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भारतीय रिज़र्व बैंक ने “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा-राशि और ऋण की तिमाही सांख्यिकी – दिसंबर 2017” जारी की

27 फरवरी 2018

भारतीय रिज़र्व बैंक ने
“अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा-राशि और ऋण की तिमाही सांख्यिकी – दिसंबर 2017” जारी की

आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (अ॰वा॰बै॰) की जमा-राशि और ऋण पर तिमाही सांख्यिकी, दिसंबर 2017” नामक वेब प्रकाशन अपने भारतीय अर्थव्यवस्था पर डाटाबेस (डीबीआईई) नामक पोर्टल पर जारी किया। इस प्रकाशन में दिए गए आंकड़े मूलभूत सांख्यिकी विवरणियाँ (बीएसआर) -7 रिपोर्टिंग प्रणाली के माध्यम से संकलित किए गए हैं और इन्हें सभी प्रकार की जमा-राशि और बैंक ऋणों के लिए राज्य, जिला, केंद्र, जनसंख्या और बैंक-समूहवार वर्गीकृत किया गया है| ये आंकड़े, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) समेत सभी अ॰वा॰बैं॰ और छ्ह लघु वित्त बैंकों (एसएफबी), जिनमें से दो भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में संदर्भित तिमाही के दौरान जोड़े गए हैं, से प्राप्त किए गए हैं|

मुख्य बातें :

  • लगातार दूसरी तिमाही में सकल जमाराशियों में गिरावट जारी रही; सभी जनसंख्या समूहों (ग्रामीण/ अर्ध-शहरी/ शहरी/ महानगरीय) में जमा राशियों में वृद्धि-दर 3.3 प्रतिशत से 5.4 प्रतिशत के बीच रही।

  • बैंक-समूहों के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और क्षे॰ग्रा॰बैं॰ की जमाराशि संचय न्यूनतम रहा जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों ने अपनी दो अंकों की वृद्धि दर को बरकरार रखा और विदेशी बैंकों ने चार तिमाहियों के उपरांत जमाराशियों में धनात्मक वृद्धि दर्ज की।

  • बैंक ऋण सभी जनसंख्या समूहों में संभलता दिखा और पाँच तिमाहियों के बाद पुन: दो अंकों की वृद्धि दर प्राप्त की; इस वृद्धि में निजी क्षेत्र के बैंकों की अग्रणी भूमिका रही और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने भी इसमें सहयोग दिया।

  • कुल जमाराशियों में आधे से अधिक तथा बैंक ऋण में और भी अधिक भागीदारी के साथ कुल बैंकिंग व्यवसाय का लगभग 57 प्रतिशत कारोबार महानगरों में स्थित शाखाओं/ कार्यालयों में रहा।

  • जमाराशियों और बैंक ऋण का दो तिहाई कारोबार सात राज्यों (महाराष्ट्र, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल) में था।

  • बैंक ऋण मे बढ़त से बैंकिंग प्रणाली के ऋण-जमा अनुपात में सुधार हुआ और यह पिछली तिमाही के 73.3 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर 2017 के अंत में 75.1 प्रतिशत रहा।

  • तिमाही के दौरान महाराष्ट्र के अतिरिक्त सभी राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों में ऋण-जमा अनुपात में वृद्धि हुई; तमिलनाडु, चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में यह अनुपात शत-प्रतिशत से भी अधिक रहा।

जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/2306

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