RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

80537977

भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट : जून 2012 जारी की

28 जून 2012

भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट : जून 2012 जारी की

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज चिंताजनक वैश्विक और घरेलू समष्टि आर्थिक गतिविधियों की पृष्‍ठभूमि में वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का पांचवा अंक जारी किया। इन छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्टों के माध्‍यम से रिज़र्व बैंक बाज़ार के साथ अपने समष्टि विवेकपूर्ण निगरानी के परिणामों, प्रणाली में संवेदनशीलता पर तर्क-वितर्क को प्रोत्‍साहित करने और जागरूकता लाने तथा त्‍वरित सुधारात्‍मक कार्रवाई के लिए सुझाव देने हेतु जानकारी उपलब्‍ध कराने का प्रयास करता है। पूर्व की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट की तरह रिपोर्ट के इस अंक में वित्तीय स्थिरता को संभावित जोखिम पर वित्तीय स्थिरता और विकास समिति (एफएसडीसी) की उप समिति के सामूहिक आकलन को दर्शाया गया है।

मुख्‍य-मुख्‍य बातें :

(1) मुख्‍यत: वैश्विक जोखिमों और घरेलू समष्टि-आर्थिक परिस्थितियों के कारण स्थिरता जोखिम में बढ़ोत्‍तरी होने के बावजूद देश की वित्तीय प्रणाली मज़बूत बनी रही।

(विवरण : पैरा 1)

(2) रिज़र्व बैंक के दूसरे प्रणालीगत जोखिम सर्वेक्षण ने उभरते वैश्विक जोखिमों और कई घरेलू कारकों पर चिंता व्‍यक्‍त की है। फिर भी, प्रक्रिया देनेवालों ने घरेलू वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के बारे में विश्‍वास बनाए रखा है।

(विवरण : पैरा 2; अध्‍याय 1 : पैरा 5.1-5.6)

(3) घरेलू वृद्धि को जोखिम राजकोषीय और बाह्य क्षेत्र असंतुलनों के कारण है। मुद्रास्‍फीतिकारी दबाव कम हुए हैं किन्‍तु मुद्रास्‍फीति जोखिम बनी हुई है।

(विवरण : पैरा 7-11,  अध्‍याय 5 : पैरा 1.7-1.30)

(4) विदेशी मुद्रा और ईक्विटी बाज़ारों में सुधार हुआ है और अत्‍यधिक घट-बढ़ जारी है।

(विवरण : पैरा 12; 14; अध्‍याय 2 : पैरा 2.12 और 2.15)

(5) बैंक ऋण, बाज़ार और चलनिधि जोखिमों की ओर लचीली बनी रही और उनकी सुगम पूँजी पर्याप्‍तता स्थिति को देखते हुए वे समष्टि-आर्थिक आघातों को झेलने में समर्थ होगी।

(विवरण : पैरा 22, अध्‍याय 3 : पैरा 3.41-3.49, अध्‍याय 5 : पैरा 5.29-5.33)

(6) फिर भी, आस्ति गुणवत्‍ता की चिंता बनी हुई हैं और चलनिधि दबाव बढ़े हैं। बैंकिंग क्षेत्र में ऋण और जमा वृद्धि में कमी आयी है जबकि बैंकों की उधार निधियों पर निर्भरता बढ़ी हैं।

(विवरण : पैरा 16, 17; अध्‍याय 3 : पैरा 3.6-3.11, 3.13-3.20)

(7) बैंकों के बीच विपत्ति के समय निर्भरता बढ़ी हैं। भारतीय बैंकिंग प्रणाली के नेटवर्क का विश्‍लेषण यह दर्शाता है कि ''अत्‍यधिक कनेक्‍टड'' बैंकों का प्रणालीगत महत्‍व बढ़ गया है जिससे बैंकों की नज़दीकी से निगरानी आवश्‍यक हो गई है।

(विवरण : पैरा 18; अध्‍याय 5 : पैरा 5.16-5.18 और पैरा 5.22-5.28)

(8) वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से शुरू हुए सुधारों के लिए नीति रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया है। कई देशों ने सुधारों (उदाहरण के लिए बासेल III में अंतरण) को लागू करने के लिए अपनी संबंधित राष्‍ट्रीय  नीति रूपरेखाओं की घोषणा की है। ऐसी नीति रूपरेखाओं के बीच मतभेद से सीमापार अनुकूलता के बारे में चिंता बढ़ गई है।

(विवरण : पैरा 24; अध्‍याय 4 : 4.1-4.2)

(9) नए पूँजी और चलनिधि मानकों से उत्‍प्रेरित डिलिवरेजि़ग के कारण भारत जैसी उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं के लिए सुधार उपायों को लागू करने से अनजाने परिणाम हो सकते हैं।

(विवरण : पैरा 24; अध्‍याय 4 : 4.1-4.2)

(10) भारत के बैंक संबंधित मज़बूत स्थिति में बासेल III में अंतरित होंगे किंतु उच्‍च पूँजी लागत के रूप में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

(विवरण : पैरा 25; अध्‍याय 4 : 4.3-4.5)

(11) भुगतान और निपटान प्रणाली पर समिति (सीपीएसएस) और अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (आईओएससीओ) द्वारा जारी वित्तीय बाज़ार मूलभूत सुविधा के लिए नए सिद्धांत सख्‍त जोखिम प्रबंध आवश्‍यकताओं का प्रस्‍ताव देते हैं जिससे घरेलू केंद्रीय प्रतिपक्षों की जोखिम प्रबंध प्रणालियों पर पुन:विचार करना आवश्‍यक होगा।

(विवरण : पैरा 29; अध्‍याय 4 : 4.36-4.37)

(12) भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआइएल) के वित्तीय संसाधन और उनकी चलनिधि तथा ऋण जोखिम प्रबंध की रूपरेखा को सही करना होगा ताकि उनकी पदनामित निपटान बैंकों को महत्‍वपूर्ण गैर-संपार्श्विकृत आंतर-दिवसीय एक्‍सपोज़र पर ध्‍यान दिया जा सके।

(विवरण : पैरा 29; अध्‍याय 4 : 4.25-4.28)

अगली वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट दिसंबर 2012 में प्रकाशित की जाएगी।

अल्‍पना किल्‍लावाला
मुख्‍य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/2089

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?