंत में बाह्य ऋण स्टाक को 106.1 प्रतिशत का कवर (रक्षा) प्रदान किया (सारणी 4)।

जून 2003 से जून 2004 की अवधि में ऋण स्टाक के विकास का पूरा ब्यौरा विवरण 1 और 2 में दिया गया है।
पी. वी. सदानंदन
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2004-2005/360